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मंडला के सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वाले कर्मचारियों को नहीं मिला मानदेय, कलेक्टर से गुहार

मंडला के सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वाले कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से मानदेय नहीं मिल रहा है. सभी कर्मचारियों ने कलेक्ट्र्ट पहुंचकर गुहार लगाई है. पिछले चार महीनों से इन्हें मानदेय नहीं मिला है.

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Published : Sep 29, 2020, 5:32 PM IST

मंडला। सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वाले हजारों रसोइयों को बीते 4 महीने से मानदेय नहीं मिला है. ऐसे में उन्हें आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मंडला के 9 विकासखंडों में बड़ी संख्या में सालों से रसोइयों का काम करने वाले कर्मचारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है कि 4 महीने से उन्हें मानदेय नहीं मिला है, जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन रसोइयों ने कलेक्टर को जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है. साथ ही सरकार से गुहार लगाई है कि, वे लंबे समय से खाना बनाने का कार्य कर रहे हैं, इसलिए उनका मानदेय बढ़ाया जाए और नियमित भुगतान किया जाए.

कब मिलेगा मानदेय ?
मंडला जिले की बात करें तो, जिले के 9 विकास खंड में कुल 4 हजार 886 रसोइयां हैं. जबकि प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वालों की संख्या 2 लाख 36 हजार 600 से ज्यादा है. जिन्हें पहले एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था. जिसे विधानसभा चुनावों के पहले बढ़ाकर 2 हजार किया गया है, लेकिन इन लोगों की मांग है कि, इन्हें कम से कम कलेक्टर रेट से मानदेय का भुगतान किया जाए.स्कूलों में खाना बनाने वाले लोगों में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो करीब 20 साल से यही काम कर रहे हैं. ऐसे में लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए मानदेय बढ़ाने की मांग लंबे समय से प्रदेश भर के रसोइयों द्वारा की जा रही है.

मंडला। सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वाले हजारों रसोइयों को बीते 4 महीने से मानदेय नहीं मिला है. ऐसे में उन्हें आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मंडला के 9 विकासखंडों में बड़ी संख्या में सालों से रसोइयों का काम करने वाले कर्मचारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है कि 4 महीने से उन्हें मानदेय नहीं मिला है, जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन रसोइयों ने कलेक्टर को जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है. साथ ही सरकार से गुहार लगाई है कि, वे लंबे समय से खाना बनाने का कार्य कर रहे हैं, इसलिए उनका मानदेय बढ़ाया जाए और नियमित भुगतान किया जाए.

कब मिलेगा मानदेय ?
मंडला जिले की बात करें तो, जिले के 9 विकास खंड में कुल 4 हजार 886 रसोइयां हैं. जबकि प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वालों की संख्या 2 लाख 36 हजार 600 से ज्यादा है. जिन्हें पहले एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था. जिसे विधानसभा चुनावों के पहले बढ़ाकर 2 हजार किया गया है, लेकिन इन लोगों की मांग है कि, इन्हें कम से कम कलेक्टर रेट से मानदेय का भुगतान किया जाए.स्कूलों में खाना बनाने वाले लोगों में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो करीब 20 साल से यही काम कर रहे हैं. ऐसे में लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए मानदेय बढ़ाने की मांग लंबे समय से प्रदेश भर के रसोइयों द्वारा की जा रही है.
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