मंडला। युवा एवं खेल कल्याण विभाग के इंडोर स्टेडियम में बीते 4 महीने से टॉयलेट नहीं है, जिससे महिला खिलाड़ियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पिछले चार महीनों से टायलेट बनाने का काम फिर से शुरु किया गया जो अब तक पूरा नहीं हुआ.
इंडोर स्टेडियम में नहीं है टॉयलेट की व्यवस्था, 4 महीने से खिलाड़ी परेशान
मंडला के युवा एवं खेल कल्याण विभाग के इंडोर स्टेडियम में मूलभूत सुनिधाएं नहीं होने से खिलाड़ियों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.
नहीं है टॉयलेट, खिलाड़ी परेशान
मंडला। युवा एवं खेल कल्याण विभाग के इंडोर स्टेडियम में बीते 4 महीने से टॉयलेट नहीं है, जिससे महिला खिलाड़ियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पिछले चार महीनों से टायलेट बनाने का काम फिर से शुरु किया गया जो अब तक पूरा नहीं हुआ.
Intro:मण्डला के युवा एवं खेल कल्याण विभाग के इंडोर स्टेडियम में बीते 4 महीने से टायलेट के पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है और खिलाड़ियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है,सबसे ज्यादा परेशान हो रही हैं आधा सैकड़ा से ज्यादा वे महिला खिलाड़ी जो यहाँ प्रेक्टिस करने रोज आती हैं
Body:मण्डला जिले एक मात्र इंडोर स्टेडियम में बीते चार माह से खिलाड़ी एक अदद टॉयलेट को तरस रहे हैं और आलम यह है कि खिलाड़ियों को यहाँ वहाँ भटकना पड़ता है,ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान होती हैं वे महिला खिलाड़ी जो यहाँ अलग अलग तरह के खेलों प्रेक्टिस करने आती हैं और अपनी ड्रेस चैंज करने से लेकर टायलेट जाने के लिए उन्हें यहाँ वहाँ भटकना पड़ता है, जिले की शान और बुसु में दर्जन भर से ज्यादा नैशनल गोल्ड मैडल देने वाली पूर्णिमा रजक का कहना है कि टॉयलेट न होने से समय भी खराब होता है और दूसरे तरह की परेशानियां भी होती हैं,वहीं जिला खेल अधिकारी भी महिला खिलाड़ियों को होने वाली समस्या से इत्तेफाक रखते हैं जिनका कहना है कि ठेकेदार को बार बार बोला जा रहा है लेकिन जो काम नबम्बर के पहले हफ्ते में पूरा हो जाना था उसे पूरा होने में अभी और समय लगने वाला है
Conclusion:जुलाई से चल रहे रेनोवेशन के कार्य को 7 नबम्बर तक पूरा हो जाना था लेकिन सब इंजीनियर मुजम्मिल कुरैशी का कहना है कि इस ज्यादा हुई बरसात से कार्य समय पर नहीं हो पाया,लेकिन ईटीवी भारत का सवाल यह कि जो खिलाड़ी जिले के साथ ही प्रदेश औऱ देश का नाम रौशन करते हैं उन्हें जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही परेशान होना पड़ता है,वहीं महिला खिलाड़ी जिन्हें खेल से ज्यादा इस बात पर ध्यान देना होता है कि वे अपनी ड्रेस कहाँ बदलें या फिर टॉयलेट के लिए यहाँ वहाँ भटकती रहें।
बाईट--पूर्णिमा रजक,नैशनल बुसु गोल्डमेडलिस्ट
बाईट--मुजम्मिल कुरैशी,सब इंजीनियर
बाईट--रविन्द्र ठाकुर, जिला खेल अधिकारी मण्डला
Body:मण्डला जिले एक मात्र इंडोर स्टेडियम में बीते चार माह से खिलाड़ी एक अदद टॉयलेट को तरस रहे हैं और आलम यह है कि खिलाड़ियों को यहाँ वहाँ भटकना पड़ता है,ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान होती हैं वे महिला खिलाड़ी जो यहाँ अलग अलग तरह के खेलों प्रेक्टिस करने आती हैं और अपनी ड्रेस चैंज करने से लेकर टायलेट जाने के लिए उन्हें यहाँ वहाँ भटकना पड़ता है, जिले की शान और बुसु में दर्जन भर से ज्यादा नैशनल गोल्ड मैडल देने वाली पूर्णिमा रजक का कहना है कि टॉयलेट न होने से समय भी खराब होता है और दूसरे तरह की परेशानियां भी होती हैं,वहीं जिला खेल अधिकारी भी महिला खिलाड़ियों को होने वाली समस्या से इत्तेफाक रखते हैं जिनका कहना है कि ठेकेदार को बार बार बोला जा रहा है लेकिन जो काम नबम्बर के पहले हफ्ते में पूरा हो जाना था उसे पूरा होने में अभी और समय लगने वाला है
Conclusion:जुलाई से चल रहे रेनोवेशन के कार्य को 7 नबम्बर तक पूरा हो जाना था लेकिन सब इंजीनियर मुजम्मिल कुरैशी का कहना है कि इस ज्यादा हुई बरसात से कार्य समय पर नहीं हो पाया,लेकिन ईटीवी भारत का सवाल यह कि जो खिलाड़ी जिले के साथ ही प्रदेश औऱ देश का नाम रौशन करते हैं उन्हें जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही परेशान होना पड़ता है,वहीं महिला खिलाड़ी जिन्हें खेल से ज्यादा इस बात पर ध्यान देना होता है कि वे अपनी ड्रेस कहाँ बदलें या फिर टॉयलेट के लिए यहाँ वहाँ भटकती रहें।
बाईट--पूर्णिमा रजक,नैशनल बुसु गोल्डमेडलिस्ट
बाईट--मुजम्मिल कुरैशी,सब इंजीनियर
बाईट--रविन्द्र ठाकुर, जिला खेल अधिकारी मण्डला