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आदिवासी अंचल में 'कोरोना आल्हा' मचा रहा धूम, ग्रामीणों को कर रहा जागरूक - कोरोना वायरस

छत्तीसगढ़ गायक गौरी कश्यप का कोरोना आल्हा इन दिनों आदिवासी अंचल में सुर्खियां बटोर रहा है. गौरी कश्यप ने स्थानीय बोली में ग्रामीणों को कोरोना वायरस के बारे में आसानी से समझाने के लिए ये गाना गाया है.

singer gauri kashyap sung song on corona virus
कोरोना आल्हा की धूम
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Published : Mar 17, 2020, 11:13 AM IST

मंडला। मंडला जिले में इन दिनों छत्तीसगढ़ के गायक गौरी कश्यप का आल्हा चर्चा में है, ये आल्हा एतिहासिक गाने के लिए नहीं बल्कि कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए गाया गया है, गायक गौरी कश्यप ने कोरोना को लेकर शुद्ध-ठेठ देसी अंदाज में इस तरह गाना गाया है, जिससे इसके शब्द आसानी से ग्रामीणों को समझ आ जाएं. पूरे जिले में जो स्थानीय बोली है, वो काफी हद तक छत्तीसगढ़ी से मिलती है. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ के गायक का ये आल्हा ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से वायरल हो रहा है.

कोरोना आल्हा की धूम

कोरोना वायरस को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन(WHO) ने महामारी घोषित किया है, केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी इसे लेकर खासी तैयारियां की है, जिसकी वजह से भारत में इस बीमारी को लेकर जनता लगातार जागरूक हो रही है. ऐसे ही जागरूकता की तैयारी के बीच एक कोशिश कर रहे हैं, जांजगीर चांपा के गौरीशंकर कश्यप, जिन्होंने कोरोना की उत्पत्ति से लेकर उसके खतरे और इस वायरस से बचने की सावधनियों को शुद्ध देसी अंदाज में पिरो कर करीब तीन मिनट का एक आल्हा गीत लिखा है और उसे अपनी आवाज भी दी है.

ग्रामीण कर रहे शेयर

ये गाना जिले में लोकप्रिय हो रहा है, ग्रामीण इलाकों में लोग एक दूसरे को इस गाने को शेयर कर रहे हैं. साथ ही इसे अब आयोजित कार्यक्रमों में भी बजता हुआ सुना जा रहा है.

आसानी से समझ सकें लोग

गौरीशंकर कश्यप ने बताया कि उन्होंने स्थानीय बोली में ये गीत इसलिए लिखा, जिससे ग्रामीण आसानी से कोरोना वायरस के बारे में जान सकें और सावधनियां बरत खुद को सुरक्षित रख सकें.

मंडला। मंडला जिले में इन दिनों छत्तीसगढ़ के गायक गौरी कश्यप का आल्हा चर्चा में है, ये आल्हा एतिहासिक गाने के लिए नहीं बल्कि कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए गाया गया है, गायक गौरी कश्यप ने कोरोना को लेकर शुद्ध-ठेठ देसी अंदाज में इस तरह गाना गाया है, जिससे इसके शब्द आसानी से ग्रामीणों को समझ आ जाएं. पूरे जिले में जो स्थानीय बोली है, वो काफी हद तक छत्तीसगढ़ी से मिलती है. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ के गायक का ये आल्हा ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से वायरल हो रहा है.

कोरोना आल्हा की धूम

कोरोना वायरस को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन(WHO) ने महामारी घोषित किया है, केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी इसे लेकर खासी तैयारियां की है, जिसकी वजह से भारत में इस बीमारी को लेकर जनता लगातार जागरूक हो रही है. ऐसे ही जागरूकता की तैयारी के बीच एक कोशिश कर रहे हैं, जांजगीर चांपा के गौरीशंकर कश्यप, जिन्होंने कोरोना की उत्पत्ति से लेकर उसके खतरे और इस वायरस से बचने की सावधनियों को शुद्ध देसी अंदाज में पिरो कर करीब तीन मिनट का एक आल्हा गीत लिखा है और उसे अपनी आवाज भी दी है.

ग्रामीण कर रहे शेयर

ये गाना जिले में लोकप्रिय हो रहा है, ग्रामीण इलाकों में लोग एक दूसरे को इस गाने को शेयर कर रहे हैं. साथ ही इसे अब आयोजित कार्यक्रमों में भी बजता हुआ सुना जा रहा है.

आसानी से समझ सकें लोग

गौरीशंकर कश्यप ने बताया कि उन्होंने स्थानीय बोली में ये गीत इसलिए लिखा, जिससे ग्रामीण आसानी से कोरोना वायरस के बारे में जान सकें और सावधनियां बरत खुद को सुरक्षित रख सकें.

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