मंडला। सरस्वती शिशु मंदिर में वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मातृ-पित्र दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों ने अपने माता-पिता की पूरे विधि-विधान और मंत्र उच्चार के साथ पूजा की और उनके चरण धुलाने के साथ ही आरती उतारी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राज्यसभा सांसद के साथ सैकड़ो की संख्या में बच्चों के पालक उपस्थित हुए और आयोजन में हिस्सा लिया.
केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का कहना है कि पाश्चात्य संस्कृति की बजाय हमारी अपनी पुरानी संस्कृति के त्यौहार मनाने चाहिए और मातृ-पित्र दिवस जैसे आयोजन किये जाने चाहिए जो समाज मे संस्कारों मजबूती देते हैं,वहीं राज्यसभा सांसद ने वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे त्यौहार संस्कारों का पतन करते हैं.
![Worship of parents](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6070261_man.jpg)
![Good step towards keeping Indian traditions alive](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6070261_man-2.jpg)
राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके ने भी मातृपित्र दिवस को भारतीय परम्पराओं को जीवित रखने की दिशा में अच्छा प्रयास बताते हुए वेलेंटाइन डे को युवा पीढ़ी में भटकाव का कारण माना.