मण्डला| जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर रामनगर, गौंड शासक हृदय शाह द्वारा बसाई राजधानी के गौरवशाली इतिहास का गवाह है. जहां आदिवासी की कलाओं को नए आयाम देने और लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से एक साल के अंतराल में आदि उत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसका अब नाम बदल कर आदिवासी महोत्सव कर दिया गया है यह महोत्सव 15 फरवरी से प्रारम्भ होकर 16 फरवरी तक चलेगा.
जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग द्वारा 15 और 16 फरवरी को आयोजित होने वाले इस आदि उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस आदिवासी महोत्सव का उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू शुभारंभ करेंगे .
आदिवासी महोत्सव की शुरुआत तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव ने 2015 में की थी जिसका उद्देश्य था आदिवासी बहुल मण्डला जिले के समृद्ध इतिहास से सभी को रूबरू कराना. यह आदिवासी महोत्सव इससे पहले आदि उत्सव के नाम से आयोजित होता था जिसका नाम इस साल बदल दिया गया है. इस दो दिवसीय महोत्सव में आदिवासी लोक कला और परंपरा के साथ ही राजा हृदयशाह की राजधानी और उनके द्वारा कराए गए विशाल महलों के निर्माण के बारे में जान सकेंगे. वहीं इस आयोजन में आदिवासियों के विकास की योजनाओं पर भी चर्चा होगी.
राजा हृदय शाह ने 1816 में रामनगर को अपनी राजधानी बनाई थी , उनके द्वारा यहां जो निर्माण कराए गए वे आज भी मोती महल, राय भगत की कोठी, दल बादल महल और अनेकों इमारतों के रूप में शान से खड़े हैं.