मण्डला जिला धार्मिक,ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक,साहित्यिक के साथ ही जीवाश्म की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है लेकिन इन सभी को वो पहचान अब तक नहीं मिल पाई हैं. जिसका यह जिला हकदार है लेकिन अब जिला प्रशासन ने वृहद योजना बनाई है और पुरातत्व संघ के माध्यम से हर एक स्थान को संवारने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है.
पुराने समय की महिष्मति नगरी का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है और इसके प्रमाण मण्डला जिले के अलग अलग स्थानों में दिखाई देते हैं इसके अलावा करोड़ों साल पहले हुई भौगोलिक घटनाओं की गवाही यहां मिलने वाले डायनासोर के अंडे और पौधे के साथ ही जैव जीवाश्म देते हैं, तो प्राकृतिक सौंदर्य और गौंड राजाओं के समर्द्ध राज्य का गौरवशाली इतिहास भी यहां देखा जा सकता है. बावजूद इसके मण्डला में अभी पर्यटन को लेकर इतना काम नहीं हुआ कि लोग यहां की इन विशेषताओं से परिचित हो सकें लेकिन अब पुरातत्व संघ के साथ मिल कर जिला प्रशासन ने एक मॉडल तैयार किया है, जो जिले के पर्यटन को बढ़ाने में सहायक होगा.
क्या है कार्ययोजना
जिला प्रशासन के द्वारा हर एक छोटी से छोटी ऐतिहासिक महत्व की इमारत,किले, महलों, बाबड़ियो,मूर्तियों या फिर अवशेषों की पूरी रिसर्च करा रहा है जिसमें पुरातत्व संघ के सदस्य पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे, साथ ही हर एक चीज को यूनिक नम्बर दिया जाएगा और पुरातत्व विभाग इसका डाटा तैयार करेगा. जिसके बाद इन्हें अलग अलग किताब बना कर संरक्षित किया जाएगा. जिससे कि लोग पुस्तक में चित्रों और आलेख के माध्यम से इन जगहों से परिचित कराया जाएगा. जिससे कि कान्हा नैशनल पार्क आने वाले पर्यटकों को इनकी जानकारी मिल सके और ये इन स्थानों तक भी पहुंच सकें.
डाक्यूमेंट्री और एप्लिकेशन पर भी चल रहा विचार
जिला पुरातत्व संघ के आजीवन सदस्य प्रशांत श्रीवास्तव के द्वारा कलेक्टर हर्षिका सिंह से पुरातत्व संघ की हुई, बैठक के दौरान यह सुझाव दिया गया कि मण्डला जिले की एक डाक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाई जाए, जिसमें पर्यटन से लेकर पुरातत्व और इतिहास के साथ ही तमाम दर्शनीय स्थलों का परिचय हो, जिससे कि लोग यहां आने को विवश हो जाएं पुरातत्व संघ के आजीवन सदस्य मयंक तिवारी में जिले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक,पुरातात्विक और साहित्यिक स्थानों के बारे में पूरी जानकारी दी, वहीं कपिल वर्मा,चंद्रेश खरे,आलोक गोयल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए जिस पर अमल करने और एक एप्लिकेशन बनाने की भी बात कलेक्टर के द्वारा कही गयी।
तीन समितियां करेंगी मदद
पुरातत्व संघ के आजीवन सदस्यों की रुचि के अनुसार साहित्य,संस्कृति और इतिहास की तीन समितियों का गठन होगा, और ये समिति के सदस्य जिले के हर स्थानों का सर्वे करेंगे, साथ ही इनका लेखा जोखा और जानकारी को जुटाने का कार्य करेंगे. जिन्हें फोटोग्राफ और जानकारियों को किताबों की शक्ल दी जाएगी, इसके अलावा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाली धरोहरों को ग्राम पंचायत के द्वारा संरक्षित किया जाना जिला प्रशासन के द्वारा सुनिश्चित कराया जाएगा.
मण्डला में पर्यटन की असीम संभवानाएं हैं कान्हा नैशनल पार्क के अलावा ऐसा बहुत कुछ हैं जो कहीं और नहीं लेकिन विडम्बना यह कि आज तक इन स्थानों को पहचान दिलाने कभी प्रयास ही नहीं किये गए. कलेक्टर हर्षिका सिंह और पुरातत्व विभाग के साथ ही पुरातत्व संघ अब इस प्रयास में आगे आया है. जिससे उम्मीद की जा सकती है कि जिले में पर्यटन को अब नया आयाम मिलेगा.
