मंडला/छिंदवाड़ा। पांढुर्णा-नागपुर नेशनल हाईवे 47 पर बढ़चिचोली के पास सड़क के किनारे नर तेंदुआ लहूलुहान हालत में पड़ा मिला. जानकारी के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. अंदाजा लगाया जा रहा है कि, रात में किसी अज्ञात वाहन के द्वारा तेंदुआ को टक्कर मार दी होगी जिसकी वजह से मौत हो गई है. इधर बालाघाट वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बाघ के अवैध शिकार के मामले में रिमांड पर लिए गए 3 आरोपियों में से 1 वन विभाग की गिरफ्त से फरार हो गया. इधर मंडला जिले में 8 आरोपियों को बालाघाट वन विभाग द्वारा बाघ की खाल के साथ गिरफ्तार किया था. शव का परीक्षण किए जाने पर करंट लगना सामने आया है.
वन विभाग की लापरवाही: वन विकास निगम मोहगांव प्रोजेक्ट मंडला से बुधवार को बाघ के गड़े हुए शव को बाहर निकालने की कार्रवाई के दौरान आरोपित धनेश (50) ग्राम जैदपुर थाना बम्हनी जिला मंडला निवासी वन विभाग के चंगुल से फरार हो गया. आरोपित 10 घंटे बीतने के बाद भी पकड़ से बाहर बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार शनिवार की दरमियानी रात वारासिवनी व लालबर्रा वन विभाग की टीम ने लालबर्रा से सिवनी राजमार्ग 26 पर ग्राम सिहोरा के पास मुखबिर की सूचना पर 3 आरोपियो को नर बाघ की खाल के साथ पकड़ा था, जिनकी निशानदेही पर दूसरे दिन रविवार को दोपहर करीब 2 बजे उसकी स्थान से पांच अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया था. आरोपितों ने पूछताछ में करंट लगाकर बाघ का शिकार करना स्वीकार किया है.
फॉरेन्सिक जांच के लिए सेम्पलिंग: शव परीक्षण के दौरान कान्हा नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल ने प्राथमिक तौर पर बाघ को लगभग 1 से डेढ़ माह पूर्व करेंट लगाकर मारे जाने की संभावना जताई है. उन्होंने कहा कि इसकी फॉरेन्सिक जांच के लिए आवश्यक सेम्पलिंग की गई है. जिसकी जांच से मृत्यु के कारणों का पता चल सकेगा. उन्होंने बॉडी साइज के आधार पर इसके लगभग 8 वर्षीय मेल टाइगर होने का अनुमान जताया है.
करंट के जाल में फंसा था बाघ: रेंज ऑफिसर बालाघाट एवं इस प्रकरण के जांच अधिकारी यशपाल मेहरा द्वारा बताया गया कि 24 दिसंबर को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बालाघाट वन वृत अंतर्गत लालबर्रा सामान्य परिक्षेत्र से मंडला जिला निवासी आरोपियों से बाघ की खाल जब्त की गई थी. आरोपियों की निशानदेही पर 27 दिसंबर को मंडला जिले के ग्राम गुनेगांव में आरोपी चमर सिंह के खेत से खोदकर बाघ के अवशेष बरामद किए गए थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों द्वारा जंगल से लगे अपने खेत की सुरक्षा के लिए करेंट का जाल फैलाया गया था. जिसके शिकंजे में वन्यप्राणी बाघ आ गया और उसकी मौत हो गई.
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ये है मामला: वन विभाग वारासिवनी ने लालबर्रा-सिवनी मार्ग पर 24 दिसंबर को मुखबिर की सूचना के आधार पर बाघ की खाल के साथ मंडला जिले के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था. वन अमले ने प्रारंभ में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया. उनसे हुई पूछताछ के आधार पर 5 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इस तरह प्रकरण में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. सभी आरोपी मंडला जिले के निवासी बताए गए हैं.