मंडला। दस्तक अभियान के तहत कुपोषण से ग्रस्त बच्चों के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं. जिले में 0 से 5 साल तक कुल 85 हजार 456 बच्चे हैं. सभी का चेकअप नहीं हो पाया है, लेकिन जितने बच्चों की जांच हुई है, उनमें अब तक 1,776 एनीमिया से जबकि 15 हजार के करीब बच्चे कुपोषण के शिकार हैं.
इन बच्चों में खून का एचबी लेवल 7 ग्राम से कम है, जबकि एचबी लेवल 10 ग्राम से कम नहीं होना चाहिए. एनीमिया से पीड़ित बच्चों के आंकड़े स्वास्थ्य विभाग और शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ाने वाले हैं. इसके अलावा जिले में कुपोषण भी पैर पसार रहा है. अब तक 100 बच्चों में से 17 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं, जबकि 100 बच्चों पर 2 बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में हैं.
आकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो कुल 85 हजार 456 बच्चों में से 14 हजार 446 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. वहीं 1290 बच्चे अतिकपोषण के श्रेणी में आते हैं, जबकि 1776 बच्चे एनिमिया के शिकार हैं. ये आकंड़े स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास की योजनाओं पर सवाल उठाती हैं.
दरअसल, दस्तक अभियान के दौरान जब जीरो से 5 साल के बच्चों की घर-घर जाकर जांच की जा रही है. 20 जून से शुरू हुआ अभियान 20 जुलाई तक चलना था, लेकिन सभी बच्चों का चैकअप नहीं होने से अभियान का समय 30 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ सकते हैं.