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, नई कार्य योजना के तहत मण्डला को मिलेगी पहचान - पुरातत्व संघ
मण्डला पर्यटन के साथ ही काफी महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन अब तक जिले को पहचान नहीं मिल पाई है. जानें क्या है कार्य योजना..
मण्डला जिला धार्मिक,ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक,साहित्यिक के साथ ही जीवाश्म की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है लेकिन इन सभी को वो पहचान अब तक नहीं मिल पाई हैं. जिसका यह जिला हकदार है लेकिन अब जिला प्रशासन ने वृहद योजना बनाई है और पुरातत्व संघ के माध्यम से हर एक स्थान को संवारने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है.
पुराने समय की महिष्मति नगरी का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है और इसके प्रमाण मण्डला जिले के अलग अलग स्थानों में दिखाई देते हैं इसके अलावा करोड़ों साल पहले हुई भौगोलिक घटनाओं की गवाही यहां मिलने वाले डायनासोर के अंडे और पौधे के साथ ही जैव जीवाश्म देते हैं, तो प्राकृतिक सौंदर्य और गौंड राजाओं के समर्द्ध राज्य का गौरवशाली इतिहास भी यहां देखा जा सकता है. बावजूद इसके मण्डला में अभी पर्यटन को लेकर इतना काम नहीं हुआ कि लोग यहां की इन विशेषताओं से परिचित हो सकें लेकिन अब पुरातत्व संघ के साथ मिल कर जिला प्रशासन ने एक मॉडल तैयार किया है, जो जिले के पर्यटन को बढ़ाने में सहायक होगा.
क्या है कार्ययोजना
जिला प्रशासन के द्वारा हर एक छोटी से छोटी ऐतिहासिक महत्व की इमारत,किले, महलों, बाबड़ियो,मूर्तियों या फिर अवशेषों की पूरी रिसर्च करा रहा है जिसमें पुरातत्व संघ के सदस्य पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे, साथ ही हर एक चीज को यूनिक नम्बर दिया जाएगा और पुरातत्व विभाग इसका डाटा तैयार करेगा. जिसके बाद इन्हें अलग अलग किताब बना कर संरक्षित किया जाएगा. जिससे कि लोग पुस्तक में चित्रों और आलेख के माध्यम से इन जगहों से परिचित कराया जाएगा. जिससे कि कान्हा नैशनल पार्क आने वाले पर्यटकों को इनकी जानकारी मिल सके और ये इन स्थानों तक भी पहुंच सकें.
डाक्यूमेंट्री और एप्लिकेशन पर भी चल रहा विचार
जिला पुरातत्व संघ के आजीवन सदस्य प्रशांत श्रीवास्तव के द्वारा कलेक्टर हर्षिका सिंह से पुरातत्व संघ की हुई, बैठक के दौरान यह सुझाव दिया गया कि मण्डला जिले की एक डाक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाई जाए, जिसमें पर्यटन से लेकर पुरातत्व और इतिहास के साथ ही तमाम दर्शनीय स्थलों का परिचय हो, जिससे कि लोग यहां आने को विवश हो जाएं पुरातत्व संघ के आजीवन सदस्य मयंक तिवारी में जिले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक,पुरातात्विक और साहित्यिक स्थानों के बारे में पूरी जानकारी दी, वहीं कपिल वर्मा,चंद्रेश खरे,आलोक गोयल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए जिस पर अमल करने और एक एप्लिकेशन बनाने की भी बात कलेक्टर के द्वारा कही गयी।
तीन समितियां करेंगी मदद
पुरातत्व संघ के आजीवन सदस्यों की रुचि के अनुसार साहित्य,संस्कृति और इतिहास की तीन समितियों का गठन होगा, और ये समिति के सदस्य जिले के हर स्थानों का सर्वे करेंगे, साथ ही इनका लेखा जोखा और जानकारी को जुटाने का कार्य करेंगे. जिन्हें फोटोग्राफ और जानकारियों को किताबों की शक्ल दी जाएगी, इसके अलावा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाली धरोहरों को ग्राम पंचायत के द्वारा संरक्षित किया जाना जिला प्रशासन के द्वारा सुनिश्चित कराया जाएगा.
मण्डला में पर्यटन की असीम संभवानाएं हैं कान्हा नैशनल पार्क के अलावा ऐसा बहुत कुछ हैं जो कहीं और नहीं लेकिन विडम्बना यह कि आज तक इन स्थानों को पहचान दिलाने कभी प्रयास ही नहीं किये गए. कलेक्टर हर्षिका सिंह और पुरातत्व विभाग के साथ ही पुरातत्व संघ अब इस प्रयास में आगे आया है. जिससे उम्मीद की जा सकती है कि जिले में पर्यटन को अब नया आयाम मिलेगा.