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राजनाथ सिंह के त्रिगुण्डी पौधों को भी नहीं बचा पाए जिम्मेदार, CM शिवराज थे वृक्षारोपण के कर्ताधर्ता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल 2016 में प्रदेश की नदियों को साफ रखने के लिए नर्मदा सेवा यात्रा शुरु की थी. इस यात्रा के दौरान प्रदेशभर में नर्मदा नदी के किनारे- किनारे पौधारोपण किया गया था. इस पूरी यात्रा में करोड़ों रुपए खर्च हुए थे. लेकिन मंडला में नर्मदा सेव यात्रा के दौरान जो पौधे लगाए गए थे, वो तीन साल बाद प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गए. देखिए नर्मदा सेवा यात्रा से जुड़ी इटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट.

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मंडला न्यूज
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Published : Aug 3, 2020, 8:12 PM IST

मंडला। 24 अप्रैल 2017 का नज़ारा मंडला शहर के लिए इसलिए खास था. क्योंकि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की' नर्मदा सेवा यात्रा ' का हिस्सा बनने देश के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते के साथ बहुत से धर्माचार्य नर्मदा के किनारे मंडला पहुंचे थे. शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया. नर्मदा के घाटों का शृंगार किया गया और लाइटिंग के साथ शानदार मंच बनाया गया. जहां नर्मदा के कुंभ स्थल पर राजनाथ सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा के लिए सीएम शिवराज वृक्षारोपण अभियान की तारीफ भी की थी. लेकिन तीन साल बाद आज ईटीवी भारत दिखा रहा हैं इन पौंधों की जमीनी हकीकत.

नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान लगाए गए पौधे हुए नष्ट

नहीं बचे मंडला में लगाए गए पौधे

मंडला में नर्मदा तट पर राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने मिलकर त्रिगुण्डी के पौधों का रोपण किया था. जिसमें पीपल, बरगद और नीम के पौधे शामिल थे. जिनका धार्मिक महत्व भी है. महज तीन साल बाद यह पौधे ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे. आखिर क्या वजह थी की, पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी इन पौधों को बचाया नहीं जा सका. वो भी तब जब उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ लगाया गया था.

नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे राजनाथ सिंह
नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे राजनाथ सिंह

तत्कलीन नगर पालिका के अध्यक्ष नरेश कछवाहा बताते हैं कि, मंडला जिले में करीब 4 हजार पौधे लगाए गए थे. जिसमें 500 पौधों को नगर पालिका और 30 पौधों के देखरेख की जिम्मेदारी जिला पंचायत ने उठाई थी. बाकी के पौधों की देखरेख वन विभाग को करनी थी. जिसमें वो पौधे भी शामिल थे, जिनका रोपण राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान ने किया था, लेकिन इन पौधों की देखरेख न तो नगर-पालिका प्रशासन ने की और वन विभाग ने. लिहाजा लाखों रुपए की लागत से लगाए यह पौधे अब नष्ट हो चुके हैं.

राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने किया था पौधारोपण
राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने किया था पौधारोपण

बिसार दी गईं राजनाथ सिंह की बातें

नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल होने मंडला पहुंचे राजनाथ सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा और बड़े पैमाने पर कराए गए वृक्षारोपण के लिए सीएम शिवराज की जमकर तारीफ की थीं. उन्होंने शिवराज सिंह को नदियों को बचाने के लिए विधानसभा में विधेयक पास कराने की सलाह दी थी, लेकिन इतने वरिष्ठ नेता की बात को भी किसी ने तबज्जो नहीं दी. नतीजा वही रहा ढाक के तीन पात. जहां इतनी बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की न तो देखरेख हुई और न उन्हें बचाने के प्रयास किए गए .

मंडला में नर्मदा सेवा यात्रा का दृश्य
मंडला में नर्मदा सेवा यात्रा का दृश्य

खास बात ये है कि, इन पौधों को नर्मदा के किनारे लगाया गया था. लेकिन ये पौधे पानी न मिलने के चलते मर गए. ऐसे में नगर-पालिका की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं, कि आखिर क्या वजह रही लाखों रुपए की लागत से लगाए गए इन पौधों पर ध्यान नहीं दिया गया. सीएम शिवराज की नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा पर करोड़ों रुपए खर्च हुए थे. कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सरकार को हमेशा घेरती रहती है. लेकिन नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान लगाए गए इन पौधों पर न तो सरकार गंभीर है और न प्रशासन. यही वजह है कि ये पौधे नष्ट होते जा रहे हैं.

लाखों रुपए की लागत से लगाए गए थे हाजारों पौधे
लाखों रुपए की लागत से लगाए गए थे हाजारों पौधे

करोड़ों रुपए खर्च हुए थे नर्मदा सेवा यात्रा पर
नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा दिसंबर 2016 से शुरू होकर 15 मई 2017 तक प्रदेशभर में चली थी. जिसके समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे. उस समय के मानसून सत्र में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कांग्रेसी विधायक गोविंद सिंह के सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ने इस यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यों पर 19 करोड़ रुपए खर्च किए थे. जिसमें 9 लाख 42 हजार 158 रुपए अतिथियों के भाग लेने में खर्च हुए. तो 9 करोड़ 88 लाख रुपए इस यात्रा के समापन समारोह में खर्च हुए थे. वहीं मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने इस यात्रा के बारे में प्रचार प्रसार हेतु अखबारों और टीवी चैनलों और अन्य विज्ञापनों पर 21 करोड़ 58 लाख 40 हजार 344 रुपए खर्च किए थे. नर्मदा सेवा यात्रा काफी विवादित भी रही. विपक्ष में बैठी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया था कि, प्रधानमंत्री की अमरकंटक यात्रा और उनके कार्यक्रम पर 100 करोड़ से ज्यादा खर्च करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया.

