मंडला। जिले में 29 अप्रैल को वोटिंग होनी है, जिसके लिए कुल 940 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें से चुनाव आयोग ने 21 मतदान केंद्रों को क्रिटिकल घोषित किया है, जबकि 9 पोलिंग बूथों को वल्नरेबल की श्रेणी में रखा गया है. इन जगहों पर नक्सलियों के द्वारा चुनाव प्रभावित करने की आशंका है. चुनाव आयोग इन मतदान केंद्रों पर निर्विघ्न चुनाव कराने को लिए कड़ी नजर रख रहा है.
इनमें से 9 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनमें बीते चुनावों में 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट पड़े थे और 75 प्रतिशत से ज्यादा वोट एक ही प्रत्याशी के पक्ष में डाले गए थे. वहीं अन्य पोलिंग बूथ पर कई व्यक्ति या समूह ने मतदाताओं को वोटिंग के लिए भी रोका था. जिसके चलते यहां 0 प्रतिशत या फिर 10 प्रतिशत से भी कम वोटिंग हुई थी. वहीं दूसरी तरफ मण्डला जिले की बिछिया विधानसभा क्षेत्र का वह इलाका जो छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुआ है, यहां नक्सली मूवमेंट एक या एक से अधिक बार देखा गया है. ऐसे में 21 मतदान केंद्रों को क्रिटिकल पोलिंग बूथ की श्रेणी में रखा गया है और लगातार इन इलाकों में एरिया डोमिनेशन की कार्रवाई के साथ ही कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजरमेंट चलाया जा रहा है, ताकि मतदाताओं को कोई डरा-धमका न सके और न ही उन्हें वोट देने से रोक सके.
जिला निर्वाचन अधिकारी जगदीश चंद्र जाटिया के मुताबिक ऐसे सभी मतदान केंद्र में ऑब्जर्वर से लेकर सीसीटीवी कैमरे और वीडियोग्राफी की व्यवस्था होगी. उनका कहना है कि जहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या होगी, वहां ऑब्जर्वर और माइक्रो आब्जर्वर की टीम लगाकर निगरानी की जाएगी. दूसरी तरफ एसपी आरआर एस परिहार के अनुसार इन केंद्रों पर यह ध्यान दिया जा रहा है कि मतदाताओं और लोकतंत्र के खिलाफ जनता को भड़काने वाले तत्वों और नक्सलियों का प्रभाव मतदाताओं पर न पड़े और वे बिना किसी डर के मतदान कर सकें.