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सरस्वती शिशु मंदिर में वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मनाया गया मातृ-पित्र दिवस

मंडला में सरस्वती शिशु मंदिर में वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए मातृ-पित्र दिवस का आयोजन किया गया. इस आयोजन में बच्चों ने पूरे विधी विधान से अपने माता पिता की पूजा की और पैर धुला कर आरती की.

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वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मनाया गया मातृपित्र दिवस
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Published : Feb 14, 2020, 3:51 PM IST

मंडला। सरस्वती शिशु मंदिर में वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मातृ-पित्र दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों ने अपने माता-पिता की पूरे विधि-विधान और मंत्र उच्चार के साथ पूजा की और उनके चरण धुलाने के साथ ही आरती उतारी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राज्यसभा सांसद के साथ सैकड़ो की संख्या में बच्चों के पालक उपस्थित हुए और आयोजन में हिस्सा लिया.

वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मनाया गया मातृपित्र दिवस

केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का कहना है कि पाश्चात्य संस्कृति की बजाय हमारी अपनी पुरानी संस्कृति के त्यौहार मनाने चाहिए और मातृ-पित्र दिवस जैसे आयोजन किये जाने चाहिए जो समाज मे संस्कारों मजबूती देते हैं,वहीं राज्यसभा सांसद ने वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे त्यौहार संस्कारों का पतन करते हैं.

Worship of parents
विधि विधान से की माता पिता की पूजा
14 फरवरी को लेकर केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का कहना है कि वेलेंटाइन डे हमारी पुरानी संस्कृति से मेल नहीं खाते और संस्कारों के साथ ही पुरानी परम्पराओं को जीवित रखने के लिए मातृ-पित्र दिवस जैसे आयोजन किये जाने चाहिए. वेलेंटाइन डे को लेकर कुलस्ते ने कहा कि ये हमारी से सभ्यता नहीं है हमारी प्राचीन संस्कृति माता पिता की पूजा सिखाती है और पाश्चात्य संस्कृति के चलते परिवारों में हो रहे बिखराव को रोकने के लिए मातृपित्र दिवस जैसे आयोजन समाज को नई दिशा देते है.
Good step towards keeping Indian traditions alive
भारतीय परम्पराओं को जीवित रखने की दिशा में अच्छा कदम

राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके ने भी मातृपित्र दिवस को भारतीय परम्पराओं को जीवित रखने की दिशा में अच्छा प्रयास बताते हुए वेलेंटाइन डे को युवा पीढ़ी में भटकाव का कारण माना.

मंडला। सरस्वती शिशु मंदिर में वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मातृ-पित्र दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों ने अपने माता-पिता की पूरे विधि-विधान और मंत्र उच्चार के साथ पूजा की और उनके चरण धुलाने के साथ ही आरती उतारी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राज्यसभा सांसद के साथ सैकड़ो की संख्या में बच्चों के पालक उपस्थित हुए और आयोजन में हिस्सा लिया.

वेलेंटाइन डे के विरोध स्वरूप मनाया गया मातृपित्र दिवस

केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का कहना है कि पाश्चात्य संस्कृति की बजाय हमारी अपनी पुरानी संस्कृति के त्यौहार मनाने चाहिए और मातृ-पित्र दिवस जैसे आयोजन किये जाने चाहिए जो समाज मे संस्कारों मजबूती देते हैं,वहीं राज्यसभा सांसद ने वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे त्यौहार संस्कारों का पतन करते हैं.

Worship of parents
विधि विधान से की माता पिता की पूजा
14 फरवरी को लेकर केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री का कहना है कि वेलेंटाइन डे हमारी पुरानी संस्कृति से मेल नहीं खाते और संस्कारों के साथ ही पुरानी परम्पराओं को जीवित रखने के लिए मातृ-पित्र दिवस जैसे आयोजन किये जाने चाहिए. वेलेंटाइन डे को लेकर कुलस्ते ने कहा कि ये हमारी से सभ्यता नहीं है हमारी प्राचीन संस्कृति माता पिता की पूजा सिखाती है और पाश्चात्य संस्कृति के चलते परिवारों में हो रहे बिखराव को रोकने के लिए मातृपित्र दिवस जैसे आयोजन समाज को नई दिशा देते है.
Good step towards keeping Indian traditions alive
भारतीय परम्पराओं को जीवित रखने की दिशा में अच्छा कदम

राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके ने भी मातृपित्र दिवस को भारतीय परम्पराओं को जीवित रखने की दिशा में अच्छा प्रयास बताते हुए वेलेंटाइन डे को युवा पीढ़ी में भटकाव का कारण माना.

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