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मंडला जिले में बारिश से अन्नदाता परेशान, सबसे ज्यादा मक्के की फसल खराब

मंडला जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. फसलों में एक पखवाड़े से सूरज की रोशनी तक नहीं पड़ी है. जिले में सबसे ज्यादा नुकसान मक्के की फसल को हुआ है.

मंडला जिले में बारिश से अन्नदाता परेशान
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Published : Sep 13, 2019, 10:50 PM IST

मंडला। जिले में लगातार हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. किसानों की फसले भी खराब हो रही है. जिले में सबसे ज्यादा नुकसान मक्के की फसल को हुआ है. जिससे किसानों की परेशानियां बड़ गई हैं.

मंडला जिले में बारिश से अन्नदाता परेशान

जिले में औसत से अधिक हुई बारिश ने नदी-नालों और बांधों को लबालब कर दिया है. वहीं बांधों के गेट खोलने के चलते और लगातार बारिश से किसानों की फसलें खराब हो रही है. मक्के की खेती करने वाले किसान अधिक परेशान है, क्योंकि घने बादलों के कारण एक पखवाड़े से फसलों पर सूर्य की किरणें तक नहीं पड़ी हैं.

फसलों में अधिक पानी होने से मजबूती की कमी है साथ ही पौधे पीले पड़ने लगे है और दाने भी नहीं लग रहे हैं. किसानों के मुताबिक भिंडी, उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल लगातार बारिश से जमीन पर लेट गई है. इल्ली कीट के प्रकोप का खतरा मंडरा रहा हैं. जिससे खेती पर लगाई गई लागत के साथ ही लोन को चुकाने की चिंता भी किसानों को सता रही हैं. अन्नदाताओं की मुसीबत से कृषि विशेषज्ञ भी इत्तेफाक रखते है. जिनका कहना है कि फसलों की बढ़ोतरी इस लगातार वर्षा के कारण रुक गयी है, वहीं प्रकाश की जरूरत पूरी नहीं होने से खेती को नुकसान पहुंच रहा है.

मंडला। जिले में लगातार हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. किसानों की फसले भी खराब हो रही है. जिले में सबसे ज्यादा नुकसान मक्के की फसल को हुआ है. जिससे किसानों की परेशानियां बड़ गई हैं.

मंडला जिले में बारिश से अन्नदाता परेशान

जिले में औसत से अधिक हुई बारिश ने नदी-नालों और बांधों को लबालब कर दिया है. वहीं बांधों के गेट खोलने के चलते और लगातार बारिश से किसानों की फसलें खराब हो रही है. मक्के की खेती करने वाले किसान अधिक परेशान है, क्योंकि घने बादलों के कारण एक पखवाड़े से फसलों पर सूर्य की किरणें तक नहीं पड़ी हैं.

फसलों में अधिक पानी होने से मजबूती की कमी है साथ ही पौधे पीले पड़ने लगे है और दाने भी नहीं लग रहे हैं. किसानों के मुताबिक भिंडी, उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल लगातार बारिश से जमीन पर लेट गई है. इल्ली कीट के प्रकोप का खतरा मंडरा रहा हैं. जिससे खेती पर लगाई गई लागत के साथ ही लोन को चुकाने की चिंता भी किसानों को सता रही हैं. अन्नदाताओं की मुसीबत से कृषि विशेषज्ञ भी इत्तेफाक रखते है. जिनका कहना है कि फसलों की बढ़ोतरी इस लगातार वर्षा के कारण रुक गयी है, वहीं प्रकाश की जरूरत पूरी नहीं होने से खेती को नुकसान पहुंच रहा है.

Intro:मण्डला जिले बीते एक पखवाड़े से लगातार हो रही बारिस और सूरज देवता के दर्शन न हो पाने के चलते जहाँ जन जीवन अस्तव्यस्त है वहीं अब फसलें भी खराब हो रही हैं सबसे ज्यादा हालत उन किसानों की खराब है जिन्होंने मक्के की खेती की है उनके पेड़ गिर रहे हैं फिर उन्हें मजबूती ही नहीं पा रही इसी तरह भिंडी और उड़द मूँग की फसल भी जमीन पर लेट गयी है


Body:कई सालों के बाद हुई औसत से अधिक बारिस ने जहाँ नदी नालों और बाधों को लबालब कर दिया है वहीं इनके गेट खोलने के चलते और लगातार पानी गिरने से किसानों की खेती अब खराब हो रही है मक्के की खेती करने वाले किसान इस भारी बारिश से सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि घने बादलों के कारण बीते एक पखवाड़े से सूर्य देवता न निकलने से मक्के के पेड़ बढ़ ही नहीं पा रहे वहीं पानी के कारण वे मजबूत नहीं हो रहे और पीले पड़ने के साथ ही इनमे दाने ही नहीं आ रहे,अन्नदाताओं के मुताबिक भिंडी और उड़द मूंग के साथ ही सोयाबीन की फसल भी लगातार बरसात होने से जमीन पर लेट गयी है या इनके पौधे भी सूखने लगे हैं बात करें धान की फसल की तो इस पर भी इल्ली किट के प्रकोप का खतरा मंडरा रहा है जिससे खेती पर लगाई गई लागत के साथ ही लिए गए लोन को चुकाने की चिंता भी कृषकों को सता रही है।


Conclusion:मण्डला जिले के अन्नदाताओं की मुसीबत से कृषि विशेषज्ञ भी इत्तेफाक रखते हैं जिनका कहना है कि फसलों की बढ़ोतरी इस लगातार वर्षा के कारण रुक गयी है वहीं प्रकाश की जरूरत पूरी न होने से भी खेती को नुकसान पहुंच रहा है।

बाईट--देव् सिंह,किसान
बाईट--निरंजन किसान
बाईट--एम एस मर्सकोले,कृषि विस्तार अधिकारी
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