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135 साल पुरानी है चर्च की बनावट, भारत में केवल तीन जगहों पर है ऐसी इमारत - सेंट ल्यूक्स चर्च

प्रभू येशु मसीह के जन्मदिन की तैयारियां शुरु हो गई हैं. गिरजाघरों में 25 दिसंबर को ईसाई धर्म के अनुयायियों की भीड़ जुटेगी. मंडला में भी क्रिसमस की विशेष तैयारियां की जा रही हैं. शहर के 135 साल पुराने सेंट ल्यूक्स चर्च में भी प्रार्थना के विशेष तैयारियां शुरु हो गई हैं.

sent lucs church
सेंट ल्यूक्स चर्च
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Published : Dec 23, 2019, 8:53 PM IST

मंडला। शहर में बने 135 साल पुराने सेंट ल्यूक्स चर्च में क्रिसमस के दिन प्रभू येशु मसीह के भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. पूरे देश में महज तीन ही ऐसी बनावट के चर्च हैं, जिनका निर्माण अंग्रेजी शासन काल मे हुआ था, जो यूरोपियन शैली में बनाया गया है. जिसका निर्माण सेंट ल्यूक्स चर्च विसेंट मिलोनी ने करवाया था.

सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च

इस चर्च की खास बात है इसकी बनावट, जो पूरे देश में मंडला के अलावा सिवनी जिले और हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में ही मिलती है. चर्च का निर्माण अंग्रेजों के द्वारा मजबूत काले पत्थरों और सफेद संगमरमर से कराया था. वहीं चूने और पेड़ों की लार से बने गारे से इसे जोड़ा गया था. जिसकी मजबूती आज भी ऐसी है कि कहीं एक दरार भी नहीं आई, चर्च के अंदर के हिस्से को मजबूती के साथ ही उसमें सफाई देने के लिए ईंट से भी दीवारें बनाई गईं हैं. जिनके निचले हिस्से खास डिज़ाइन बनाई गई थीं. जो ट्रिनिटी परमेश्वर की जानकारी देता है ऐसे ही सिंबल या आकृतियां यहां के फर्नीचर और अन्य इक्यूपमेंट पर भी मिलते हैं.

सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च
135 पुरानाे चर्च की बनावट है खास

100 साल से ज्यादा पुराने इस चर्च को एमपी ट्यूरिज्म के अपने विभाग के दस्तावेजों में भी शामिल कर लिया गया है. क्रिसमस के समय यहां ईसाई धर्म को मानने वालों की खासी भीड़ भी होती हैं, वहीं इसकी साज सज्जा के साथ ही इसमें आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम भी बहुत खास होते हैं, मंडला जिले का इतिहास सदियों पुराना है और इस इतिहास है गौरव ये सेंट ल्यूक्स चर्च भी है.

मंडला। शहर में बने 135 साल पुराने सेंट ल्यूक्स चर्च में क्रिसमस के दिन प्रभू येशु मसीह के भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. पूरे देश में महज तीन ही ऐसी बनावट के चर्च हैं, जिनका निर्माण अंग्रेजी शासन काल मे हुआ था, जो यूरोपियन शैली में बनाया गया है. जिसका निर्माण सेंट ल्यूक्स चर्च विसेंट मिलोनी ने करवाया था.

सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च

इस चर्च की खास बात है इसकी बनावट, जो पूरे देश में मंडला के अलावा सिवनी जिले और हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में ही मिलती है. चर्च का निर्माण अंग्रेजों के द्वारा मजबूत काले पत्थरों और सफेद संगमरमर से कराया था. वहीं चूने और पेड़ों की लार से बने गारे से इसे जोड़ा गया था. जिसकी मजबूती आज भी ऐसी है कि कहीं एक दरार भी नहीं आई, चर्च के अंदर के हिस्से को मजबूती के साथ ही उसमें सफाई देने के लिए ईंट से भी दीवारें बनाई गईं हैं. जिनके निचले हिस्से खास डिज़ाइन बनाई गई थीं. जो ट्रिनिटी परमेश्वर की जानकारी देता है ऐसे ही सिंबल या आकृतियां यहां के फर्नीचर और अन्य इक्यूपमेंट पर भी मिलते हैं.

सेंट ल्यूक्स चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च
135 पुरानाे चर्च की बनावट है खास

100 साल से ज्यादा पुराने इस चर्च को एमपी ट्यूरिज्म के अपने विभाग के दस्तावेजों में भी शामिल कर लिया गया है. क्रिसमस के समय यहां ईसाई धर्म को मानने वालों की खासी भीड़ भी होती हैं, वहीं इसकी साज सज्जा के साथ ही इसमें आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम भी बहुत खास होते हैं, मंडला जिले का इतिहास सदियों पुराना है और इस इतिहास है गौरव ये सेंट ल्यूक्स चर्च भी है.

Intro:मण्डला में सेंट ल्यूक्स चर्च 135 साल पुराना है जिसे बनाने में ब्लैक स्टोन के साथ व्हाइट मार्बल का उपयोग किया गया है,खास बात यह कि पूरे देश में महज तीन ही ऐसी बनावट के चर्च हैं जिनका निर्माण अंग्रेजी शासन काल मे हुआ था जो यूरिपियन शैली में बनाया गया है।


Body:मण्डला शहर में अंग्रेजी शासन काल में सीएमएस याने 'चर्च मिशनरी सोसायटी' के द्वारा 18 अकूबर 1885 में सेंट ल्यूक्स चर्च विसेंट मिलोनी के मार्गदर्शन में बनाया गया था जिसे उस समय अंग्रेज ऑफिसर्स चैपल के रूप में उपयोग करते थे जो बाद में आम मसीही के लिए भी खोल दिया गया जिसमें आज भी प्रार्थनाएं होती हैं,इस चर्च की खास बात है इसकी बनावट जो पूरे देश मे मण्डला के अलावा सिवनी जिले और हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में ही मिलती है इस चर्च का निर्माण अंग्रेजो के द्वारा मजबूत काले पत्थरों और सफेद संगमरमर से कराया था वहीं चूने,गुड़ और पेड़ों की लार से बने गारे से इसे जोड़ा गया था जिसकी मजबूती आज भी ऐसी की कहीं एक दरार भी नहीं आयी,चर्च के भीतर के हिस्से को मजबूती के साथ ही उसमें सफाई देने के लिए ईंट से भी दीवारें बनाई गईं हैं जिनके निचले हिस्से खास डिज़ाइन बनाई गईं थीं जो ट्रिनिटी परमेश्वर की जानकारी देता है ऐसे ही सिम्बोल या आकृतियां यहां के फर्नीचर और अन्य इक्यूपमेंट पर भी मिलते हैं


Conclusion:सौ साल से ज्यादा पुराने इस चर्च को एम पी ट्यूरिज्म के अपने विभाग के दस्तावेजों में भी शामिल कर लिया गया है क्रिसमस के समय यहाँ क्रिशचन धर्म को मानने वालों की खासी भीड़ भी होती हैं वहीं इसकी साज सज्जा के साथ ही इसमें आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम भी बहुत खास होते हैं, मण्डला जिले का इतिहास सदियों पुराना है और इस इतिहास है गौरव यह सेंट लूक्स चर्च भी है। बाईट-- रेवेन्ट नीलेश सिंह,प्रिस्वेटर इंचार्ज ल्यूक्स चर्च बाईट--डॉ आर एस धुर्वे,असिस्टेंट प्रोफेसर,इतिहास पीटूसी मयंक तिवारी संवददाता मण्डला
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