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बारिश ने अन्नदाता को किया दाने-दाने को मोहताज,बिखरे दाने बीनकर मिटा रहे भूख - ओलावृष्टि

फरवरी माह में बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने ग्राम पंचायत सुरभरिया के किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया. करीब एक घंटे की ओलावृष्टि ऐसी कहर बन कर टूटी की किसानों के सपने चकनाचूर हो गए.

Farmers crops ruined due to unseasonal rains
दाने-दाने को बीनने को मजबूर अन्नदाता
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Published : Mar 14, 2020, 1:28 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 3:33 PM IST

मंडला। फरवरी माह में बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने ग्राम पंचायत सुरभरिया के किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. करीब एक घंटे की ओलावृष्टि किसानों पर कहर बनकर टूटी जिससे उनके सपने चकनाचूर हो गए और खड़ी फसल मिट्टी में मिल गयी. किसी ने अपनी फसल को बेचकर उस पैसे से बेटी की शादी करने के सपने संजोए थे तो किसी ने बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर पढ़ाई लिखाई की योजना बनाई थी. लेकिन सब धरा का धरा रह गया.

दाने-दाने को बीनने को मजबूर अन्नदाता

नुकसान कितना हुआ ये लिखा पढ़ी शासन प्रशासन कर रहा, लेकिन अन्नदाता का कहना है कि उधार लेकर या यहां-वहां से व्यवस्था कर बीज खाद की व्यवस्था की थी, फसल से उम्मीद दी थी कि अच्छे दामों में जाएगी तो सारी परेशानी इस सीजन में दूर हो जाएगी. लेकिन हुआ कुछ ऐसा की आज ओले की मार से झड़े हुए एक-एक दाने को किसानों का परिवार खेतों से बीन रहा है.

किसानों ने बताया कि इस साल की होली को भी ओलों की नज़र लग गयी और गांव मे पांच दिनों तक चलने वाली होली किसी ने इस लिए नहीं खेली, क्योंकि पूरे अन्नदाताओं का परिवार तो खेतों से अन्न के दाने चुन रहा है. सुभरिया में आफत के ओलों से मसूर,अरहर, मटर,गेहूं और अलसी जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. जिनके दाने जमीन पर पड़े होने के बाद भी छोटे होने के चलते बीन पाना संभव नहीं है.

जिले के मुखिया डॉ जगदीश चन्द्र जाटिया का कहना है कि फसलों के हुए नुकसान का सर्वे पूरे जिले में चल रहा है और जल्द ही इन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा.

बेमौसम हुई इस बारिश ने अन्नदाताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया, करीब एक घंटे की ओलावृष्टि ऐसी कहर बन कर टूटी की किसानों के सपने चकनाचूर हो गए और खड़ी फसल मिट्टी में मिल गयी. ऐसे में किसानों के हालात का बयां कर पाना मुश्किल है.

मंडला। फरवरी माह में बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने ग्राम पंचायत सुरभरिया के किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. करीब एक घंटे की ओलावृष्टि किसानों पर कहर बनकर टूटी जिससे उनके सपने चकनाचूर हो गए और खड़ी फसल मिट्टी में मिल गयी. किसी ने अपनी फसल को बेचकर उस पैसे से बेटी की शादी करने के सपने संजोए थे तो किसी ने बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर पढ़ाई लिखाई की योजना बनाई थी. लेकिन सब धरा का धरा रह गया.

दाने-दाने को बीनने को मजबूर अन्नदाता

नुकसान कितना हुआ ये लिखा पढ़ी शासन प्रशासन कर रहा, लेकिन अन्नदाता का कहना है कि उधार लेकर या यहां-वहां से व्यवस्था कर बीज खाद की व्यवस्था की थी, फसल से उम्मीद दी थी कि अच्छे दामों में जाएगी तो सारी परेशानी इस सीजन में दूर हो जाएगी. लेकिन हुआ कुछ ऐसा की आज ओले की मार से झड़े हुए एक-एक दाने को किसानों का परिवार खेतों से बीन रहा है.

किसानों ने बताया कि इस साल की होली को भी ओलों की नज़र लग गयी और गांव मे पांच दिनों तक चलने वाली होली किसी ने इस लिए नहीं खेली, क्योंकि पूरे अन्नदाताओं का परिवार तो खेतों से अन्न के दाने चुन रहा है. सुभरिया में आफत के ओलों से मसूर,अरहर, मटर,गेहूं और अलसी जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. जिनके दाने जमीन पर पड़े होने के बाद भी छोटे होने के चलते बीन पाना संभव नहीं है.

जिले के मुखिया डॉ जगदीश चन्द्र जाटिया का कहना है कि फसलों के हुए नुकसान का सर्वे पूरे जिले में चल रहा है और जल्द ही इन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा.

बेमौसम हुई इस बारिश ने अन्नदाताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया, करीब एक घंटे की ओलावृष्टि ऐसी कहर बन कर टूटी की किसानों के सपने चकनाचूर हो गए और खड़ी फसल मिट्टी में मिल गयी. ऐसे में किसानों के हालात का बयां कर पाना मुश्किल है.

Last Updated : Mar 14, 2020, 3:33 PM IST
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