मंडला। नैनपुर और सिवनी की केवलारी के बीच एक ऐसा स्थान है, जहां प्रकृति का अनुपम सौंदर्य देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. पर्यटक वहां के सफेद संगमरमर के जैसे दिखने वाले पत्थरों और नदी के पानी से उकेरे गए प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते नहीं थकते हैं, जहां प्रकृति दोनों हाथों अपनी नेमतें लुटाई है, लेकिन इतनी खूबसूरती के बावजूद लोगों की आमद पहले के मुकाबले काफी कम हो रही है. इसे जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये से भी जोड़कर देखा जा सकता है. बात कर रहे हैं जबलपुर के भेड़ाघाट यानि सिद्ध घाट की.
ऐसा है सिद्ध घाट
भेड़ाघाट में नर्मदा नदी के पानी और सफेद संगमरमर की चट्टानों के बीच प्रकृति का सौंदर्य अद्भुत है. संगमरमरी चट्टान नर्मदा नदी के दोनों ओर करीब 100 फीट ऊंची है, भेड़ाघाट का वातावरण भी बेहद शांत रहता है, जब सूरज की रोशनी सफेद और मटमैले रंग के संगमरमर पर पड़ती है तो नदी में बनने वाला इसका प्रतिबिंब अद्भुत दिखाई पड़ता है.
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उदासीनता के बीच असुविधाओं का सफर
वहां जाने वाले पर्यटकों की मानें तो सिवनी जिले के अंतर्गत आने वाले सिद्ध घाट में विकास के नाम पर सिर्फ सीढ़ी बनाई गई है, उनका मानना है कि सुरक्षा कारणों के चलते सिक्योरिटी गार्ड की भी तैनाती की जानी चाहिए. बारिश के मौसम में सीढियों पर फिसलन होने लगती है, जबकि खड़ी सीढियां चढ़ना-उतरना काफी जोखिम भरा होता है.
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'हैंडसम हल्क' महामन को देखकर रोमांचित हुए पर्यटक
बढ़ सकते हैं रोजगार के अवसर
सिवनी के अंतर्गत आने वाले सिद्ध घाट के विकास की बात करें तो विकास के नाम पर सिर्फ सीढ़ियां ही दिखती हैं. मगर वो भी सुरक्षित नहीं हैं. बारिश के मौसम में फिसलन होने लगती है तो वहीं खड़ी सीढियों पर चढ़ना-उतरना काफी जोखिम भरा होता है. इस पिकनिक स्पॉट पर अगर ध्यान दिया जाए तो ये कई लोगों के लिए रोजगार का अवसर प्रदान कर सकता है.