मंडला। जरूरी नहीं की दशहरे में बंदूक-तमंचे या फिर तीर- तलवारों की ही पूजा की जाए. एक खिलाड़ी के लिए खेल के उपकरण और मैदान कितना महत्व रखते हैं इसका उदाहरण मंडला के महात्मा गांधी मैदान में देखने को मिला. जहां दशहरे के अवसर पर करीब 200 खिलाड़ियों ने अपने-अपने खेल उपकरण के साथ मैदान में शस्त्र पूजा की और मां शक्ति से खेल प्रतिभा को बढ़ाने की प्रार्थना की.
इस दौरान खेल संरक्षक शैलेस दुबे ने बताया कि एक बार फिर महात्मा गांधी स्टेडियम ग्राउंड में पूजन का आयोजन करवाया और सभी खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को आमंत्रित कर क्रिकेट के बल्ले-बॉल, व्यायाम शाला के गदा-मुकदर से लेकर आर्चरी के तीर-कमान और हर एक खेल से जुड़े हर उपकरणों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की. खिलाड़ियों ने भी इस आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, क्योंकि एक खिलाड़ी के लिए उसके खेल उपकरण ही सबसे बड़े आराध्य से कम नहीं होते है, क्योंकि यही वह साधन है जिसके बलबूते वे न केवल अपना, पालकों के साथ ही जिले और प्रदेश के साथ ही देश का नाम दुनिया में रोशन करने का माद्दा रखते हैं.
शैलेश दुबे के अनुसार मंडला जिला कभी भी खेल प्रतिभाओं से अछूता नहीं रहा और यह जिले का सौभाग्य है कि हमारे यहां से जो खिलाड़ी हुए हैं उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है. जो मैदान या खेल उपकरणों के बिना संभव हो ही नहीं सकता. ऐसे हर साल संयुक्त रूप से मिलकर जो पूजा की जाती है,इस माध्यम से हर एक खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी से परिचित होता है और उन्हें मिलकर कुछ नई बातें सीखने और जानने को भी मिलती है.
नेशनल वुशु चैंपियन और 15 गोल्ड मेडल प्राप्त पूर्णिमा रजक ने बताया कि इस तरह का आयोजन सिर्फ मंडला में ही होता है और इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ी एक साथ इकट्ठा होकर पूरी एकता के साथ खेल भावना का परिचय देते हुए अपने खेल उपकरणों की पूजा करते हैं.