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पहली ही बारिश में बह गया लाखों की लागत से बना तालाब, अधिकारियों से साधी चुप्पी

मंडला जिले में अधिकारियों की मिली भगत से पहले तो एक तालाब का निर्माण करवाया गया. वहीं अब जब पहली ही बारिश में तालाब फूट गया, तो वो इस बात से भी इनकार कर रहे हैं कि, वहां कोई तालाब का निर्माण भी करवाया गया था.

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पहली ही बारिश में बह गया लाखों की लागत से बना तालाब
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Published : Jul 27, 2020, 6:05 PM IST

मंडला। जिले में अभी तक अच्छी बारीश भी नहीं हुई है, उससे पहले ही कई जगह वन विभाग द्वारा बनाए गए पुल- पुलिया और तालाब बहने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला जिले के पक्षिम सामान्य वनमंडल के वनपरिक्षेत्र बरेला के वन ग्राम चौकी माल का सामने आया है, जहां लाखों की लागत से बना तालाब बह गया. लोगों का आरोप है कि, तालाब के निर्माण में वन विभाग की राशि का दुरुपयोग किया गया है. इस दौरान खेतों में खड़ी कई एकड़ धान की फसल भी बर्बाद हो गई है.

बता दे कि, वन परिक्षेत्र बरेला के डिप्टी रेंजर सुनील कुमार मिश्रा और बीट गार्ड पटैल ने मगरधा वन समिति की लाभांश राशि से वन ग्राम चौकी माल में नाले के बीचो बीच ग्रामीणों के विरोध के बावजूद तालाब का निर्माण कराया गया था, जो बीते गुरुवार 23 जुलाई की मध्य रात्रि में हुई बारिश से बह गया, जिससे कई एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है. साथ ही ये भी सिद्ध हो गया कि, वनविभाग के अधिकारियों ने किस तरह सरकार के पैसे की बंदरबांट की है.

पहली ही बारिश में तालाब बह जाने को लेकर जब डिप्टी रेंजर सुनील कुमार मिश्रा से पूछा गया, तो उनका कहना है कि, हमने वहां किसी तालाब का निर्माण नहीं कराया है. जबकि, सच्चाई यही है कि, डिप्टी रेंजर एसके मिश्रा और बीट गार्ड पटैल ने मघरधा वन समिति के पैसों में हेरफेर कर दूसरे गांव में तालाब का निर्माण कराया था. जिसका स्थानीय निवासीयों ने विरोध भी किया था, लेकिन अब डिप्टी रेंजर एसके मिश्रा की पोल खुल गई है. वहीं मिश्रा अब इस पूरे मामलें से बचते हुऐ नजर आ रहे हैं. वहीं रेला रेंज के प्रभारी रेंजर प्रह्लाद कुमार प्यासी से फोन पर बताया कि, 'इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, मैं डिप्टी रेंजर से बात करके आपको बताता हूं'.

मंडला। जिले में अभी तक अच्छी बारीश भी नहीं हुई है, उससे पहले ही कई जगह वन विभाग द्वारा बनाए गए पुल- पुलिया और तालाब बहने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला जिले के पक्षिम सामान्य वनमंडल के वनपरिक्षेत्र बरेला के वन ग्राम चौकी माल का सामने आया है, जहां लाखों की लागत से बना तालाब बह गया. लोगों का आरोप है कि, तालाब के निर्माण में वन विभाग की राशि का दुरुपयोग किया गया है. इस दौरान खेतों में खड़ी कई एकड़ धान की फसल भी बर्बाद हो गई है.

बता दे कि, वन परिक्षेत्र बरेला के डिप्टी रेंजर सुनील कुमार मिश्रा और बीट गार्ड पटैल ने मगरधा वन समिति की लाभांश राशि से वन ग्राम चौकी माल में नाले के बीचो बीच ग्रामीणों के विरोध के बावजूद तालाब का निर्माण कराया गया था, जो बीते गुरुवार 23 जुलाई की मध्य रात्रि में हुई बारिश से बह गया, जिससे कई एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है. साथ ही ये भी सिद्ध हो गया कि, वनविभाग के अधिकारियों ने किस तरह सरकार के पैसे की बंदरबांट की है.

पहली ही बारिश में तालाब बह जाने को लेकर जब डिप्टी रेंजर सुनील कुमार मिश्रा से पूछा गया, तो उनका कहना है कि, हमने वहां किसी तालाब का निर्माण नहीं कराया है. जबकि, सच्चाई यही है कि, डिप्टी रेंजर एसके मिश्रा और बीट गार्ड पटैल ने मघरधा वन समिति के पैसों में हेरफेर कर दूसरे गांव में तालाब का निर्माण कराया था. जिसका स्थानीय निवासीयों ने विरोध भी किया था, लेकिन अब डिप्टी रेंजर एसके मिश्रा की पोल खुल गई है. वहीं मिश्रा अब इस पूरे मामलें से बचते हुऐ नजर आ रहे हैं. वहीं रेला रेंज के प्रभारी रेंजर प्रह्लाद कुमार प्यासी से फोन पर बताया कि, 'इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, मैं डिप्टी रेंजर से बात करके आपको बताता हूं'.

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