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डेढ़ दर्जन गांव के लोगों की फजीहत का सबब बनी सड़क, आंदोलन के बाद भी नहीं सुधरी हालत

मंडला के जिला मुख्यालय के करीब 10 किलोमीटर दूर सेमरखापा की बदहाल सड़क को लेकर दर्जनों आंदोलन और चक्काजाम हो चुके हैं.लेकिन यह कभी दुरुस्त नहीं हुई.

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मंडला बदहाल सड़क
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Published : Oct 24, 2020, 4:14 PM IST

मंडला। जिला मुख्यालय के करीब 10 किलोमीटर दूर सेमरखापा की बदहाल सड़क को लेकर दर्जनों आंदोलन और चक्काजाम हो चुके हैं. लेकिन यह कभी दुरुस्त नहीं हुई. बस खानापूर्ति के नाम पर इसमें मुरम या गिट्टी की बजरी डाल दी जाती है, जो हैवी लोड ट्रक चलने से फिर गड्ढों में तब्दील हो जाती है.

बदहाल सड़क

नैशनल हाइवे से शुरू होकर सेमरखापा लगभग 5 किलोमीटर और इसके आगे 2 किलोमीटर ओपन कैब तक कि सड़क कभी ठीक नहीं रही. यहां हमेशा बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ का ही आलम देखने मिलता है. इसकी वजह है कि इन सड़क में हैवी लोड ट्रकों का भार सहने की छमता का न होना. लेकिन यहां ओपन कैब में सरकारी समर्थन मूल्य में खरीदे गए अनाज का भंडारण किया जाता है. 30 से 40 टन वजनी दर्जनों ट्रक का आवागमन होता है और रोड के परखच्चे उड़ जाते हैं.

16 गाँव को जोड़ती है सड़क

यह सड़क आगे जाकर करीब 16 गांवों को जोड़ती है. इन गांवों के सभी ग्रामीणों का इसी सड़क से आना-जाना होता है. दोपहिया से लेकर 4 पहिया वाहन और बड़े वाहनों के लिए भी यही एकमात्र सड़क है. ऐसे में लोगों को आवागमन में कीचड़ भरे गड्ढों वाले रास्ते से ही निकलना होता है.

पूरे गाँव के निस्तार का पानी सड़क पर

गांव के सभी घरों के निस्तार का पानी पहले नाली के जरिए सड़क किनारे तालाब में जाता था, लेकिन हाईकोर्ट में केस चलने के बाद निजी तालाब मालिक ने गंदा पानी तालाब में मिलने से रोक दिया. अब गांव भर के निस्तार का पानी सड़क पर ही बहता है. यही वजह है कि गर्मी के मौसम में भी यह सड़क गंदे पानी के कीचड़ से सराबोर होती है.

सड़क पर नाली नहीं बनाने दे रहा तालाब मालिक

ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का मालिक पीडब्ल्यूडी की जमीन पर भी नाली नहीं बनाने दे रहा है. जब भी नाली निर्माण का कार्य शुरू होता है, अपने घर की महिलाओं को जेसीबी के सामने लिटा देता है. वहीं प्रशासन का सहयोग न मिलने से मजबूरन ग्राम पंचायत को काम रोकना पड़ता है. सड़क बद से बदत्तर होती जा रही है.

फिर आंदोलन की तैयारी

शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके ग्रामीणों ने एक बार फिर बड़े और अनिश्चित कालीन चक्काजाम,आंदोलन की चेतावनी दी है. जिनका कहना है कि दशहरे के बाद आसपास के सभी गांव के लोग सड़क पर तब तक धरना देते रहेंगे. जब तक कि उनकी इस समस्या का स्थायी हल न निकले.

प्रशासन ने दिया फिर आस्वाशन

बदहाल सड़क को तहसीलदार अनिल जैन ने कहा कि भविष्य में यहां सीमेंट रोड बनना प्रस्तावित है. जिसकी कार्रवाई चल रही है. फिलहाल इस सड़क को जल्द मरम्मत कराई जाएगी.

मंडला। जिला मुख्यालय के करीब 10 किलोमीटर दूर सेमरखापा की बदहाल सड़क को लेकर दर्जनों आंदोलन और चक्काजाम हो चुके हैं. लेकिन यह कभी दुरुस्त नहीं हुई. बस खानापूर्ति के नाम पर इसमें मुरम या गिट्टी की बजरी डाल दी जाती है, जो हैवी लोड ट्रक चलने से फिर गड्ढों में तब्दील हो जाती है.

बदहाल सड़क

नैशनल हाइवे से शुरू होकर सेमरखापा लगभग 5 किलोमीटर और इसके आगे 2 किलोमीटर ओपन कैब तक कि सड़क कभी ठीक नहीं रही. यहां हमेशा बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ का ही आलम देखने मिलता है. इसकी वजह है कि इन सड़क में हैवी लोड ट्रकों का भार सहने की छमता का न होना. लेकिन यहां ओपन कैब में सरकारी समर्थन मूल्य में खरीदे गए अनाज का भंडारण किया जाता है. 30 से 40 टन वजनी दर्जनों ट्रक का आवागमन होता है और रोड के परखच्चे उड़ जाते हैं.

16 गाँव को जोड़ती है सड़क

यह सड़क आगे जाकर करीब 16 गांवों को जोड़ती है. इन गांवों के सभी ग्रामीणों का इसी सड़क से आना-जाना होता है. दोपहिया से लेकर 4 पहिया वाहन और बड़े वाहनों के लिए भी यही एकमात्र सड़क है. ऐसे में लोगों को आवागमन में कीचड़ भरे गड्ढों वाले रास्ते से ही निकलना होता है.

पूरे गाँव के निस्तार का पानी सड़क पर

गांव के सभी घरों के निस्तार का पानी पहले नाली के जरिए सड़क किनारे तालाब में जाता था, लेकिन हाईकोर्ट में केस चलने के बाद निजी तालाब मालिक ने गंदा पानी तालाब में मिलने से रोक दिया. अब गांव भर के निस्तार का पानी सड़क पर ही बहता है. यही वजह है कि गर्मी के मौसम में भी यह सड़क गंदे पानी के कीचड़ से सराबोर होती है.

सड़क पर नाली नहीं बनाने दे रहा तालाब मालिक

ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का मालिक पीडब्ल्यूडी की जमीन पर भी नाली नहीं बनाने दे रहा है. जब भी नाली निर्माण का कार्य शुरू होता है, अपने घर की महिलाओं को जेसीबी के सामने लिटा देता है. वहीं प्रशासन का सहयोग न मिलने से मजबूरन ग्राम पंचायत को काम रोकना पड़ता है. सड़क बद से बदत्तर होती जा रही है.

फिर आंदोलन की तैयारी

शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके ग्रामीणों ने एक बार फिर बड़े और अनिश्चित कालीन चक्काजाम,आंदोलन की चेतावनी दी है. जिनका कहना है कि दशहरे के बाद आसपास के सभी गांव के लोग सड़क पर तब तक धरना देते रहेंगे. जब तक कि उनकी इस समस्या का स्थायी हल न निकले.

प्रशासन ने दिया फिर आस्वाशन

बदहाल सड़क को तहसीलदार अनिल जैन ने कहा कि भविष्य में यहां सीमेंट रोड बनना प्रस्तावित है. जिसकी कार्रवाई चल रही है. फिलहाल इस सड़क को जल्द मरम्मत कराई जाएगी.

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