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देशभर में महिलाओं की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल, छात्राओं के लिए स्कूल में शुरू किया गया आत्मरक्षा ट्रेनिंग प्रोग्राम

देश में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों के चलते मण्डला बम्हनी सरकारी स्कूल के प्राचार्य ने स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दिलवाना शुरू कर दिया है.

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छात्राओं के लिए स्कूल में शुरू किया गया आत्मरक्षा ट्रेनिंग प्रोग्राम
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Published : Dec 4, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Dec 4, 2019, 12:39 PM IST

मण्डला। बेटियों और महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार को देखते हुए मण्डला जिले के बम्हनी सरकारी स्कूल की छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. स्कूल प्राचार्य ने छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कराया है. छात्राएं भी ट्रेनिंग में अपनी पूरी रुचि दिखा रही हैं.

देशभर में महिलाओं की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

बम्हनी के शासकीय कन्या उच्च विद्यालय की छत्राएं इन दिनों कराटे के दांव-पेंच सीखने में जमकर पसीना बहा रही हैं. स्कूल प्राचार्य का मानना है कि लड़कियों को इतना सक्षम होना चाहिए कि वे असमाजिक तत्वों या छेड़छाड़ करने वालों से जरूरत पड़ने पर डटकर मुकाबला कर सकें. यही वजह है कि छात्राएं जूडो कराते सीख रही हैं.

शिक्षकों की सोच, कराटे मास्टर की मेहनत के साथ ही छात्राओं की दृढ़ इच्छा शक्ति से इसका असर भी दिखाई देने लगा है. छात्राओं का कहना है कि वे खुद को कमजोर नहीं मानतीं और कराटे के माध्यम से खुद की रक्षा के लिए इतनी सक्षम होना चाहती हैं कि कोई उनकी तरफ आंख उठाकर भी न देख सके.


दिल्ली में हुए निर्भया रेप केस और अब हैदराबाद में रेप और मर्डर केस के बाद सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम की जरूरत लोगों को समझ में आने लगी है. लोगों का कहना है कि मार्शल आर्ट सभी वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए अनिवार्य होना चाहिए.

मण्डला। बेटियों और महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार को देखते हुए मण्डला जिले के बम्हनी सरकारी स्कूल की छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. स्कूल प्राचार्य ने छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कराया है. छात्राएं भी ट्रेनिंग में अपनी पूरी रुचि दिखा रही हैं.

देशभर में महिलाओं की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

बम्हनी के शासकीय कन्या उच्च विद्यालय की छत्राएं इन दिनों कराटे के दांव-पेंच सीखने में जमकर पसीना बहा रही हैं. स्कूल प्राचार्य का मानना है कि लड़कियों को इतना सक्षम होना चाहिए कि वे असमाजिक तत्वों या छेड़छाड़ करने वालों से जरूरत पड़ने पर डटकर मुकाबला कर सकें. यही वजह है कि छात्राएं जूडो कराते सीख रही हैं.

शिक्षकों की सोच, कराटे मास्टर की मेहनत के साथ ही छात्राओं की दृढ़ इच्छा शक्ति से इसका असर भी दिखाई देने लगा है. छात्राओं का कहना है कि वे खुद को कमजोर नहीं मानतीं और कराटे के माध्यम से खुद की रक्षा के लिए इतनी सक्षम होना चाहती हैं कि कोई उनकी तरफ आंख उठाकर भी न देख सके.


दिल्ली में हुए निर्भया रेप केस और अब हैदराबाद में रेप और मर्डर केस के बाद सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम की जरूरत लोगों को समझ में आने लगी है. लोगों का कहना है कि मार्शल आर्ट सभी वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए अनिवार्य होना चाहिए.

Intro:बेटियों और महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार को देखते हुए मण्डला जिले के बम्हनी स्कूल के सरकारी स्कूल की प्राचार्य ने पहल करते हुए यहाँ की छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग स्कूल में ही दिलानी शुरू कर दी है वहीं छात्राएँ भी कराते सीखने में अपनी पूरी रुचि दिखा रही है।

Body:बह्मनी के शासकीय कन्या उच्च विद्यालय की छत्राएँ इन दिनों कराते के दाँव पेंच सीखने में जम कर पसीना बहा रही हैं और इन स्कूली छात्राओं को यह अवसर उपलब्ध कराया है यहाँ के प्राचार्य ने जिनका मानना है कि लड़कियों को इतना सक्षम होना चाहिए कि वे असमाजिक तत्वों या छेड़छाड़ करने वालों से जरूरत पड़ने पर डट कर मुकाबला कर सकें।और यही वजह है कि एक सैकड़ा से ज्यादा छात्राएं जूडो कराते सीख कर खुद की रक्षा करने के गुर सीखने जम कर पसीना बहा रही हैं
और शिक्षकों की सोच, कराते मास्टर की मेहनत के साथ ही छात्राओं की दृढ़ ईक्षा शक्ति से इसका असर भी दिखाई देने लगा है। छात्राओं का कहना है कि वे खुद को कमजोर नहीं मानती और कराते के माद्यम से खुद की रक्षा के लिए इतनी सक्षम होना चाहती हैं कि कोई उनकी तरफ अगर आँख उठा कर भी देखे तो वे उसका मुकाबला खुद ही कर सकें वहीं कराते सिखाने वाले प्रशिक्षक अमित चौरसिया का कहना है कि देश मे दिनों दिन बढ़ रहे बच्चियों और महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के मामले को देखते हुए बेटियों की सुरक्षा के लिए हर एक माता पिता को यह चाहिए कि वे अपनी बेटियों को इतना काबिल बना सके कि वह जरूरत पड़ने पर मनचलों या असामाजिक तत्वों को सबक सिखा सकें इसके लिए कराते एक बेहतर विकल्प है।


Conclusion:दिल्ली में हुए निर्भया रेप केस के बाद और आज की परिस्थितियों को देखते हुए आत्म रक्षा या कराते सभी वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए अनिवार्य होना चाहिए शासन प्रशासन को इस तरफ गंभीरता से सोचना होगा जिससे हैदराबाद जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और लड़कियों को कोई कमजोर न समझे।

बाईट--स्कूली छात्राएं
बाईट--श्रीमती एन बरकड़े,प्राचार्य
बाईट--अमित चौरसिया,कराते प्रशिक्षक
Last Updated : Dec 4, 2019, 12:39 PM IST
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