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मजदूरों की जान से खिलवाड़, बिना मास्क और सेनिटाइजर के कर रहे काम - मजदूरों की जान से खिलावाड़

मंडला में रेलवे लाइन का काम चल रहा है. लेकिन यहां काम में जुटे मजदूरों को न तो मास्क दिए गए हैं और न ही सेनिटाइजर. ऐसे में इन मजदूरों की जान से खिलावाड़ किया जा रहा है. जबकि रेलवे के अधिकारी और कंपनी ने मामले में चुप्पी साथ रखी है.

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मंडला न्यूज
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Published : Aug 13, 2020, 7:13 PM IST

मंडला। जिले में छोटी रेलवे लाइन को बड़ी लाइन में बदलने का काम पिछले 6 सालों से चल रहा है. लेकिन लॉकडाउन में यह काम बंद हो गया था. लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होते ही काम फिर से शुरु हो गया है. लेकिन रेलवे के काम में जुटी कंपनी मजदूरों की सुरक्षा की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

मंडला में मजदूरों की जान से खिलवाड़

करीब ढाई सौ मजदूर रेलवे लाइन को ठीक करने का काम कर रहे हैं. लेकिन न तो काम की जगह पर सेनिटाइजर रखा गया है और न ही मजदूरों को मास्क दिए गए हैं. वो भी तब जब मंडला में हर दिनों कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं रखा जा रहा ध्यान
सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं रखा जा रहा ध्यान

जब काम की देख रेख कर रहे सुपरवाइजर से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उनका कहना था कि यह बहुत मेहनत का काम है जो मास्क लगा कर नहीं किया जा सकता. जबकि उन्होंने माना कि सोशल डिस्टेंसिंग तो इस काम में संभव ही नहीं है. मजदूरों से बिना सावधानी के काम कराने पर न तो रेलवे के अधिकारी कोई ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान दिया.

केंद्र के नियमों की अनदेखी

केंद्र सरकार के द्वारा अनलॉक की प्रकिया धीरे धीरे शुरू की गई है और हर एक कार्य के लिए व्यापक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं. जिनमें सार्वजनिक स्थलों पर भी होने वाले कार्यों में बार-बार हाथ धोना, शारीरिक दूरी का ध्यान रखना और मुंह पर मास्क लगाना जरुरी है. लेकिन कॉन्ट्रेक्टर बिलासपुर के पीडी महेष्वरी और उनके सुपरवाइजर हिम्मत सिंह मरावी के लिए शायद ये नियम लागू नहीं होते हैं. तभी तो यह हर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

बीते 15 दिनों से मंडला जिले में रोज ही कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. अब तक जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 85 पहुंच गयी है. ऐसे में रेलवे के काम में बरती जा रही यह लापरवाही मजदूरों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर विषय है.

मंडला। जिले में छोटी रेलवे लाइन को बड़ी लाइन में बदलने का काम पिछले 6 सालों से चल रहा है. लेकिन लॉकडाउन में यह काम बंद हो गया था. लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होते ही काम फिर से शुरु हो गया है. लेकिन रेलवे के काम में जुटी कंपनी मजदूरों की सुरक्षा की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

मंडला में मजदूरों की जान से खिलवाड़

करीब ढाई सौ मजदूर रेलवे लाइन को ठीक करने का काम कर रहे हैं. लेकिन न तो काम की जगह पर सेनिटाइजर रखा गया है और न ही मजदूरों को मास्क दिए गए हैं. वो भी तब जब मंडला में हर दिनों कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं रखा जा रहा ध्यान
सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं रखा जा रहा ध्यान

जब काम की देख रेख कर रहे सुपरवाइजर से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उनका कहना था कि यह बहुत मेहनत का काम है जो मास्क लगा कर नहीं किया जा सकता. जबकि उन्होंने माना कि सोशल डिस्टेंसिंग तो इस काम में संभव ही नहीं है. मजदूरों से बिना सावधानी के काम कराने पर न तो रेलवे के अधिकारी कोई ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान दिया.

केंद्र के नियमों की अनदेखी

केंद्र सरकार के द्वारा अनलॉक की प्रकिया धीरे धीरे शुरू की गई है और हर एक कार्य के लिए व्यापक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं. जिनमें सार्वजनिक स्थलों पर भी होने वाले कार्यों में बार-बार हाथ धोना, शारीरिक दूरी का ध्यान रखना और मुंह पर मास्क लगाना जरुरी है. लेकिन कॉन्ट्रेक्टर बिलासपुर के पीडी महेष्वरी और उनके सुपरवाइजर हिम्मत सिंह मरावी के लिए शायद ये नियम लागू नहीं होते हैं. तभी तो यह हर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

बीते 15 दिनों से मंडला जिले में रोज ही कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. अब तक जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 85 पहुंच गयी है. ऐसे में रेलवे के काम में बरती जा रही यह लापरवाही मजदूरों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर विषय है.

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