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मण्डला: निर्वाचन अधिकारी को ग्रामीणों की दो-टूक, नहीं बना पुल तो नहीं देंगे वोट

मण्डला के मवई ब्लॉक की देवरी दादर पंचायत की सबसे बड़ी समस्या को एक बार फिर चुनावी मुद्दा बनाया गया है. लेकिन इस बार जनता आर-पार के मूड में है. गांव वालों ने साफ कह दिया है कि पुल नहीं बना तो चुनाव में वोट नहीं देंगे.

नहीं बना पुल तो नहीं देंगे वोट
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Published : Apr 2, 2019, 5:34 PM IST

मण्डला| बीजेपी हो या कांग्रेस, 5 बार के सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते हों या फिर पूर्व सांसद बसोरी सिंह मसराम हर किसी ने मवई ब्लॉक की देवरी दादर पंचायत की सबसे बड़ी समस्या को चुनावी मुद्दा बनाया चुनाव जीते, लेकिन किसी ने भी 35 गांवों की पुल की समस्या का समाधान नहीं किया. एक बार फिर यह चुनावीं मुद्दा है, लेकिन इस बार जनता आर-पार के मूड में है. गांव वालों ने साफ कह दिया है कि पुल नहीं बना तो चुनाव में वोट नहीं देंगे.

नहीं बना पुल तो नहीं देंगे वोट

दो गांव जिनकी बीच की दूरी महज 5 सौ मीटर है, लेकिन बीच में नदी होने के कारण इन लोगों को करीब 60 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है. गांव के लोग अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से अनेकों बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. अब ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय के अधिकारियों से दो टूक बात की है. अगर बुढ़नेर नदी में पुल का स्थाई समाधान नहीं निकाला तो इस लोकसभा चुनाव के दौरान एक दर्जन पंचायत के लगभग 35 गांव के मतदाता चुनावों का बहिष्कार करेंगे.

100 किलोमीटर का सफर तय कर मण्डला पहुंचे ग्रामीणों के अनुसार बरसात के मौसम में उनकी परेशानी और बढ़ जाती है. वहीं बाढ़ में 6 से 7 लोग जो बह चुके हैं. उनके शव नहीं मिलने से परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र न मिलने के कारण अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब इस पूरे मामले पर जिला कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया से बात की गईव तो उनका कहना है कि ऐसे समस्या ग्रस्त क्षेत्रों के ग्रामीणों से बात चीत की जाएगी और उनकी समस्याओं के समाधान सहित चुनावों के दौरान निर्विघ्न मतदान सम्पन्न कराने की दिशा में हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे.

मण्डला| बीजेपी हो या कांग्रेस, 5 बार के सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते हों या फिर पूर्व सांसद बसोरी सिंह मसराम हर किसी ने मवई ब्लॉक की देवरी दादर पंचायत की सबसे बड़ी समस्या को चुनावी मुद्दा बनाया चुनाव जीते, लेकिन किसी ने भी 35 गांवों की पुल की समस्या का समाधान नहीं किया. एक बार फिर यह चुनावीं मुद्दा है, लेकिन इस बार जनता आर-पार के मूड में है. गांव वालों ने साफ कह दिया है कि पुल नहीं बना तो चुनाव में वोट नहीं देंगे.

नहीं बना पुल तो नहीं देंगे वोट

दो गांव जिनकी बीच की दूरी महज 5 सौ मीटर है, लेकिन बीच में नदी होने के कारण इन लोगों को करीब 60 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है. गांव के लोग अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से अनेकों बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. अब ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय के अधिकारियों से दो टूक बात की है. अगर बुढ़नेर नदी में पुल का स्थाई समाधान नहीं निकाला तो इस लोकसभा चुनाव के दौरान एक दर्जन पंचायत के लगभग 35 गांव के मतदाता चुनावों का बहिष्कार करेंगे.

100 किलोमीटर का सफर तय कर मण्डला पहुंचे ग्रामीणों के अनुसार बरसात के मौसम में उनकी परेशानी और बढ़ जाती है. वहीं बाढ़ में 6 से 7 लोग जो बह चुके हैं. उनके शव नहीं मिलने से परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र न मिलने के कारण अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब इस पूरे मामले पर जिला कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया से बात की गईव तो उनका कहना है कि ऐसे समस्या ग्रस्त क्षेत्रों के ग्रामीणों से बात चीत की जाएगी और उनकी समस्याओं के समाधान सहित चुनावों के दौरान निर्विघ्न मतदान सम्पन्न कराने की दिशा में हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे.

Intro:भाजपा से 5 बार सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते हों या फिर कॉंग्रेश से पूर्व साँसद बसोरी सिंह मसराम,हर किसी ने मवई ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली देवरी दादर पंचायत की सबसे बड़ी समस्या को चुनावी मुद्दा बनाया चुनाव जीते भी लेकिन किसी ने भी लगभग 35 गाँवो की पुल की समस्या का समाधान नहीं किया,एक बार फिर यह चुनावी मुद्दा है लेकिन इस बार इसे मुद्दा बनाया है जनता ने जो साफ कह रही कि अगर पुल नहीं बना तो इन चुनावों में वे वोट ही नहीं देंगे


Body:दो गाँव जिनकी बीच की दूरी महज 5 सौ मीटर, लेकिन बीच मे नदी होने के कारण इन ग्रामों के ग्रामीणों को तय करना पड़ता है लगभग साठ किलोमीटर का सफर,अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से अनेकों बार गुहार लगा चुके इन ग्रामीणों ने अब आरपार का मूड बना लिया है और जिला मुख्यालय के अधिकारियों से कह दी है दो टूक बात की अगर बुढनेर नदी में पुल का स्थाई समाधान नहीं निकाला गया तो इस लोकसभा चुनाव के दौरान एक दर्जन पंचायत के लगभग 35 गाँव के मतदाता चुनावों का वहिष्कार करेंगे,गाड़ियों को धक्का लागाने और किराए के वाहन से 100 किलोमीटर का सफर तय कर मण्डला पहुँचे ग्रामीणों के अनुसार बरसात के मौषम में उनकी परेशानी और बढ़ जाती है वहीं बाढ़ में 6 से 7 लोग जो बह चुके हैं उनके शव नहीं मिलने से परिजनों को जमीन ज्याजाद से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र न मिलने के कारण अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है


Conclusion:ग्रामीणों द्वारा चुनावी वहिष्कार के मामले पर जिला निर्वाचन अधिकारी जगदीश चंद्र जाटिया का कहना है कि ऐसे समस्या ग्रस्त क्षेत्रों के ग्रामीणों से बात चीत की जाएगी और उनकी समस्याओं के समाधान सहित चुनावों के दौरान निर्विघ्न मतदान सम्पन्न कराने की दिशा में हर सम्भव प्रयास किये जाएंगे

बाईट--भोजेन्द्र सोनवानी,भरखी
बाईट--सोना बाई
बाईट--जगदीश चंद्र जाटिया,जिंला निर्वाचन अधिकारी मण्डला
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