खरगोन। कोरोना काल में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना महिलाओं को तीन महीने तक 500 रूपये देने का वादा किया था, कुछ लोगों को इस योजना का लाभ मिला भी है, लेकिन लाचार सिस्टम के चलते कई गरीब महिलाओं को अब तक एक भी किश्त नहीं मिली है.
दरअसल मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में जब ईटीवी भारत की टीम प्रधानमंत्री के निर्देश पर जारी होने वाली किश्त की हकीकत का पता लगाने निकला तो लोगों के जवाब हैरान कर देने वाले थे, गांव की महिलाओं का कहना था कि तीन महीने 500 रूपये मिलना तो दूर उन्हें अब तक एक भी महीने की राशि नहीं मिली है...और सरकारी योजना के तहत उन्हें अब तक एक भी किश्त नहीं मिली है.
इतना ही नहीं खरगोन के मोतीपुरा की रहने वाली संगीता ने बताया कि बैंक वाले बार-बार दौड़ाया करते हैं, लेकिन अभी तक जनधन योजना के तहत खोले गए खाते में एक भी किश्त नहीं आई हैं. वहीं कुछ महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कई बार बैंक जाकर शिकायत की, लेकिन बैंक वालों से उन्हें कभी संतोषजनक जवाब तक नहीं मिले.
जब ईटीवी भारत ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने पहुंचा तो मजदूरों को दिए जाने वाली 500 रूपये की राशि की बात खोखली साबित होती नजर आई. इस मामले को लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांच मैनेजर आशुतोष तिवारी और एलडीएम आरएस मुररूकर ने ऑफ लाइन चर्चा करते हुए कहा इसका उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है.
लिहाजा योजनाएं कितनी भी बनें, लेकिन कोई न कोई वर्ग ऐसा बच ही जाता है जिन्हें योजनाओं का लाभ जरूरत के समय नहीं मिल पाता. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत सभी गरीबों को मदद पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया और पूरा भी हुआ है, लेकिन कुछ जिले ऐसे भी हैं. जहां ये योजनाएं महज फाइलों में कैद हैं.