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ज्योतिष शास्त्र में छिपा लहलहाती फसल का राज! जानें, इस साल बुवाई का क्या है सही समय?

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Published : Jun 12, 2021, 6:03 AM IST

ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार 8 जून से मृगशिरा नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है यह 22 जून तक रहेगा. इस नक्षत्र में खास कर धान की बुवाई सर्वाधिक उत्तम मानी जाती है जबकि किसान चाहें तो हर तरह के अनाज की बुवाई इस नक्षत्र में कर सकते हैं

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ज्योतिष शास्त्र

मंडला। मध्य प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही मंडला जिले के किसान अपने खेती में बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. मंडला जिले के कई किसान ज्योतिष शास्त्र पर भी मान्यता रखते हैं. जिसमें यह लोग पता लगाते है कि आगामी सीजन में कितनी बरसात होगी और अनाज की बुवाई कब और कैसे करनी होगी.

ज्योतिष शास्त्र
  • ज्योतिष शास्त्र पर किसानों का भरोसा

एमपी में सामान्यतया 15 जून के करीब बारिश की शुरुआत होती है, लेकिन इस साल जून के पहले हफ्ते में ही पूरे प्रदेश में बारिश होने लगी है. जिस वजह से किसान खेतों की बुवाई में जुट गए हैं. मानसून की शुरुआत और बुवाई के काम के बीच किसान असमंजस में है कि धान, मक्का, सोयाबीन और अरहर जैसी फसलों की बुवाई कौन से समय में करना सही होगा. वहीं, किसानों को डर है कि कहीं जल्दी बुवाई करने से उन्हें कोई नुकसान न हो जाए.

  • मृगशिरा नक्षत्र में बुवाई से धरती उगलती है सोना

मंडला जिले के कई किसान ज्योतिष शास्त्र को मानते हैं और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मृगशिरा नक्षत्र में की जाने वाली बुवाई सबसे अच्छी साबित होती है. यह एक ऐसा नक्षत्र है जिसमें यदि किसान अपनी फसलों की बुवाई करता हैं तो निश्चित ही उनकी जमीन सोना उगलती है. एमपी में मानसून आने से पहले प्री मानसून बारिश भी होती है जो किसानों के खेतों में जुताई, बखरोनी और उगने वाले खरपतवारों को नष्ट कर जमीन को बुवाई के लिए तैयार करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है. प्री मानसून बारिश के कुछ दिन बाद मानसूनी बारिश होती है और ऐसे में मौसम खुलते ही अच्छी धूप और बारिश से पौधे बड़े होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र में किसानों को अपने खेतों में अनाज की बुआई कर देनी चाहिए.

  • 8 जून से 22 जून तक है सबसे अच्छा समय

ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार 8 जून से मृगशिरा नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है यह 22 जून तक रहेगा. इस नक्षत्र में खास कर धान की बुवाई सर्वाधिक उत्तम मानी जाती है जबकि किसान चाहें तो हर तरह के अनाज की बुवाई इस नक्षत्र में कर सकते हैं. इसके कारण उन अनाजों का अंकुरण सही समय पर होता है. इस नक्षत्र में पैदा होने वाले पौधे मजूबत होते हैं इस लिए किसानों की बुवाई के लिए यह सबसे अच्छा समय है.

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  • इस साल है आनंद योग

खेती के लिहाज से इस साल 'आनंद योग' चल रहा है जिससे साफ जाहिर है कि किसानों की उपज इस बार अच्छी रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब जब आनंद योग होता है उस साल फसलों की पैदावार अच्छी होती है और कृषि के अनुकूल मौसम होता है जिससे किसानों को लाभ होता है.

  • इस साल होगी अच्छी बारिश

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल अच्छी बारिश के हो सकती है. ऐसे में किसान 140 दिनों तक के समय में पकने वाली फैसलों की बुवाई भी कर सकते हैं जिन्हें ज्यादा दिनों तक पानी मिलेगा

  • आद्रा नक्षत्र 2021 में होगा 50-50

आद्रा नक्षत्र नमी वाला नक्षत्र माना जाता है जो इस साल मृगशिरा नक्षत्र के बाद लगने जा रहा है. इस मौसम में एक तरफ जहां सूर्य देवता भी अपनी तपिश दिखाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ चन्द्र देवता की शीतलता भी मिलती है. ऐसे में इसे आधा-आधा गर्म और ठंडा नक्षत्र माना जाता है. दरअसल, यह आद्र यानी नमी वाला नक्षत्र है, जिसमें बीज जो अंकुरित हो चुके वे बढ़ जाते हैं, लेकिन कभी कभी ज्यादा ही मौसम साफ होने के चलते इस नक्षत्र को बुवाई ठीक नहीं मानी जाती है.

