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अन्नदाताओं के चेहरे पर खिंची चिंता की लकीरें, अतिवृष्टि से हुए नुकसान का नहीं मिला मुआवजा - Compensation amount

मण्डला में अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे होने के बाद भी किसानों के खाते में मुआवजे की राशि नहीं आई है. जिसके चलते किसान परेशान हैं.

नहीं मिल रही किसानों को मुआवजा राशि
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Published : Nov 4, 2019, 8:59 AM IST

Updated : Nov 4, 2019, 1:27 PM IST

मंडला। जिले के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं. दरअसल ज्यादा बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. खराब हुई फसलों का सर्वे भी हो चुका है, लेकिन आज तक उनके खाते में मुआवजे की राशि नहीं आई है. अब किसानों को रबी की फसल की बुआई की तैयारी और खाद-बीज की खरीदी कैसे करें, इसकी चिंता सता रही है.

नहीं मिल रही किसानों को मुआवजा राशि

वहीं मण्डला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की बुआई से पहले बिदरी प्रथा से पूजा की जाती है, फिर खार भरने से लेकर खेतों में बीज बोया जाता है. यहां के किसानों ने भी पूरे भक्ति-भाव से पूजा की, लेकिन रोपे के समय सावन रूठ गया और खड़ी धान की फसल कमजोर हो गई. इसके बाद ज्यादा बारिश से नदियों का पानी खेतों में भर गया और मक्के, उड़द, धान की खड़ी फसलों में पानी भरने से फसल नष्ट हो गई.

वहीं जब हानि का सर्वे और परीक्षण हुआ, तो जिले के कुल 644 किसानों की 220 हेक्टेयर भूमि की खेती बर्बाद हो गई है, जिनमें मक्का, धान, उड़द जैसी फसलें शामिल हैं. 145.47 हेक्टेयर भूमि की 33 से 50%, 55.65 हेक्टेयर भूमि की 50% से ज्यादा तो 13.98 हेक्टेयर भूमि की 25 से 33 % फसल किसी काम की नहीं रही है. मण्डला जिले की तरफ से किसानों को मुआवजे के लिए 37 लाख 11 हज़ार 178 रुपये की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक इन किसानों के खाते में पैसा नहीं आया है, जबकि रबी सीजन की फसल की बुआई का समय आ चुका है और किसानों के पास बीज खरीदने तो दूर खेत की जुताई तक के पैसे नहीं हैं.

मंडला। जिले के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं. दरअसल ज्यादा बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. खराब हुई फसलों का सर्वे भी हो चुका है, लेकिन आज तक उनके खाते में मुआवजे की राशि नहीं आई है. अब किसानों को रबी की फसल की बुआई की तैयारी और खाद-बीज की खरीदी कैसे करें, इसकी चिंता सता रही है.

नहीं मिल रही किसानों को मुआवजा राशि

वहीं मण्डला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की बुआई से पहले बिदरी प्रथा से पूजा की जाती है, फिर खार भरने से लेकर खेतों में बीज बोया जाता है. यहां के किसानों ने भी पूरे भक्ति-भाव से पूजा की, लेकिन रोपे के समय सावन रूठ गया और खड़ी धान की फसल कमजोर हो गई. इसके बाद ज्यादा बारिश से नदियों का पानी खेतों में भर गया और मक्के, उड़द, धान की खड़ी फसलों में पानी भरने से फसल नष्ट हो गई.

वहीं जब हानि का सर्वे और परीक्षण हुआ, तो जिले के कुल 644 किसानों की 220 हेक्टेयर भूमि की खेती बर्बाद हो गई है, जिनमें मक्का, धान, उड़द जैसी फसलें शामिल हैं. 145.47 हेक्टेयर भूमि की 33 से 50%, 55.65 हेक्टेयर भूमि की 50% से ज्यादा तो 13.98 हेक्टेयर भूमि की 25 से 33 % फसल किसी काम की नहीं रही है. मण्डला जिले की तरफ से किसानों को मुआवजे के लिए 37 लाख 11 हज़ार 178 रुपये की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक इन किसानों के खाते में पैसा नहीं आया है, जबकि रबी सीजन की फसल की बुआई का समय आ चुका है और किसानों के पास बीज खरीदने तो दूर खेत की जुताई तक के पैसे नहीं हैं.

Intro:मण्डला जिले के उन अन्नदाताओं के चेहरों पर चिंता की लकीरों को इस्पष्ट देखा जा सकता हैं जिनकी फसल अतिवृष्टि के चलते बर्वाद हो गयी जिसका सर्वे और परीक्षण भी हुआ लेकिन उनके खातों में आज तक मुआवजे की राशि नहीं आयी जिसके चलते रबी की फसल बोआई की तैयारियों और खाद बीज की खरीदी कैसे करें यह उन्हें समझ ही नहीं आ रहा


Body:मण्डला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की बोआई से पहले बिदरी प्रथा से पूजा की जाती है फिर खार भरने से लेकर खेतों में बीज बोया जाता है अन्नदाताओं ने पूजा पूरे भक्ति भाव से की थी लेकिन ऐन रोपे के समय सावन रूठ गया और खड़ी धान की फसल कमजोर हो गयी जिसके बाद किसानों ने बड़ी मान मानोव्वल की तो वरूण देवता इतने प्रशन्न हुए की हर तरफ पानी ही पानी इतना भर गया कि यह नदियों से निकल कर खेतों में समा गया और मक्के,उड़द, धान की खड़ी फसलों को निगल गया,इस जल सैलाब से हुई हानि का सर्वे या परीक्षण हुआ तो जिले के कुल 644 किसानों की 220 हेक्टेयर भूमि की खेती बर्बाद हो गयी जिनमें,मक्का,धान, उड़द जैसी फसलें लगाई गई थी,जिसमें 145.47 हेक्टेयर भूमि की 33 से 50%,55.65हेक्टेयर भूमि की 50% से ज्यादा तो 13.98 हेक्टेयर भूमि की 25 से 33 % फसल किसी काम की नहीं रही जिसके लिए मण्डला जिले की तरफ से इन किसानों को मुआवजे के लिए 37 लाख 11 हज़ार 178 रुपये की माँग की गई है लेकिन अभी तक इन किसानों के खातों में पैसा नहीं आया है जबकि रबी के सीजन की फसल बोआई का समय आ चुका और इन किसानों के पास बीज खरीदने तो दूर खेत की जुताई बखराई के लिए भी पैसे नहीं है इस हालात में 644 किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है


Conclusion:एक तरफ खरीफ की फसल की नुकसानी दूसरी तरफ सरकार से अब तक न मिलने वाली राहत राशि के कारण किसानों के हाल बेहाल हैं उनके सामने मुसीबत यह कि जो उम्मीद उन्होंने रबी की फसल से लगा रखी है और समय पर नुकासनी का हर्जाना नहीं मिल रहा तो वे फिर कैसे अगली फसल लगा कर अपने परिवार का लालन पालन कर सकेंगे।बता दें मण्डला जिले में वर्षा का कुल औसत 1340 मिली मीटर माना जाता है जबकि इस मानसून अब तक 1648 मिली मीटर वर्षा हो चुकी जो औसत से 20 % ज्यादा है।

बाईट --- सतीश ठाकुर,निवारी,किसान
बाईट-- कार्तिकेय मरावी,गौराछापर,किसान

बाईट--राकेश खम्परिया,प्रभरी भू अभिलेख अधिकारी।
Last Updated : Nov 4, 2019, 1:27 PM IST
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