मंडला। 24 अप्रैल 2017 का नज़ारा मंडला शहर के लिए इसलिए खास था. क्योंकि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की' नर्मदा सेवा यात्रा ' का हिस्सा बनने देश के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते के साथ बहुत से धर्माचार्य नर्मदा के किनारे मंडला पहुंचे थे. शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया. नर्मदा के घाटों का शृंगार किया गया और लाइटिंग के साथ शानदार मंच बनाया गया. जहां नर्मदा के कुंभ स्थल पर राजनाथ सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा के लिए सीएम शिवराज वृक्षारोपण अभियान की तारीफ भी की थी. लेकिन तीन साल बाद आज ईटीवी भारत दिखा रहा हैं इन पौंधों की जमीनी हकीकत.

नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान लगाए गए पौधे हुए नष्ट

नहीं बचे मंडला में लगाए गए पौधे

मंडला में नर्मदा तट पर राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने मिलकर त्रिगुण्डी के पौधों का रोपण किया था. जिसमें पीपल, बरगद और नीम के पौधे शामिल थे. जिनका धार्मिक महत्व भी है. महज तीन साल बाद यह पौधे ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे. आखिर क्या वजह थी की, पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी इन पौधों को बचाया नहीं जा सका. वो भी तब जब उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ लगाया गया था.

नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे राजनाथ सिंह
नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे राजनाथ सिंह

तत्कलीन नगर पालिका के अध्यक्ष नरेश कछवाहा बताते हैं कि, मंडला जिले में करीब 4 हजार पौधे लगाए गए थे. जिसमें 500 पौधों को नगर पालिका और 30 पौधों के देखरेख की जिम्मेदारी जिला पंचायत ने उठाई थी. बाकी के पौधों की देखरेख वन विभाग को करनी थी. जिसमें वो पौधे भी शामिल थे, जिनका रोपण राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान ने किया था, लेकिन इन पौधों की देखरेख न तो नगर-पालिका प्रशासन ने की और वन विभाग ने. लिहाजा लाखों रुपए की लागत से लगाए यह पौधे अब नष्ट हो चुके हैं.

राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने किया था पौधारोपण
राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज ने किया था पौधारोपण

बिसार दी गईं राजनाथ सिंह की बातें

नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल होने मंडला पहुंचे राजनाथ सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा और बड़े पैमाने पर कराए गए वृक्षारोपण के लिए सीएम शिवराज की जमकर तारीफ की थीं. उन्होंने शिवराज सिंह को नदियों को बचाने के लिए विधानसभा में विधेयक पास कराने की सलाह दी थी, लेकिन इतने वरिष्ठ नेता की बात को भी किसी ने तबज्जो नहीं दी. नतीजा वही रहा ढाक के तीन पात. जहां इतनी बड़ी संख्या में लगाए गए पौधों की न तो देखरेख हुई और न उन्हें बचाने के प्रयास किए गए .

मंडला में नर्मदा सेवा यात्रा का दृश्य
मंडला में नर्मदा सेवा यात्रा का दृश्य

खास बात ये है कि, इन पौधों को नर्मदा के किनारे लगाया गया था. लेकिन ये पौधे पानी न मिलने के चलते मर गए. ऐसे में नगर-पालिका की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं, कि आखिर क्या वजह रही लाखों रुपए की लागत से लगाए गए इन पौधों पर ध्यान नहीं दिया गया. सीएम शिवराज की नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा पर करोड़ों रुपए खर्च हुए थे. कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सरकार को हमेशा घेरती रहती है. लेकिन नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान लगाए गए इन पौधों पर न तो सरकार गंभीर है और न प्रशासन. यही वजह है कि ये पौधे नष्ट होते जा रहे हैं.

लाखों रुपए की लागत से लगाए गए थे हाजारों पौधे
लाखों रुपए की लागत से लगाए गए थे हाजारों पौधे

करोड़ों रुपए खर्च हुए थे नर्मदा सेवा यात्रा पर
नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा दिसंबर 2016 से शुरू होकर 15 मई 2017 तक प्रदेशभर में चली थी. जिसके समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे. उस समय के मानसून सत्र में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कांग्रेसी विधायक गोविंद सिंह के सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ने इस यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यों पर 19 करोड़ रुपए खर्च किए थे. जिसमें 9 लाख 42 हजार 158 रुपए अतिथियों के भाग लेने में खर्च हुए. तो 9 करोड़ 88 लाख रुपए इस यात्रा के समापन समारोह में खर्च हुए थे. वहीं मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने इस यात्रा के बारे में प्रचार प्रसार हेतु अखबारों और टीवी चैनलों और अन्य विज्ञापनों पर 21 करोड़ 58 लाख 40 हजार 344 रुपए खर्च किए थे. नर्मदा सेवा यात्रा काफी विवादित भी रही. विपक्ष में बैठी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया था कि, प्रधानमंत्री की अमरकंटक यात्रा और उनके कार्यक्रम पर 100 करोड़ से ज्यादा खर्च करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया.

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