ETV Bharat / state

मालवा की सबसे बड़ी मंडी में कोरोना का कहर, व्यापारी-कर्मचारियों के संक्रमित होने के बाद मंडी बंद - मंडी समिति सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया

कृषि उपज मंडी मंदसौर में कुछ व्यापारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद हफ्ते भर के लिए मंडी को बंद कर दिया गया है.

Mandsaur
मालवा की सबसे बड़ी मंडी में कोरोना विस्फोट
author img

By

Published : Sep 4, 2020, 10:28 AM IST

मंदसौर। कोरोना संक्रमण की वजह से कृषि उपज मंडी मंदसौर में एक बार फिर हफ्ते भर का अवकाश घोषित कर दिया गया है. पिछले दिनों मंडी के पांच व्यापारी एक साथ कोरोना संक्रमित पाए गए थे. जिसके बाद दशपुर मंडी व्यापारी संघ के व्यापारियों ने मंडी बंद करने की मांग उठाई थी. मंडी प्रशासन ने व्यापारियों की मांग को मंजूर करते हुए 6 सितंबर तक मंडी बंद करने का ऐलान किया है. मंडी में माल बेचने आ रहे किसान और यहां कारोबार कर रहे व्यापारी, लॉकडाउन के नियमों का कतई पालन नहीं कर रहे हैं. लिहाजा 5 व्यापारी और तीन मंडी कर्मचारी एक साथ संक्रमण की चपेट में आए हैं.

मालवा की सबसे बड़ी मंडी में कोरोना विस्फोट

करीब 3 महीने लॉकडाउन के बाद शासन ने व्यापारिक गतिविधियों को वापस चलाने की मंशा से अनलॉक की प्रक्रिया में मंडी का कारोबार भी शुरू करने की मंजूरी दी थी. पुलिस और प्रशासन की देखरेख में कुछ दिनों तक कारोबार, नियमों के मुताबिक चलता रहा.

देसी लहसुन की बिक्री के मामले में मंदसौर कृषि उपज मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी है. इसके चलते यहां राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, देवास और रतलाम से भी सैकड़ों किसान रोजाना अपनी उपज बिक्री के लिए आते हैं. मंडी में माल बेचने के लिए प्रशासन ने व्यापारियों के अलग-अलग स्थान पर बैठकर माल की परख और बोली लगाने की व्यवस्था की है, लेकिन एक तरफ किसान और दूसरी तरफ खरीददार व्यापारियों में से कोई भी लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहा है.

मालवा इलाके की क्लास मानी जाने वाली इस मंडी में रोजाना 40 हजार बोरी माल की आवक होती है. लसुन, प्याज और सोयाबीन उपज की बंपर आवक होने से कारोबार के दौरान यहां करीब 15 से 20 हजार लोगों का रोजाना आवागमन होता है. देसी लहसुन और फसलों का निर्यात दक्षिण राज्यों के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में भी होने से यहां कई ट्रक ड्राइवर और क्लीनर का भी आना जाना लगा रहता है. इसलिए यहां दूसरे प्रांतों से वायरस के आने की आशंका है.

हालांकि मंडी प्रशासन ने यहां सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह सेनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की है, लेकिन माल की बिक्री की जल्दबाजी में न तो किसान और ना ही व्यापारी वर्ग इसका पालन कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में यहां मंडी में कारोबार कर रहे लहसुन के तीन और किराना कारोबार के 2 युवा व्यापारी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. इतना ही नहीं कृषि उपज मंडी समिति के इंस्पेक्टर और लेखा विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी भी पॉजिटिव हो गई हैं.

कृषि उपज मंडी में एक हफ्ते के अवकाश के पीछे मंडी समिति के सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण के अलावा व्यापारी संघ, मंडी एक्ट में संशोधन करने की भी मांग कर रहे हैं. लिहाजा प्रदेश की कई मंडियां अभी वर्तमान समय में बंद हैं. हालांकि 3 सितंबर से 5 सितंबर तक अवकाश का ऐलान किया गया है, लेकिन मंडी में कारोबार कर रहे व्यापारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने से मंडी प्रशासन ने अब एक हफ्ते तक मंडी को बंद रखने का ऐलान कर दिया है.

