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सहनशीलता के अभाव में दम तोड़ रहे रिश्ते, मोबाइल-शराब भी बन रहे कारण

परिवार परामर्श केन्द्र में बढ़ती शिकायतें बता रही हैं कि आज के समय में रिश्तें किन छोटी-छोटी बातों पर टूट जाते हैं. जनवरी 2019 से अब तक 377 मामले परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज कराए हैं.

Relationships are falling apart due to mobile and alcohol
सहनशीलता के आभाव में दम तोड़ रहे रिश्ते
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Published : Dec 13, 2019, 8:52 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 9:21 PM IST

मण्डला। आज के वक्त में रिश्तों की डोर इतनी नाजूक होती जा रही है कि छोटी-छोटी बातों में रिश्तों का कत्ल हो जाता है. परिवार परामर्श केन्द्र में आने वाले मामलों के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं पति-पत्नी के अलग होने की कभी-कभी तो ऐसे कारण सामने आते हैं, जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है.

सहनशीलता के अभाव में दम तोड़ रहे रिश्ते

कहीं शराब को लेकर तो कहीं मोबाइल को लेकर रिश्तों ने दरारें आ जाती हैं. परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे मामले आते हैं, जिनमें सिर्फ थोड़ी सी समझदारी दिखाने से रिश्ते टूटने से बच सकते हैं. वहीं अगर जिले में परामर्श केन्द्र के आंकड़ों पर नजर डाले तो साल 2019 में अभी तक 207 पुरूषों ने, तो वहीं 170 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई है.

जनवरी 2019 से लेकर अब तक

207 पुरुषों ने दर्ज कराई शिकायत

  • 53 मामलों में हुआ समझौता
  • 59 मामलों में दिया गया कानूनी परामर्श
  • 14 मामलों में स्वेच्छा से हुआ तलाक
  • 15 मामले विचाराधीन
  • 59 मामले अलग-अलग कारणों से निरस्त

वहीं, 170 महिलाओं ने भी शिकायत दर्ज कराई

  • 66 में समझौता हुआ
  • 44 में कानूनी सलाह दी गई
  • 8 में स्वेच्छा से तलाक हुआ
  • 15 मामले विचाराधीन है
  • 38 मामले निरस्त किये गए

इस तरह करीब एक साल में महिलाओं और पुरुषों ने कुल 377 मामले परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज कराए. जिनमें शराब, मोबाइल की लत जैसे कारण शामिल हैं. परिवार परामर्श केंद्र की महिला सेल प्रभारी आकांक्षा उरमलिया का कहना है कि जो मामले आते हैं उनमें पति-पत्नी के बीच अहं का टकराव मुख्य कारण होता है. दोनों ही समझदारी या सहनशीलता को झुकना मान बैठते हैं. जिसके बाद घर की बात चार दिवारी से निकलकर यहां तक आ जाती है. ऐसे में परिवार के सदस्यों द्वारा भी कई मामलों में आग में घी डालने का काम किया जाता है.

मण्डला। आज के वक्त में रिश्तों की डोर इतनी नाजूक होती जा रही है कि छोटी-छोटी बातों में रिश्तों का कत्ल हो जाता है. परिवार परामर्श केन्द्र में आने वाले मामलों के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं पति-पत्नी के अलग होने की कभी-कभी तो ऐसे कारण सामने आते हैं, जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है.

सहनशीलता के अभाव में दम तोड़ रहे रिश्ते

कहीं शराब को लेकर तो कहीं मोबाइल को लेकर रिश्तों ने दरारें आ जाती हैं. परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे मामले आते हैं, जिनमें सिर्फ थोड़ी सी समझदारी दिखाने से रिश्ते टूटने से बच सकते हैं. वहीं अगर जिले में परामर्श केन्द्र के आंकड़ों पर नजर डाले तो साल 2019 में अभी तक 207 पुरूषों ने, तो वहीं 170 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई है.

