मंडला। जिले में ग्रीन जोन होने के चलते लोगों को कुछ राहत मिली है. लेकिन जिले की सीमाओं को पूरी तरह से सील रखा गया है. यहां दूसरे जिले या प्रदेश से आने वाले मजदूरों को जिले के भीतर दाखिल होने की अनुमति तो है, लेकिन उससे पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना अनिवार्य है. इन तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर नैनपुर तहसील के चैक पोस्ट पर पहुंची. इस दौरान यहां तेलंगाना से वापस आए प्रवासी मजदूरों की जांच तहसीलदार की देखरेख में चल रही थी. जिन्होंने बताया कि रोज आने वाले मजदूरों का पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. उसके बाद उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है.
नैनपुर तहसील का ये चैक पोस्ट सिवनी जिले के साथ बालाघाट जिले की सीमाओं से भी मिलता है. ये रास्ता आगे महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों से मिलता है. इसलिए ये चेक पोस्ट ग्रीन जोन में होने के बाद भी पूरी तरह से सील रखा गया है. यहां से सिर्फ उन्हीं मजदूरों को जिले की सीमा में दाखिल होने दिया जा रहा है, जो बाहर फंसे हुए थे. मजदूरों के हेल्थ चेकअप और खाने की व्यवस्था की गई है.
मजदूरों को फूड पैकेट देकर उन्हीं के वाहनों से या फिर वाहन न होने की दशा में जिला प्रशासन के द्वारा मुहैया कराई गई बसों से उनके गांवों तक भेजा जा रहा है. ये जिले का सबसे व्यस्ततम चेक पोस्ट है. रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग वापस आ रहे हैं.
लिहाजा जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस के जवान और स्वास्थ्य विभाग का अमला 24 घण्टे ड्यूटी कर रहा है. कलेक्टर के निर्देश हैं कि सीमा पर पूरी मुस्तैदी से सावधानी रखी जाए.