मंडला। ग्राम पंचायत चौगान के ग्रामीण बुधवार को खाली बर्तन लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने अधिकारियों को अपनी परेशानियों से रूबरू कराते हुए बताया कि गांव में पानी की भीषण समस्या है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों की परेशानी सुनने के बाद अपर कलेक्टर मीना मसराम ने जल्द से जल्द समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन दिया है.
पाइप लाइन विस्तार से भी नहीं निकला हल
जनपद पंचायत मोहगांव के ग्राम चौगान की महिलाएं खाली बर्तनों के साथ जिला मुख्यालय पहुंची. यहां उन्होंने प्रदर्शन भी किया. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि वनग्राम गोपरिया में पेयजल की भीषण समस्या है. पीने और निस्तार के लिए ग्रामीण 2 किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं. ग्राम पंचायत चंदवारा के ग्राम सालीयाना से पेयजल के पाईप लाइन का विस्तार किया गया है, लेकिन गांव में जल की समस्या का कोई हल नहीं निकला है.
ग्रामीणों ने की मांग
ग्रामीणों की मांग है कि पानी की समस्या का स्थायी हल निकाला जाए. इसके लिए गांव में पानी की टंकी, ट्यूबवेल और मोटर लगाई जाए. ग्रामीणों ने बताया कि वे PHE विभाग में कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. इसी कारण उन्हें खाली बर्तन ले कर जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ा.
बैतूल में भी तरस रहे लोग
बैतूल के भीमपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत कस्मारखंडी के अंतर्गत आने वाले जड़िया गांव में भी सर्दी के दिनों में लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं.ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. अगर साफ पानी चाहिए तो ग्रामीणों को तीन से चार किलोमीटर का सफर करना पड़ता है.
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पानी के लिए 'खतरे में जान' !
रायसेन में 30 लाख की नलजल योजना का आदिवासी बाहुल्य बस्ती को लाभ नहीं मिल पा रहा है. यहां 2 किमी दूर रेलवे लाइन पार करके लोग पानी लाते हैं.
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मध्य प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां सर्दी में भी लोगों को पानी के बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ता है. इनमें मंदसौर, नीमच, रायसेन और बैतूल के अलावा भी कई जिले शामिल हैं.