मण्डला। मंडला जिला अस्पताल में सफाई कर्मी शौचालय समेत सभी ऐसे स्थानों की सफाई करते आ रहे हैं, जहां कोई जाना भी पसंद नहीं करता है, लेकिन अब इन सफाई कर्मियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है. जिसे लेकर सफाई कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है.
बीते कई सालों से मंडला जिला अस्पताल में महिला और पुरुष सफाईकर्मी वार्ड की साफ-सफाई से लेकर शौचालय की सफाई भी करते आ रहे हैं. इन सफाई कर्मियों की संख्या करीब आधा सैकड़ा है. जिन्होंने कोरोना काल में भी उन मरीजों और कोविड सेंटर की साफ-सफाई का जिम्मा संभाला, जहां बिना पीपीई किट के जाना खतरे से खाली नहीं था. अब इन 46 सफाई कर्मियों में से की छंटनी होने जा रही है.
जिसके विरोध में सफाई कर्मी महिला और पुरुष ने पहले जिला अस्पताल में अपना विरोध दर्ज कराया और इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपा है. कर्मचारियों ने बताया कि, अब उन्हें निकालने की बात बार- बार कही जा रही है, साथ ही दबाव बनाया जा रहा है, जिससे कि खुद ही काम छोड़ दें, वहीं कुछ महिलाओं को सफाई कर्मी की जिम्मेदारी से हटा दिया गया था.
इन महिलाओं के अनुसार पहले उन्हें हर महीने 8 हजार दो सौ रुपये मानदेय के रूप में प्राप्त होते थे, जबकि अस्पताल प्रशासन की तरफ से अब कहा जा रहा है कि, सिर्फ 35 सफाई कर्मी ही रख सकते हैं. ऐसे में उनकी तनख्वाह तो 8 हजार दो सौ रुपए बनेगी, लेकिन 22सौ रुपए वापस करना होगा. जिससे कि दूसरे सफाई कर्मियों का मानदेय एडजस्ट किया जाए और किसी को निकालने की जरूरत न पड़े. सफाई कर्मियों के द्वारा लगाए गए आरोपों पर जिला अस्पताल का कहना है कि, स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त निर्देश के अनुसार सफाई के लिए 35 कर्मचारी ही रखे जा सकते हैं. इसके चलते जो अधिक सफाई कर्मी हैं, उन्हें निकालना मजबूरी है क्योंकि मानदेय का बजट ही 35 कर्मियों का है.