मंडला। सुप्रीम कोर्ट ने वन भूमि पर काबिज लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए थे, जिसके बाद मण्डला लोकसभा क्षेत्र से सांसद और बीजेपी आदिवासी जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष फग्गनसिंह कुलस्ते और आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
इस आदेश पर मण्डला जिले के सांसद और पूर्व बीजेपी जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष फग्गनसिंह कुलस्ते का कहना है कि इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और सभी दलों के द्वारा विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा दिए जाने के संबंध में ठोस निर्णय लेना चाहिए.
ओमकार मरकाम ने साधा पूर्व की शिवराज सरकार पर निशाना
वहीं आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने केंद्र सरकार और प्रदेश की पूर्व बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी नाकामी और मजबूती से सुप्रीम कोर्ट में आदिवासियों के हित में पक्ष नहीं रख पाने के चलते यह आदेश आया है. उन्होंने कहा कि ये सालों से वन भूमि पर रह रहे आदिवासियों के खिलाफ है. ओमकार मरकाम का कहना है कि इस आदेश के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट जाया जाएगा और आदिवासियों को जमीन से बेदखल होने नहीं दिया जाएगा.
बता दें कि एनजीओ फॉरेस्ट फस्ट और अन्य ने 13 फरवरी को एक याचिका दायर की थी, जिस पर महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वन अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकारों को आदेश दिया है. आदेश के मुताबिक वन भूमि पर काबिज लोगों के आवेदन निरस्त कर यहां से कब्जा हटाने को कहा गया है. इस आदेश के बाद निरस्त हुए आवेदनों की संख्या को लेकर अलग-अलग तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं.