मण्डला। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग मजदूरी करने ठेकेदारों के माध्यम से दूसरे प्रदेशों में जाते हैं, जिन्हें ये ठेकेदार मोटी मजदूरी का लालच देकर ले जाते हैं. बाद में इनके साथ होता है अमानवीय कृत्यों का वो सिलसिला, जो इन मजदूरों की मारपीट से लेकर बिना मजदूरी काम कराने के बाद खाली हाथ लौटने के बाद ही खत्म होता है.
जिले से बैगा जनजाति के मजदूरों को आए दिन लुभाने के लिए दूसरे प्रदेश के ठेकेदार इनके गांव आते हैं और इन्हें प्रतिदिन रुपए के साथ ही रहना और खाना फ्री देने का लालच देकर महाराष्ट्र या अन्य प्रदेशों में ले जाते हैं. लेकिन वहां पहुंचते ही इनके साथ किस तरह का व्यवहार होता है, ये सारी बातें उन मजदूरों को बताई, जो महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बंधक बनाकर रखे गए थे.
जिला पंचायत सदस्य नीरज मरकाम की सूचना पर पुलिस की मदद से छुड़ाए गए इन मजदूरों ने बताया कि वहां इन्हें अपनी क्षमता से ज्यादा काम करना पड़ता है और मजदूरी के नाम पर सिर्फ खाने के लिए दाल-चावल दिया जाता है. इनके पास मोबाइल, एटीएम कार्ड या किसी तरह की चीजें नहीं रहने दी जाती, बल्कि इनके सारे संपर्क बाहरी दुनिया से तोड़ दिए जाते हैं.