मण्डला। जिले में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत जिला बृहद पोषण सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कुपोषण खत्म करने को लेकर चर्चा की गई. ये कार्यक्रम जिले में एक महीने तक चलाया जाएगा, जिसके जरिए कुपोषण से बचाव के प्रति जनता को जागरूक किया जाएगा.
मुनगा-कोदो-कुटकी के उपयोग से खत्म किया जा सकता है कुपोषणः बीजेपी सांसद
मण्डला जिले में वृहद पोषण सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यसभा सांसद संपतिया उइके ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुनगा का उपयोग कम होने से कुपोषण के मामले बढ़ रहे हैं.
मुनगा-कोदो-कुटकी के उपयोग से खत्म किया जा सकता है कुपोषण
मण्डला। जिले में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत जिला बृहद पोषण सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कुपोषण खत्म करने को लेकर चर्चा की गई. ये कार्यक्रम जिले में एक महीने तक चलाया जाएगा, जिसके जरिए कुपोषण से बचाव के प्रति जनता को जागरूक किया जाएगा.
Intro:राज्यसभा की सांसद सम्पतिया उइके का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुनगा (सहजन का पेड़) के उपयोग में कमी आने से जिले में कुपोषण के मामले बढ़ गए हैं और मुनगा के फल,पत्तियों की सब्जी,भाजी के उपयोग के अलावा कोदो कुटकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए तो कुपोषण कम हो सकता है ये बयान सम्पतिया उइके ने कुपोषण को दूर करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के बाद दिया जहाँ सरकारी योजनाओं के लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए महिलाओं को जागरूक किया जाना था
Body:मौका था राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत जिला बृहद पोषण सभा के आयोजन का जहाँ जिले भर से महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर के साथ ही परियोजना अधिकारी,जिला महिला बाल विकास अधिकारी और जन प्रतिनिधि भी कुपोषण के खिलाफ चर्चा करने पहुंचे थे,इस कार्यक्रम को महीने भर जिले में चलाया जाएगा और कुपोषण को लेकर जनता को जागरूक किया जाएगा,जब राज्यसभा सांसद से कुपोषण के जिले में बढ़ रहे मामलों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि पहले मुनगा की सब्जी,उसके पत्तों की भाजी खाई जाती थी और कोदो कुटकी का उपयोग होता था तो कुपोषण नहीं था लेकिन जबसे इन्हें बंद किया गया तब से कुपोषण फैल रहा है वहीं सम्पतिया उईके का कहना है कि महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी के माध्यम से कोदो कुटकी को पोषण आहार के रूप में दिया जाना चाहिए
Conclusion:पोषण आहार की जागरूकता के लिए जो बृहद चर्चा यदि ग्रामीण क्षेत्रो में रखी जाती तो निश्चित ही इसका लाभ उन लोगों तक पहुंचता जो निश्चित औऱ जरूरी पोषण आहार का मतलब ही नहीं समझते,ऐसे में इन आयोजनों से वनांचल के लोगों में कितनी जागरूकता आएगी इसके नतीजे आने वाले समय के आंकड़े ही तय करेंगे,बताते चलें कि जिले में लगभग 85 हज़ार 0 से 5 साल के बच्चों में 15 हज़ार कुपोषित तो 1290 अतिकुपोषित के अलावा 1776 बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं शर्मनाक बात यह भी है कि दस्तक अभियान में प्रदेश के 53 जिलों में मण्डला जिले को 44 वां स्थान मिला है।
बाईट--सम्पतिया उइके राज्यसभा सांसद
बाईट--प्रशांतदीप ठाकुर, जिला महिला बा वि अधिकारी
Body:मौका था राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत जिला बृहद पोषण सभा के आयोजन का जहाँ जिले भर से महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर के साथ ही परियोजना अधिकारी,जिला महिला बाल विकास अधिकारी और जन प्रतिनिधि भी कुपोषण के खिलाफ चर्चा करने पहुंचे थे,इस कार्यक्रम को महीने भर जिले में चलाया जाएगा और कुपोषण को लेकर जनता को जागरूक किया जाएगा,जब राज्यसभा सांसद से कुपोषण के जिले में बढ़ रहे मामलों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि पहले मुनगा की सब्जी,उसके पत्तों की भाजी खाई जाती थी और कोदो कुटकी का उपयोग होता था तो कुपोषण नहीं था लेकिन जबसे इन्हें बंद किया गया तब से कुपोषण फैल रहा है वहीं सम्पतिया उईके का कहना है कि महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी के माध्यम से कोदो कुटकी को पोषण आहार के रूप में दिया जाना चाहिए
Conclusion:पोषण आहार की जागरूकता के लिए जो बृहद चर्चा यदि ग्रामीण क्षेत्रो में रखी जाती तो निश्चित ही इसका लाभ उन लोगों तक पहुंचता जो निश्चित औऱ जरूरी पोषण आहार का मतलब ही नहीं समझते,ऐसे में इन आयोजनों से वनांचल के लोगों में कितनी जागरूकता आएगी इसके नतीजे आने वाले समय के आंकड़े ही तय करेंगे,बताते चलें कि जिले में लगभग 85 हज़ार 0 से 5 साल के बच्चों में 15 हज़ार कुपोषित तो 1290 अतिकुपोषित के अलावा 1776 बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं शर्मनाक बात यह भी है कि दस्तक अभियान में प्रदेश के 53 जिलों में मण्डला जिले को 44 वां स्थान मिला है।
बाईट--सम्पतिया उइके राज्यसभा सांसद
बाईट--प्रशांतदीप ठाकुर, जिला महिला बा वि अधिकारी