  • प्रकृति को भांपने में माहिर किसान

एमपी के अधिकांश किसान बादलों और हवाओं के रुख देखकर और प्रकृति से मिलने वाले संकेतों पर अपने अनुभव का इस्तेमाल कर मौसम का सटीक अनुमान लगाने में माहिर है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों की सलाह के साथ ही ज्योतिष शास्त्र की मदद से फसलों की बुवाई की जाए तो निश्चित ही धरती सोना उगलेगी और किसानों को इसका लाभ होगा.

मंडला। मध्य प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही मंडला जिले के किसान अपने खेती में बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. मंडला जिले के कई किसान ज्योतिष शास्त्र पर भी मान्यता रखते हैं. जिसमें यह लोग पता लगाते है कि आगामी सीजन में कितनी बरसात होगी और अनाज की बुवाई कब और कैसे करनी होगी.

ज्योतिष शास्त्र
  • ज्योतिष शास्त्र पर किसानों का भरोसा

एमपी में सामान्यतया 15 जून के करीब बारिश की शुरुआत होती है, लेकिन इस साल जून के पहले हफ्ते में ही पूरे प्रदेश में बारिश होने लगी है. जिस वजह से किसान खेतों की बुवाई में जुट गए हैं. मानसून की शुरुआत और बुवाई के काम के बीच किसान असमंजस में है कि धान, मक्का, सोयाबीन और अरहर जैसी फसलों की बुवाई कौन से समय में करना सही होगा. वहीं, किसानों को डर है कि कहीं जल्दी बुवाई करने से उन्हें कोई नुकसान न हो जाए.

  • मृगशिरा नक्षत्र में बुवाई से धरती उगलती है सोना

मंडला जिले के कई किसान ज्योतिष शास्त्र को मानते हैं और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मृगशिरा नक्षत्र में की जाने वाली बुवाई सबसे अच्छी साबित होती है. यह एक ऐसा नक्षत्र है जिसमें यदि किसान अपनी फसलों की बुवाई करता हैं तो निश्चित ही उनकी जमीन सोना उगलती है. एमपी में मानसून आने से पहले प्री मानसून बारिश भी होती है जो किसानों के खेतों में जुताई, बखरोनी और उगने वाले खरपतवारों को नष्ट कर जमीन को बुवाई के लिए तैयार करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है. प्री मानसून बारिश के कुछ दिन बाद मानसूनी बारिश होती है और ऐसे में मौसम खुलते ही अच्छी धूप और बारिश से पौधे बड़े होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र में किसानों को अपने खेतों में अनाज की बुआई कर देनी चाहिए.

  • 8 जून से 22 जून तक है सबसे अच्छा समय

ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार 8 जून से मृगशिरा नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है यह 22 जून तक रहेगा. इस नक्षत्र में खास कर धान की बुवाई सर्वाधिक उत्तम मानी जाती है जबकि किसान चाहें तो हर तरह के अनाज की बुवाई इस नक्षत्र में कर सकते हैं. इसके कारण उन अनाजों का अंकुरण सही समय पर होता है. इस नक्षत्र में पैदा होने वाले पौधे मजूबत होते हैं इस लिए किसानों की बुवाई के लिए यह सबसे अच्छा समय है.

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  • इस साल है आनंद योग

खेती के लिहाज से इस साल 'आनंद योग' चल रहा है जिससे साफ जाहिर है कि किसानों की उपज इस बार अच्छी रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब जब आनंद योग होता है उस साल फसलों की पैदावार अच्छी होती है और कृषि के अनुकूल मौसम होता है जिससे किसानों को लाभ होता है.

  • इस साल होगी अच्छी बारिश

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल अच्छी बारिश के हो सकती है. ऐसे में किसान 140 दिनों तक के समय में पकने वाली फैसलों की बुवाई भी कर सकते हैं जिन्हें ज्यादा दिनों तक पानी मिलेगा

  • आद्रा नक्षत्र 2021 में होगा 50-50

आद्रा नक्षत्र नमी वाला नक्षत्र माना जाता है जो इस साल मृगशिरा नक्षत्र के बाद लगने जा रहा है. इस मौसम में एक तरफ जहां सूर्य देवता भी अपनी तपिश दिखाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ चन्द्र देवता की शीतलता भी मिलती है. ऐसे में इसे आधा-आधा गर्म और ठंडा नक्षत्र माना जाता है. दरअसल, यह आद्र यानी नमी वाला नक्षत्र है, जिसमें बीज जो अंकुरित हो चुके वे बढ़ जाते हैं, लेकिन कभी कभी ज्यादा ही मौसम साफ होने के चलते इस नक्षत्र को बुवाई ठीक नहीं मानी जाती है.

  • प्रकृति को भांपने में माहिर किसान

एमपी के अधिकांश किसान बादलों और हवाओं के रुख देखकर और प्रकृति से मिलने वाले संकेतों पर अपने अनुभव का इस्तेमाल कर मौसम का सटीक अनुमान लगाने में माहिर है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों की सलाह के साथ ही ज्योतिष शास्त्र की मदद से फसलों की बुवाई की जाए तो निश्चित ही धरती सोना उगलेगी और किसानों को इसका लाभ होगा.

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