मंडला। लॉकडाउन किसी खिलाड़ी के खेल को रोक दे यह हो नहीं सकता, यह कहना है कि मंडला की गोल्डन गर्ल पूर्णिमा रजक का. जो लॉकडाउन में भी रुकी नहीं हैं. वह दिन रात तकनीक को सहारा बनाकर अपने खेल की तैयारी में जुटी हैं.
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बुशु खेल में राष्ट्रीय स्तर पर 15 गोल्ड मेडल जीत चुकीं पूर्णिमा इन दिनों अपने आने वाले टूर की तैयारियों में जुटी हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपने अनुभव शेयर किए.
पूर्णिमा ने बताया कि वह खुद लॉकडाउन में तकनीक के जरिए प्रैक्टिस कर रहीं हैं और जूनियर बुशु प्लेयरों को भी ट्रेनिंग दे रहीं हैं. पूर्णिमा ने बताया की लॉकडाउन के बाद घर पर कैद होकर रहने के बाद जब उन्होंने अपने कोच से बात की. तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये घर पर ही प्रैक्टिस की शुरुआत हुई. सुबह,दोपहर और शाम को वो अपने कोच के निर्देशन में जूम एप के जरिए प्रेक्टिस करती हैं. इसके अलावा पहली मप्र ऑनलाइन बुशु प्रतियोगिता के लिए बच्चों की तैयारी भी करवा रहीं हैं. यह प्रतियोगिता आने वाले समय में मंडला में आयोजित की जाएगी.
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घर की छत पर प्रैक्टिस करती हैं पूर्णिमा
विपरीत परिस्थितियों और बिना किसी सरकारी मदद के मंडला जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाली पूर्णिमा कभी घर के भीतर तो कभी छत पर प्रैक्टिस करती हैं. जो यह बताने के लिए काफी है कि भले ही लॉकडाउन हो लेकिन एक खिलाड़ी का खेल कभी नहीं रुकता. पूर्णिमा ने मां के सपने को पूरा करने के लिए बुशु को अपनाया और बुशु ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. अलग अलग प्रतियोगिता में अब तक वे 15 गोल्ड मेडल जीत चुकीं हैं.