मंडला। आदिवासी जिला मंडला आज भी शिक्षा सुविधाओं के लिए तरस रहा है. यहां सरकार 'स्कूल चलें हम' अभियान चला तो रही है, लेकिन स्कूलों में आज भी बच्चे व्यवस्थाओं के अभाव में परेशान हो रहे हैं. ऐसा ही मामला सामने आया है जिले के बीजाडांडी विकासखंड के पिंडरई ग्राम में, यहां बच्चे पंचायत भवन की बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर हैं. बच्चों के लिए बनने वाला भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर खंडहर में तब्दील हो चुका है.
गौरतलब है कि 2008 में सर्वशिक्षा अभियान के तहत जिले के पिंडरई गांव में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के निर्माण की जिम्मेदारी तत्कालीन सरपंच और सचिव को दी थी, लेकिन दोनों बिल्डिंग इतने साल गुजर जाने के बाद भी अधूरे पड़े हैं, लेकिन प्रशासन मूक दर्शक की तरह खामोश बैठा है. बच्चे पंचायत भवन में पढ़ने को मजबूर हैं.
स्कूल के शिक्षक मार्को का कहना है कि लगभग 10 सालों से स्कूल ग्राम पंचायत भवन में लग रहा है. कई बार उच्च अधिकारियों को अधूरे बिल्डिंग निर्माण और ग्राम पंचायत भवन में लगने के जानकारी दी जा चुकी है, पर आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.
वहीं सहायक अयुक्त का कहना है कि जिले में कई जगह भवन अधूरे पड़े हैं, जिसके बारे में आदिवासी विभाग और अधिकारियों को बताया गया है, जल्द राशि मिलने के बाद अधूरे भवन का निर्माण कराया जाएगा.