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निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी, कहीं खुशी तो कहीं देरी पर छलका दर्द

निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी. इस पर महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.

females reaction on nirbhaya case verdict
निर्भया के अपराधियों को सजा
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Published : Jan 7, 2020, 10:29 PM IST

मंडला। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों की फांसी का वक्त मुकर्रर हो चुका है, पटियाला हाउस कोर्ट के डेथ वारंट जारी करते ही महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी. शिक्षिका श्यामलता झारिया का कहना है कि इस जघन्य अपराध के लिए कोर्ट से जो न्याय मिला है, उससे खुशी तो बहुत है लेकिन ऐसे अपराध का निर्णय जहां तत्काल होना था. इतनी देरी क्यों हुई, ऐसे मानसिक रोगियों को जो बलात्कार जैसे जघन्य अपराध करते हैं, उन्हें तुरंत फांसी पर लटका देना चाहिए.

निर्भया के अपराधियों को सजा
अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट पूजा जोशी का कहना है कि निर्भया गैंगरेप के बारे में सोचकर ही दिल दहल उठता है, जो इस तरह के अपराध को अंजाम देते हैं, देश का कानून इतना सख्त होना चाहिए कि दोबारा इस तरह का कृत्य करने की कोई हिम्मत न जुटा सके.
वुशु की नेशनल चैंपियन रह चुकी पूर्णिमा रजक का कहना है कि जो फैसला आया है, वो बहुत लेट आया है, जिस लड़की के साथ इतनी हैवानियत की गई, उसके परिजनों को इतनी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, दरिंदों को उसी वक्त फांसी दे दी जाती तो और खुशी होती.
नारायणी नमोस्तुते पुरस्कार से नवाजी जा चुकी शशी पटेल ने निर्भया गैंगरेप को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि संविधान में ऐसे बदलाव किए जाएं कि दूसरे देशों की तरह हमारे देश में भी इस तरह के दरिंदों को तुरंत ही सजा मिल सके.

मंडला। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों की फांसी का वक्त मुकर्रर हो चुका है, पटियाला हाउस कोर्ट के डेथ वारंट जारी करते ही महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी. शिक्षिका श्यामलता झारिया का कहना है कि इस जघन्य अपराध के लिए कोर्ट से जो न्याय मिला है, उससे खुशी तो बहुत है लेकिन ऐसे अपराध का निर्णय जहां तत्काल होना था. इतनी देरी क्यों हुई, ऐसे मानसिक रोगियों को जो बलात्कार जैसे जघन्य अपराध करते हैं, उन्हें तुरंत फांसी पर लटका देना चाहिए.

निर्भया के अपराधियों को सजा
अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट पूजा जोशी का कहना है कि निर्भया गैंगरेप के बारे में सोचकर ही दिल दहल उठता है, जो इस तरह के अपराध को अंजाम देते हैं, देश का कानून इतना सख्त होना चाहिए कि दोबारा इस तरह का कृत्य करने की कोई हिम्मत न जुटा सके.
वुशु की नेशनल चैंपियन रह चुकी पूर्णिमा रजक का कहना है कि जो फैसला आया है, वो बहुत लेट आया है, जिस लड़की के साथ इतनी हैवानियत की गई, उसके परिजनों को इतनी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, दरिंदों को उसी वक्त फांसी दे दी जाती तो और खुशी होती.
नारायणी नमोस्तुते पुरस्कार से नवाजी जा चुकी शशी पटेल ने निर्भया गैंगरेप को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि संविधान में ऐसे बदलाव किए जाएं कि दूसरे देशों की तरह हमारे देश में भी इस तरह के दरिंदों को तुरंत ही सजा मिल सके.
Intro:निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों का डेथ वारंट कटने के बाद 22 जनवरी को सुबह 7:00 बजे उन्हें चारों अपराधियों को फांसी को फाँसी के फंदे पर लटकाया जा सकता है जिसके बाद मंडला की महिलाओं ने अपनी अलग अलग प्रतिक्रियाएं दी


Body:मण्डला में रहने वाली पेशे से शिक्षिका श्यामलता झारिया का कहना है कि इस जघन्य अपराध के लिए कोर्ट का नए-नए जो हुआ है उससे खुशी तो बहुत है लेकिन मन में टीश भी है कि ऐसे अपराध का निर्णय जहां तत्काल होना था वहाँ इतनी देरी क्यों ऐसे मानसिक रोगियों को जो बलात्कार जैसे जघन्य अपराध करते हैं उन्हें तुरंत फांसी पर लटका देना चाहिए, अर्थशास्त्र से गोल्ड मेडलिस्ट पूजा जोशी का कहना है कि निर्भया केस सोचकर ही दिल दहल उठता है कि आखिर क्यों बेटी के साथ इस तरह की वारदात होती है जो अपराधी यह अपराध करते हैं क्या उनके घर बहन बेटियां नहीं है जो इस तरह का अपराध को भी अंजाम देते हैं देश का कानून इतना सख्त होना चाहिए कि दोबारा इस तरह का कांड करने की कोई हिम्मत ना जुटा सके बुशु की नेशनल चैंपियन और 15 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी पूर्णिमा रजक का कहना है जो फैसला आया है वह बहुत लेट आया जिस लड़की के साथ इतनी हैवानियत की गई उसकी मां ने इतनी लड़ाई की दरिंदों को फांसी दिलवाने के लिए ,यह फांसी उसी वक्त दे दी जाती तो और भी खुशी की बात होती महिलाओं के लिए काम करने वाली और प्रदेश सरकार के द्वारा नारायणी नमोस्तुते पुरस्कार से नवाजी जा चुकी शशी पटेल ने निर्भया गैंगरेप को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि संविधान में ऐसे बदलाव किए जाएं कि दूसरे देशों की तरह हमारे देश में भी इस तरह के दरिंदो को तुरंत ही सजा मिल सके वही हैंडबॉल की नेशनल कोच सोना दुबे ने बताया कि मुझे बहुत खुशी है कि इन दरिंदों को फांसी पर लटकाया जाएगा लेकिन सजा देने में जो 7 साल लगे हैं वे कहीं ना कहीं मन को कचोटती भी हैं एथलीट्स की इंटरनेशनल खिलाड़ी मिनी सिंह ने बताया कि आज यह जो फैसला आया है इससे वे बहुत ज्यादा खुश हैं लेकिन इतने कठोर कानून बन जाने चाहिए कि जिससे न्याय मिलने में ना देरी हो वही अपराधियों की रूह भी कांप जाए


Conclusion:बाईट--श्याम लता झरिया,शिक्षिका
बाईट--पूजा ज्योतिषि, गोल्डमेडलिस्ट अर्थशास्त्र
बाईट--पूर्णिमा रजक,बुशु नैशनल चैंपियन
बाईट--शशि पटेल,समाजसेवी
बाईट--सोना दुबे,हैंडबॉल कोच
बाईट--मिनी सिंह,इंटरनेशनल एथलीट
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