मंदसौर। कोरोना संक्रमण की वजह से कृषि उपज मंडी मंदसौर में एक बार फिर हफ्ते भर का अवकाश घोषित कर दिया गया है. पिछले दिनों मंडी के पांच व्यापारी एक साथ कोरोना संक्रमित पाए गए थे. जिसके बाद दशपुर मंडी व्यापारी संघ के व्यापारियों ने मंडी बंद करने की मांग उठाई थी. मंडी प्रशासन ने व्यापारियों की मांग को मंजूर करते हुए 6 सितंबर तक मंडी बंद करने का ऐलान किया है. मंडी में माल बेचने आ रहे किसान और यहां कारोबार कर रहे व्यापारी, लॉकडाउन के नियमों का कतई पालन नहीं कर रहे हैं. लिहाजा 5 व्यापारी और तीन मंडी कर्मचारी एक साथ संक्रमण की चपेट में आए हैं.

मालवा की सबसे बड़ी मंडी में कोरोना विस्फोट

करीब 3 महीने लॉकडाउन के बाद शासन ने व्यापारिक गतिविधियों को वापस चलाने की मंशा से अनलॉक की प्रक्रिया में मंडी का कारोबार भी शुरू करने की मंजूरी दी थी. पुलिस और प्रशासन की देखरेख में कुछ दिनों तक कारोबार, नियमों के मुताबिक चलता रहा.

देसी लहसुन की बिक्री के मामले में मंदसौर कृषि उपज मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी है. इसके चलते यहां राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, देवास और रतलाम से भी सैकड़ों किसान रोजाना अपनी उपज बिक्री के लिए आते हैं. मंडी में माल बेचने के लिए प्रशासन ने व्यापारियों के अलग-अलग स्थान पर बैठकर माल की परख और बोली लगाने की व्यवस्था की है, लेकिन एक तरफ किसान और दूसरी तरफ खरीददार व्यापारियों में से कोई भी लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहा है.

मालवा इलाके की क्लास मानी जाने वाली इस मंडी में रोजाना 40 हजार बोरी माल की आवक होती है. लसुन, प्याज और सोयाबीन उपज की बंपर आवक होने से कारोबार के दौरान यहां करीब 15 से 20 हजार लोगों का रोजाना आवागमन होता है. देसी लहसुन और फसलों का निर्यात दक्षिण राज्यों के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में भी होने से यहां कई ट्रक ड्राइवर और क्लीनर का भी आना जाना लगा रहता है. इसलिए यहां दूसरे प्रांतों से वायरस के आने की आशंका है.

हालांकि मंडी प्रशासन ने यहां सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह सेनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की है, लेकिन माल की बिक्री की जल्दबाजी में न तो किसान और ना ही व्यापारी वर्ग इसका पालन कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में यहां मंडी में कारोबार कर रहे लहसुन के तीन और किराना कारोबार के 2 युवा व्यापारी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. इतना ही नहीं कृषि उपज मंडी समिति के इंस्पेक्टर और लेखा विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी भी पॉजिटिव हो गई हैं.

कृषि उपज मंडी में एक हफ्ते के अवकाश के पीछे मंडी समिति के सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण के अलावा व्यापारी संघ, मंडी एक्ट में संशोधन करने की भी मांग कर रहे हैं. लिहाजा प्रदेश की कई मंडियां अभी वर्तमान समय में बंद हैं. हालांकि 3 सितंबर से 5 सितंबर तक अवकाश का ऐलान किया गया है, लेकिन मंडी में कारोबार कर रहे व्यापारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने से मंडी प्रशासन ने अब एक हफ्ते तक मंडी को बंद रखने का ऐलान कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.