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मंडला: इस गांव तक पहुंचते-पहुंचते खत्म हो जाती है पीएम आवास योजना !

मण्डला जिले के ढेंको गांव में ग्रामीण आज भी जीर्णशीर्ण मकानों में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणोें ने प्रधानमंत्री आवास योजाना का नाम तो सुना है लेकिन उनके लिए कब सार्थक होगी यह कहना मुश्किल है.

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Published : Aug 2, 2019, 10:41 AM IST

प्रधानमंत्री आवास योजना सपना बनी g Scheme Dream

मण्डला। सतपुड़ा पहाड़ियों पर बसा मण्डला चारों ओर से खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है. लेकिन हम आपको जो तस्वीर दिखा रहे हैं वह मण्डला स्थित ग्राम पंचायत के ढेंको गांव की है. जहां आज भी लोग टूटे-फूटे और मिट्टी के कच्चे मकानों में रहने को मजबूर है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यहां रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मकानों के सपने नहीं दिखाई गए. लेकिन वह कब पूरे होंगे यह कहना थोड़ा मुश्किल हैं. अधिकारियों से बात करने पर वह पुराना रटा रटाया जबाव देकर मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करते नजर आए.

सपना बनकर रह गई है पीएम आवास योजना

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके पास मकान नहीं होने के चलते वह अपनी बेटी के घर रहने को मजबूर हैं. जब उनसे यह पूछा गया कि आप ने प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मकान के लिए कोई आवेदन किया तो उन्होंने फटाक से कहा कि वह मकान के लिए कई बार अधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारी उन्हें यह कहकर भगा देते हैं कि तुम्हारा आवेदन कम्प्यूटर में लोड हो गया है.

वहीं ग्राम पंचायत सचिव 2011 का हवाला देते हुए कहते है कि प्राथमिकता के आधार पर हितग्राहियों को मकान दिये जाते हैं. जबकि मण्डला जिले के कलेक्टर का कहना है कि पीएम आवास योजना के मकान सभी को उपलब्ध नहीं करा सकते.

मण्डला। सतपुड़ा पहाड़ियों पर बसा मण्डला चारों ओर से खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है. लेकिन हम आपको जो तस्वीर दिखा रहे हैं वह मण्डला स्थित ग्राम पंचायत के ढेंको गांव की है. जहां आज भी लोग टूटे-फूटे और मिट्टी के कच्चे मकानों में रहने को मजबूर है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यहां रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मकानों के सपने नहीं दिखाई गए. लेकिन वह कब पूरे होंगे यह कहना थोड़ा मुश्किल हैं. अधिकारियों से बात करने पर वह पुराना रटा रटाया जबाव देकर मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करते नजर आए.

सपना बनकर रह गई है पीएम आवास योजना

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके पास मकान नहीं होने के चलते वह अपनी बेटी के घर रहने को मजबूर हैं. जब उनसे यह पूछा गया कि आप ने प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मकान के लिए कोई आवेदन किया तो उन्होंने फटाक से कहा कि वह मकान के लिए कई बार अधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारी उन्हें यह कहकर भगा देते हैं कि तुम्हारा आवेदन कम्प्यूटर में लोड हो गया है.

वहीं ग्राम पंचायत सचिव 2011 का हवाला देते हुए कहते है कि प्राथमिकता के आधार पर हितग्राहियों को मकान दिये जाते हैं. जबकि मण्डला जिले के कलेक्टर का कहना है कि पीएम आवास योजना के मकान सभी को उपलब्ध नहीं करा सकते.

Intro:मण्डला जनपद की ढेको ग्राम पंचायत में लोग जीर्णशीर्ण मकानों में रहने को मजबूर हैं जिनके लिए प्रधानमंत्री आवास सपना बना हुआ है,इन लोगों के न तो सर के ऊपर छत है और न ही आसपास चारदीवारी जिसे घर कहा जा सके


Body:मण्डला जनपद के अंतर्गत आने वाली ढेको ग्राम पंचायत के बहुत से ऐसे मकान हैं जिन्हें किसी भी लिहाज से घर तो कहा ही नहीं जा सकता क्योंकि न इनकी छत से बारिश के पानी की बचत हो सकती न ही धूप की,वहीं दीवारों के नाम पर कभी भी गिर जाने वाली मिट्टी हैं या फिर जमींदोज हो चुकी ईंटे,एक तरफ सरकार के द्वारा हर जरूरतमन्दों को आवास दिए जाने की योजना चल रही है दूसरी तरफ उम्र के आखिरी पड़ाव पर ऐसे बुजुर्ग भी हैं जो अपने घर से बेघर होकर कहीं और अपना डेरा रखे हैं लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री आवास के अंतर्गत योजना का लाभ ही नहीं मिल पा रहा,और ये टूटे फूटे मकान में रह कर जीवन यापन करने को मजबूर हैं,इन लोगों का कहना है कि उनके द्वारा अनेकों बार ग्रामपंचायत में आवेदन दिया जा चुका है और अपने मकानों की इस्थिति से सरपंच और सचिव को अवगत करा चुके हैं लेकिन ग्रामपंचायत के द्वारा इन पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा और वे अपने टूटे हुए मकान में रह रहे या फिर किसी और के घर जाकर रहने को मजबूर हैं


Conclusion:ग्राम पंचायत के सचिव का कहना है कि 2011 की सूची के आधार पर ही वरीयता के क्रम से आवासों का आवंटन किया जा रहा वहीं जिले के मुखिया जगदीश चंद्र जाटिया भी इस मामले पर नियमों की दुहाई दे रहे है लेकिन इन टूटे हुए मकानों में कोई किस तरह रह सकता है इसका जबाब किसी के पास नहीं

बाईट--देवकरण जंघेला,बुजुर्ग
बाईट--दिलीप जंघेला,आवेदन कर्ता
बाईट--राजकुमार टेकाम,सचिव,ग्राम पंचायत ढेंको
बाईट--जगदीश चंद्र जाटिया कलेक्टर मण्डला
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