मंडला। जबलपुर के तिलवारा से लेकर अंधमूक नेशनल हाइवे 7 जिसकी लम्बाई करीब पांच किलोमीटर है और जो हमेशा से अजगरों और दुर्लभ प्रजाति के सांपों के लिए आदर्श भी रहा है. वहां रहने वाले अजगरों और सांपों की लगातार वाहनों की चपेट में आने से मौत हो रही है. जिसे देखते हुए वहां के अजगरों को मंडला जिले के ककैया बीट अंतर्गत आने वाले प्रसिद्ध अजगर दादर में शिफ्ट किए जाने पर वन विभाग विचार कर रहा है. जिससे लगातार हो रही अजगरों की मौत को रोका जा सके.
इसके अलावा इस क्षेत्र में पाए जाने वाले जानवरों की तेज रफ्तार वाहनों से होने वाली मौत को रोकने के लिए सावधानी वाले बोर्ड लगाने का प्लान बनाया जा रहा है. साथ ही जंगली जानवर विचरण क्षेत्र होने के कारण कम रफ्तार सीमा के निर्देश के भी उपाय किये जाने का प्लान बनाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक तिलवारा और अंधमूक क्षेत्र में बीते 15 दिनों में लगभग 50 से 60 साल पुराने 24 अजगर वाहनों की चपेट में आने से या तो घायल हुए या उनकी मौत हो गई है. वहीं सांप भी हमेशा इन वाहनों की चपेट में आकर मारे जाते हैं, ऐसे में अजगरों के लिए आदर्श स्थान मंडला जिले का अजगर दादर बहुत ही बेहतर आशियाना साबित होगा, क्योंकि यहां अजगरों के रहने के लिए जमीन के अंदर अनुकूल तापमान की गुफाएं भी हैं साथ ही चूहे, खरगोश, चिड़िया, गिलहरी जैसे जीव-जंतुओं जैसा पर्याप्त भोजन भी उपलब्ध है.