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आदिवासी महोत्सव की तैयारियों में जुटा प्रशासन, हृदयशाह की राजधानी 'रामनगर' में होगा दो दिवसीय आयोजन

आदिवासी की कलाओं को नए आयाम देने और लोक संस्कृति से लोगों को जोड़ने के लिए आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.

Preparations for tribal festival in full swing
आदिवासी महोत्सव की तैयारियां जोरों पर
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Published : Feb 5, 2020, 4:42 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 5:27 PM IST

मण्डला| जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर रामनगर, गौंड शासक हृदय शाह द्वारा बसाई राजधानी के गौरवशाली इतिहास का गवाह है. जहां आदिवासी की कलाओं को नए आयाम देने और लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से एक साल के अंतराल में आदि उत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसका अब नाम बदल कर आदिवासी महोत्सव कर दिया गया है यह महोत्सव 15 फरवरी से प्रारम्भ होकर 16 फरवरी तक चलेगा.

आदिवासी महोत्सव की तैयारियां जोरों पर

जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग द्वारा 15 और 16 फरवरी को आयोजित होने वाले इस आदि उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस आदिवासी महोत्सव का उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू शुभारंभ करेंगे .

आदिवासी महोत्सव की शुरुआत तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव ने 2015 में की थी जिसका उद्देश्य था आदिवासी बहुल मण्डला जिले के समृद्ध इतिहास से सभी को रूबरू कराना. यह आदिवासी महोत्सव इससे पहले आदि उत्सव के नाम से आयोजित होता था जिसका नाम इस साल बदल दिया गया है. इस दो दिवसीय महोत्सव में आदिवासी लोक कला और परंपरा के साथ ही राजा हृदयशाह की राजधानी और उनके द्वारा कराए गए विशाल महलों के निर्माण के बारे में जान सकेंगे. वहीं इस आयोजन में आदिवासियों के विकास की योजनाओं पर भी चर्चा होगी.

राजा हृदय शाह ने 1816 में रामनगर को अपनी राजधानी बनाई थी , उनके द्वारा यहां जो निर्माण कराए गए वे आज भी मोती महल, राय भगत की कोठी, दल बादल महल और अनेकों इमारतों के रूप में शान से खड़े हैं.

मण्डला| जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर रामनगर, गौंड शासक हृदय शाह द्वारा बसाई राजधानी के गौरवशाली इतिहास का गवाह है. जहां आदिवासी की कलाओं को नए आयाम देने और लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से एक साल के अंतराल में आदि उत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसका अब नाम बदल कर आदिवासी महोत्सव कर दिया गया है यह महोत्सव 15 फरवरी से प्रारम्भ होकर 16 फरवरी तक चलेगा.

आदिवासी महोत्सव की तैयारियां जोरों पर

जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग द्वारा 15 और 16 फरवरी को आयोजित होने वाले इस आदि उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस आदिवासी महोत्सव का उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू शुभारंभ करेंगे .

आदिवासी महोत्सव की शुरुआत तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव ने 2015 में की थी जिसका उद्देश्य था आदिवासी बहुल मण्डला जिले के समृद्ध इतिहास से सभी को रूबरू कराना. यह आदिवासी महोत्सव इससे पहले आदि उत्सव के नाम से आयोजित होता था जिसका नाम इस साल बदल दिया गया है. इस दो दिवसीय महोत्सव में आदिवासी लोक कला और परंपरा के साथ ही राजा हृदयशाह की राजधानी और उनके द्वारा कराए गए विशाल महलों के निर्माण के बारे में जान सकेंगे. वहीं इस आयोजन में आदिवासियों के विकास की योजनाओं पर भी चर्चा होगी.

राजा हृदय शाह ने 1816 में रामनगर को अपनी राजधानी बनाई थी , उनके द्वारा यहां जो निर्माण कराए गए वे आज भी मोती महल, राय भगत की कोठी, दल बादल महल और अनेकों इमारतों के रूप में शान से खड़े हैं.

Intro:मण्डला
रिपोर्टर--मयंक तिवारी

मण्डला जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर रामनगर,गौंड शासक हृदय शाह के द्वारा बसाई राजधानी के गौरवशाली इतिहास का गवाह है जहाँ आदिवासी की कलाओं को नए आयाम देने और लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से एक साल के अंतराल में आदिउत्सव का आयोजन किया जाता है जिसका अब नाम बदल कर आदिवासी महोत्सव कर दिया गया है और यह 15 फरवरी से प्रारम्भ होकर 16 फरवरी को समाप्त होगा


Body:जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग के द्वारा 15 और 16 फरवरी को आयोजित होने वाले आदी उत्सव की तैयारियों को अन्तिम रूप दिया जा रहा है जहाँ उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू 15 तारीख को इसका शुभारंभ करने पहुँचने वाले हैं,आदि उत्सव की शुरुआत उस समय के कलेक्टर लोकेश जाटव के द्वारा 2015 में की गई थी जिसका उद्देश्य था आदिवासी बहुल जिला मण्डला के समृद्ध इतिहास से सभी को रूबरू कराना, यह आदिवासी महोत्सव इससे पहले आदि उत्सव के नाम से आयोजित होता था जिसका नाम इस साल बदल दिया गया है इस दो दिनी महोत्सव में आदिवासी लोक कला और परम्परा के साथ ही राजा हृदयशाह की राजधानी और उनके द्वारा कराए गए विशाल महलों के निर्माण के बारे में जान सकेंगे वहीं इस आयोजन में आदिवासियों के विकास की योजनाओं पर भी चर्चा होगी


Conclusion:1816 में रामनगर राजधानी बनाई गई थी जहाँ राजा हृदय शाह राज्य करते थे उनके द्वारा यहाँ जो निर्माण कराए गए वे आज भी मोती महल, राय भगत की कोठी,दल बादल महल और अनेकों इमारतों के रूप में शान से खड़े हैं और इसी गौरव से लोगों को परिचित कराने आदिवासी महाउत्सव का आयोजन होता है।

मण्डला से मयंक तिवारी की रिपोर्ट

बाईट--हेमन्तिका शुक्ला,पुरातत्व अधिकारी मण्डला
बाईट--डॉ जगदीश चंद्र जाटिया कलेक्टर मण्डला
Last Updated : Feb 5, 2020, 5:27 PM IST
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