मण्डला। जिले के ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले पक्के मकानों का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले ग्रामीण टूटे-फूटे और जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव आवास योजना के आवेदन पास करने के एवज में रुपयों की मांग करते हैं.
जिले के ग्राम पंचायत भंवरदा में ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं. इस गांव में किसी घर की छत पर त्रिपाल डाला गया है, तो किसी घर का छप्पर ही नहीं है, किसी मकान की दीवार जमींदोज हो चुकी है और कोई मकान कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.
गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले ग्रामीणों ने दर्जनों बार प्रधानमंत्री आवास के लिए अपने आवेदन ग्राम पंचायत में जमा तो कराए, लेकिन इन्हें हर बार बस आश्वासन ही मिलता रहा. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव आवास योजना के आवेदन पास करने के लिए रुपयों की मांग करते हैं.
वहीं प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति और निर्माण में हो रही लेट लतीफी पर जिला पंचायत के अधिकारी का कहना है, कि मण्डला जिले को पहले 24 हजार आवास की स्वीकृति मिली थी, जो बाद में घट कर 15 हजार हो गयी. इसके बाद सरकार ने इसे और कम करते हुए सिर्फ 9 हजार तक सीमित कर दिया है. जिसकी वजह से लोगों को आवास के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है और स्वीकृति में देरी हो रही है.