जनवरी 2019 से लेकर अब तक

207 पुरुषों ने दर्ज कराई शिकायत

  • 53 मामलों में हुआ समझौता
  • 59 मामलों में दिया गया कानूनी परामर्श
  • 14 मामलों में स्वेच्छा से हुआ तलाक
  • 15 मामले विचाराधीन
  • 59 मामले अलग-अलग कारणों से निरस्त

वहीं, 170 महिलाओं ने भी शिकायत दर्ज कराई

  • 66 में समझौता हुआ
  • 44 में कानूनी सलाह दी गई
  • 8 में स्वेच्छा से तलाक हुआ
  • 15 मामले विचाराधीन है
  • 38 मामले निरस्त किये गए

इस तरह करीब एक साल में महिलाओं और पुरुषों ने कुल 377 मामले परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज कराए. जिनमें शराब, मोबाइल की लत जैसे कारण शामिल हैं. परिवार परामर्श केंद्र की महिला सेल प्रभारी आकांक्षा उरमलिया का कहना है कि जो मामले आते हैं उनमें पति-पत्नी के बीच अहं का टकराव मुख्य कारण होता है. दोनों ही समझदारी या सहनशीलता को झुकना मान बैठते हैं. जिसके बाद घर की बात चार दिवारी से निकलकर यहां तक आ जाती है. ऐसे में परिवार के सदस्यों द्वारा भी कई मामलों में आग में घी डालने का काम किया जाता है.

Intro:कहीं देर तक फेसबुक और मोबाईल पर पति या पत्नी का लगा रहना या फिर शराब कर रही सम्बन्धों को खराब तो मायके पक्ष की ज्यादा दखलंदाजी ये वजह हैं आज पति और पत्नी के बीच अलगाव की जिन्हें सुलझाने की कोशिश परिवार परामर्श केंद्र के द्वारा की जाती है लेकिन हर एक मामले का अंत सुखद भी नहीं होता


Body:मण्डला जिले के परिवार परामर्श केंद्र में पति पत्नी के बीच झगड़े के ऐसे मामले आते हैं जिनमें वजह इतनी छोटी होती है कि पति या पत्नी अगर थोड़ी भी समझदारी से काम ले तो बात घर के भीतर ही सम्हल जाए लेकिन सहनशीलता के आभाव में ये रिश्ते की डोर न केवल कमजोर होती जा रही है वरन लगातार टूटने की घटनाएँ भी सामने आ रही हैं जिनमे कारण पति या पत्नी की मोबाईल की लत बन रहे हैं या शराब जन्म जन्म के रिश्तों को खराब कर रही है

बात आँकड़े की करें तो जनवरी 2019 से लेकर 12 दिसम्बर तक कुल

207 पुरुषों के द्वारा परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत दर्ज कराई गई
53 मामलों में समझौता हुआ
59 मामलों में कानूनी परामर्श दी गयी
14 मामलों में स्वेच्छा से अलगाव (तलाक) हुआ
15 मामले विचाराधीन हैं जबकि,
59 मामले अलग अलग कारणों से निरस्त कर दिए गए वहीं जिले में इस दौरान

170 महिलाओं ने अपनी शिकायत दर्ज कराई
66 में समझौता हुआ
44 में कानूनी सलाह दी गई
8 में स्वेच्छा से अलगाव हुआ
15 पेंडिंग है तो
38 मामले निरस्त किये गए
इस तरह करीब एक साल में महिलाओं और पुरुषों ने कुल 377 मामले परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज कराए जिनमे कारण बनी शराब,मोबाईल की लत या फिर परिवार में मायके या ससुराल पक्ष के द्वारा की जाने वाली दखलंदाजी।परिवार परामर्श केंद्र में मामले सुनने वाली महिला सेल की प्राभारी आकांक्षा उरमलिया का कहना है कि दरअसल जो मामले आते हैं उनमें पति और पत्नी के बीच अहम का टकराव मुख्य कारण होता है और दोनों ही समझदारी या सहनशीलता को झुकना मान बैठते हैं और फिर बात घर की चारदीवारी से निकल कर यहाँ तक आ जाती है ऐसे में परिवार के सदस्यों द्वारा भी अनेकों मामलों में आग में घी डालने का काम किया जाता है और छोटी सी बात पर तलाक जैसी बड़ी परिणीति का रूप ले लेती है।


Conclusion:बीत रहे साल के इन आंकड़ों को वजह शक भी है जिनके मामले शहरी हो या ग्रामीण सभी क्षेत्रों से निकल कर सामने आते हैं ऐसे में परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों और काउंसलिंग करने वालों का यही कहना है की अगर कोई एक पक्ष समझदारी दिखाए और परिवार के दूसरे सदस्य झगड़े की वजह को सुलझाने में पति पत्नी की मदद करें तो निश्चित ही सात जन्मों का यह सफर गलतफहमी का शिकार होकर टूटने से बच जाए।

बाईट--आकांक्षा उरमलिया ,महिला सेल,निर्भया प्रभारी
बाईट--
Last Updated : Dec 13, 2019, 9:21 PM IST
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