मण्डला। आज के वक्त में रिश्तों की डोर इतनी नाजूक होती जा रही है कि छोटी-छोटी बातों में रिश्तों का कत्ल हो जाता है. परिवार परामर्श केन्द्र में आने वाले मामलों के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं पति-पत्नी के अलग होने की कभी-कभी तो ऐसे कारण सामने आते हैं, जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है.
कहीं शराब को लेकर तो कहीं मोबाइल को लेकर रिश्तों ने दरारें आ जाती हैं. परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे मामले आते हैं, जिनमें सिर्फ थोड़ी सी समझदारी दिखाने से रिश्ते टूटने से बच सकते हैं. वहीं अगर जिले में परामर्श केन्द्र के आंकड़ों पर नजर डाले तो साल 2019 में अभी तक 207 पुरूषों ने, तो वहीं 170 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई है.
जनवरी 2019 से लेकर अब तक
207 पुरुषों ने दर्ज कराई शिकायत
- 53 मामलों में हुआ समझौता
- 59 मामलों में दिया गया कानूनी परामर्श
- 14 मामलों में स्वेच्छा से हुआ तलाक
- 15 मामले विचाराधीन
- 59 मामले अलग-अलग कारणों से निरस्त
वहीं, 170 महिलाओं ने भी शिकायत दर्ज कराई
- 66 में समझौता हुआ
- 44 में कानूनी सलाह दी गई
- 8 में स्वेच्छा से तलाक हुआ
- 15 मामले विचाराधीन है
- 38 मामले निरस्त किये गए
इस तरह करीब एक साल में महिलाओं और पुरुषों ने कुल 377 मामले परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज कराए. जिनमें शराब, मोबाइल की लत जैसे कारण शामिल हैं. परिवार परामर्श केंद्र की महिला सेल प्रभारी आकांक्षा उरमलिया का कहना है कि जो मामले आते हैं उनमें पति-पत्नी के बीच अहं का टकराव मुख्य कारण होता है. दोनों ही समझदारी या सहनशीलता को झुकना मान बैठते हैं. जिसके बाद घर की बात चार दिवारी से निकलकर यहां तक आ जाती है. ऐसे में परिवार के सदस्यों द्वारा भी कई मामलों में आग में घी डालने का काम किया जाता है.