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SC-ST महिलाओं को लेकर की गई सरकार की घोषणा का विरोध, कहा- 'निर्णय पर फिर से विचार करे सरकार'

कमलनाथ सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के पीड़ित महिलाओं को 8 लाख रुपए तक की मदद करने की घोषणा की है. जिसका लोगों ने विरोध करना शुरु कर दिया है.

SC-ST women expressed resentment
सरकार की घोषणा का विरोध
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Published : Jan 18, 2020, 6:41 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 8:19 PM IST

मंडला। कमलनाथ सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के हत्या और दुष्कर्म के पीड़ितों को अब एक लाख से आठ लाख रुपए तक की मदद करने की घोषणा की है. जिसे लेकर लोगों नाराजगी जाहिर की है. लोगों का कहना है कि दुष्कर्म का मामला हो या फिर हत्या का महिलाओं के साथ महिलाओं में ही भेदभाव को दर्शाता है.

सरकार की घोषाणा का विरोध

महिलाओं का कहना है कि किसी भी धर्म, जाति या समाज की महिला हो उसके साथ यदि अपराध या दुष्कर्म होता है, तो समानता के साथ सभी को एक जैसा मुआवजा दिया जाना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार हो या फिर शिक्षिका या फिर जनप्रतिनिधि इस मामले में हर किसी का कहना है कि इस निर्णय पर फिर से विचार किया जाना चाहिए.

बता दें कि जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भोपाल में पत्रकारों के माध्यम से ये जानकारी दी है कि हत्या और दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज होते ही 25 प्रतिशत और 6 माह के भीतर 1 लाख से 8 लाख तक का मुआवजा दिया जाएगा. यह इसमें केवल SC और ST महिलाओं का ही जिक्र है.

मंडला। कमलनाथ सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के हत्या और दुष्कर्म के पीड़ितों को अब एक लाख से आठ लाख रुपए तक की मदद करने की घोषणा की है. जिसे लेकर लोगों नाराजगी जाहिर की है. लोगों का कहना है कि दुष्कर्म का मामला हो या फिर हत्या का महिलाओं के साथ महिलाओं में ही भेदभाव को दर्शाता है.

सरकार की घोषाणा का विरोध

महिलाओं का कहना है कि किसी भी धर्म, जाति या समाज की महिला हो उसके साथ यदि अपराध या दुष्कर्म होता है, तो समानता के साथ सभी को एक जैसा मुआवजा दिया जाना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार हो या फिर शिक्षिका या फिर जनप्रतिनिधि इस मामले में हर किसी का कहना है कि इस निर्णय पर फिर से विचार किया जाना चाहिए.

बता दें कि जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भोपाल में पत्रकारों के माध्यम से ये जानकारी दी है कि हत्या और दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज होते ही 25 प्रतिशत और 6 माह के भीतर 1 लाख से 8 लाख तक का मुआवजा दिया जाएगा. यह इसमें केवल SC और ST महिलाओं का ही जिक्र है.

Intro:प्रदेश सरकार के द्वारा SC और ST महिलाओं के लिए जो मुआवजे की घोषणा की है उसे लेकर ज्यादा तर लोगों में नाराजगी है और सभी का कहना है कि दुष्कर्म का मामला हो या फिर हत्या का महिलाओं के साथ महिलाओं में ही भेदभाव को दर्शाता है


Body:मण्डला जिले में मध्यप्रदेश की सरकार के द्वारा की गई नई घोषणा पर लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर देखी जा रही है कि जो भी निर्णय लिया गया है उसमें जाती को पूछ कर मुआवजा देना जैसा है किसी भी धर्म जाती या समाज की महिला हो उसके साथ यदि अपराध या दुष्कर्म होता है तो समानता के साथ सभी को एक जैसा मुआवजा दिया जाना जाना चाहिए,वरिष्ठ पत्रकार हो या फिर शिक्षा विद या फिर जनप्रतिनिधि हर किसी का कहना है कि इस निर्णय पर फिर से विचार किया जाना चाहिए।बता दें कि पीसी शर्मा जनसंपर्क विभाग के मंत्री ने भोपाल में पत्रकारों के माध्यम से यह जानकारी दे है कि रिपोर्ट दर्ज होते ही 25 प्रतिशत और 6 माह के भीतर 1 लाख से 8 लाख तक का मुआवजा दिया जाएगा और यह इसमें केवल SC और ST महिलाओं का ही जिक्र है


Conclusion:बाईट--नरेश चंदरौल,नपा अध्यक्ष नैनपुर
बाईट--काशिम अली,उपाध्यक्ष नपा नैनपुर
बाईट--रामकुमार चौरसिया, अधिमान्य पत्रकार
बाईट--परस राम श्रीवात्री, शिक्षा विद
बाईट--संगीता लारेश्वर,पार्षद
Last Updated : Jan 18, 2020, 8:19 PM IST
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