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800 से 1200 रुपये में बिक रही 'टिहरी', फिर भी खरीददारों की नहीं है कमी

सरई के जंगलों में मिलने वाली मशरूम जिसे स्थानीय भाषा में टिहरी कहा जाता है, बाजार में बतौर सब्जी सबसे महंगे दामों में बिक रही है. इसके बाद भी लोग इसे खरीदने में पीछे नहीं हट रहे हैं. कहा जाता है मधुमेह के रोगियों के लिए टिहरी बेहद लाभदायक होता है.

Mandla News
मंडला न्यूज
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Published : Aug 18, 2020, 4:57 PM IST

मंडला। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में इन दिनों सबसे महंगे दाम में बिक रही है टिहरी की सब्जी, जिसका दाम 600 से लेकर 1200 रूपये प्रति किलो तक बताया जा रहा है. इसके बाद भी इस सब्जी के खरीददारों की कमी नहीं है. सरई के जंगलों में मिलने वाली मशरूम जिसे स्थानीय भाषा में टिहरी कहा जाता है, बाजार में सबसे महंगी सब्जी के रूप में बिक रही है. फिर भी लोग आगे बढ़कर इस सब्जी की खरीददारी कर रहे हैं. कहा जाता है मधुमेह के रोगियों के लिए मशरूम बेहद लाभदायक होता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सीमित होती है.

टिहरी खाने वालों के अनुसार इसका स्वाद इतना खास होता है कि लोग इसे हाथों हाथ लेने से नहीं चूकते हैं, फिर चाहे इसके लिए कितना भी दाम चुकाना पड़े. यही वजह है कि लोग इसे महंगे दामों में भी खरीदते हैं. कहा जाता है कि टिहरी कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करने में सहायक होती है और हड्डियों के रोग और थायराइड जैसी बीमारी को भी नियंत्रित करने में काफी सहायक है.

टिहरी में है कई विटामिन

टिहरी एक ऐसी सब्जी है, जिसे बहुत कम घरों में बनाया जाता है, लेकिन पोषण आहार विशेषज्ञ रश्मि वर्मा के अनुसार इसमें बेहद स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ मिलते हैं, जिनमें फाइबर सेलेनियम विटामिन सी और विटामिन डी मुख्य है. जो शरीर में कई तरह के मिनरल्स और विटामिन जैसे पोटैशियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम सोडियम, विटामिन सी और आयरन की कमी को पूरा करते हैं.

ध्यान से करें टिहरी का सेवन

पोषण आहार विशेषज्ञ रश्मि वर्मा के अनुसार बाजार में मिलने वाली टिहरी या मशरूम खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, अगर मशरूम किसी नामी कंपनी का है तो उसे निश्चित ही ये देखकर बेचा जाता है कि उसमें विषाक्त गुण मौजूद न हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली मशरूम या टिहरी को लेने के पहले यह जरूर देख लें कि वह ताजा है या फिर बिखरा हुआ न हो, दूसरी तरफ मशरूम को अच्छी तरह से कई बार पानी से धोना चाहिए, जिससे उसमें मौजूद मिट्टी और दूसरी प्रकार की गंदगी ठीक तरह से साफ हो जाए.

सरई के जंगलों में पाई जाने वाली टिहरी या मशरूम की अच्छी खासी डिमांड होती है, जो बड़ी मेहनत के बाद बाजार में आती है. दूसरी तरफ यह महज कुछ ही घंटो में खराब हो जाती है. यही वजह है कि इसके दाम आसमान छू रहे हैं और इसे पसंद करने वाले इसे जमकर खरीद भी रहे हैं.

मंडला। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में इन दिनों सबसे महंगे दाम में बिक रही है टिहरी की सब्जी, जिसका दाम 600 से लेकर 1200 रूपये प्रति किलो तक बताया जा रहा है. इसके बाद भी इस सब्जी के खरीददारों की कमी नहीं है. सरई के जंगलों में मिलने वाली मशरूम जिसे स्थानीय भाषा में टिहरी कहा जाता है, बाजार में सबसे महंगी सब्जी के रूप में बिक रही है. फिर भी लोग आगे बढ़कर इस सब्जी की खरीददारी कर रहे हैं. कहा जाता है मधुमेह के रोगियों के लिए मशरूम बेहद लाभदायक होता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सीमित होती है.

टिहरी खाने वालों के अनुसार इसका स्वाद इतना खास होता है कि लोग इसे हाथों हाथ लेने से नहीं चूकते हैं, फिर चाहे इसके लिए कितना भी दाम चुकाना पड़े. यही वजह है कि लोग इसे महंगे दामों में भी खरीदते हैं. कहा जाता है कि टिहरी कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करने में सहायक होती है और हड्डियों के रोग और थायराइड जैसी बीमारी को भी नियंत्रित करने में काफी सहायक है.

टिहरी में है कई विटामिन

टिहरी एक ऐसी सब्जी है, जिसे बहुत कम घरों में बनाया जाता है, लेकिन पोषण आहार विशेषज्ञ रश्मि वर्मा के अनुसार इसमें बेहद स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ मिलते हैं, जिनमें फाइबर सेलेनियम विटामिन सी और विटामिन डी मुख्य है. जो शरीर में कई तरह के मिनरल्स और विटामिन जैसे पोटैशियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम सोडियम, विटामिन सी और आयरन की कमी को पूरा करते हैं.

ध्यान से करें टिहरी का सेवन

पोषण आहार विशेषज्ञ रश्मि वर्मा के अनुसार बाजार में मिलने वाली टिहरी या मशरूम खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, अगर मशरूम किसी नामी कंपनी का है तो उसे निश्चित ही ये देखकर बेचा जाता है कि उसमें विषाक्त गुण मौजूद न हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली मशरूम या टिहरी को लेने के पहले यह जरूर देख लें कि वह ताजा है या फिर बिखरा हुआ न हो, दूसरी तरफ मशरूम को अच्छी तरह से कई बार पानी से धोना चाहिए, जिससे उसमें मौजूद मिट्टी और दूसरी प्रकार की गंदगी ठीक तरह से साफ हो जाए.

सरई के जंगलों में पाई जाने वाली टिहरी या मशरूम की अच्छी खासी डिमांड होती है, जो बड़ी मेहनत के बाद बाजार में आती है. दूसरी तरफ यह महज कुछ ही घंटो में खराब हो जाती है. यही वजह है कि इसके दाम आसमान छू रहे हैं और इसे पसंद करने वाले इसे जमकर खरीद भी रहे हैं.

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