मंदसौर। सावन के पहले सोमवार के अवसर पर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. विश्व की सबसे बड़ी भगावन शिव की अष्टमुखी प्रतिम के दर्शन करने हजारों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए भगवान शिव का जलाभिषेक किया.
विश्व की सबसे बड़ी भगवान शिव की अष्ट मुखी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए प्रशासन ने यहां बड़े पैमाने पर व्यवस्था की है. गर्भ गृह में स्थापित साढ़े 7 फीट ऊंची और ढाई मीटर गोलाई वाली इस प्रतिमा के क्षरण को रोकने के लिए प्रशासन ने इस पर सीधे जलाभिषेक की रोक लगा रखी है. लेकिन सावन सोमवार होने से प्रशासन ने आज दोपहर तक जल पात्रों के जरिए इस पर जलाभिषेक की विशेष अनुमति जारी की.
बता दें कि ढाई हजार साल पुरानी अष्टमुखी प्रतिमा के दर्शन और इस पर जलाभिषेक करने के लिए हर साल यहां सावन महीने में लाखों श्रद्धालु बाहर से आते हैं, लेकिन पंचामृत और केमिकल युक्त पूजा सामग्री के चढ़ावे से प्रतिमा के क्षरण को खराब होने का खतरा बढ़ गया है. इस वजह से केंद्रीय पुरातत्व विभाग के आदेश पर प्रशासन ने प्रतिमा पर सीधे जलाभिषेक और पूजा सामग्री चढ़ाने की मनाही की हुई है.
एसपी हितेश चौधरी ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा और भगवान के दर्शन के लिए विभाग ने यहां पुलिस के करीब 200 जवानों की व्यवस्था की है. प्रधान पुजारी पंडित कैलाश भट्ट ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी इस प्रतिमा के सावन माह में दर्शन और इस पर जलाभिषेक करने से बड़ा धर्म लाभ मिलता है.