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वन विभाग की लापरवाही, घायल अवस्था में मिले गिद्ध की मौत

बीते दिनों घायल अवस्था में मातमुर फाटा में मिले गिद्ध की रविवार को मौत हो गई. इसमें वन विभाग की लापरवाही सामने आ रही है.

Vulture found dead due to negligence of forest department
घायल अवस्था में मिले गिद्ध की मौत
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Published : Aug 2, 2020, 6:34 PM IST

खरगोन। जिले के महेश्वर में बीते 30 जुलाई की शाम मातमुर फाटा पर विलुप्त प्रजाति का गिद्ध ग्रामीणों को घायल अवस्था में मिला था. जिसकी सूचना पर पहुंचे वन विभाग ने उसे अपने संरक्षण में लिया था. वहीं रविवार को वन विभाग की लापरवाही के चलते गिद्ध की मौत हो गई.


बता दें कि करीब एक साल पूर्व वन विभाग ने बड़े स्तर पर गिद्ध गणना कराई थी. जिसमें इंदौर संभाग में एक भी गिद्ध नहीं मिला था. बावजुद इसके यह पक्षी मातमूर फाटे के पास मिला था. वन विभाग की अनुसूची 1 में विलुप्त प्रजातियों को शामिल किया गया है. जिसमें शेर, बाघ, तेंदूआ, मोर, अजगर के अलावा अन्य कई वन्य प्राणी हैं. जिनमें गिद्ध भी शामिल हैं. इसके बावजूद वन विभाग ने गिद्ध के प्रति उदासीनता दिखाई.


वन विभाग ने अनुसूची 1 के जानवर को घायल अवस्था में अपने पास करीब 2 दिन तक रखा. जबकि वन विभाग के पास उसके इलाज और रखरखाव के लिए न तो कोई संसाधन है और ना ही कोई विशेषज्ञ. जबकी शेड्यूल 1 के वन्यप्राणी को विशेषज्ञों की निगरानी में रखा जाना होता है.

खरगोन। जिले के महेश्वर में बीते 30 जुलाई की शाम मातमुर फाटा पर विलुप्त प्रजाति का गिद्ध ग्रामीणों को घायल अवस्था में मिला था. जिसकी सूचना पर पहुंचे वन विभाग ने उसे अपने संरक्षण में लिया था. वहीं रविवार को वन विभाग की लापरवाही के चलते गिद्ध की मौत हो गई.


बता दें कि करीब एक साल पूर्व वन विभाग ने बड़े स्तर पर गिद्ध गणना कराई थी. जिसमें इंदौर संभाग में एक भी गिद्ध नहीं मिला था. बावजुद इसके यह पक्षी मातमूर फाटे के पास मिला था. वन विभाग की अनुसूची 1 में विलुप्त प्रजातियों को शामिल किया गया है. जिसमें शेर, बाघ, तेंदूआ, मोर, अजगर के अलावा अन्य कई वन्य प्राणी हैं. जिनमें गिद्ध भी शामिल हैं. इसके बावजूद वन विभाग ने गिद्ध के प्रति उदासीनता दिखाई.


वन विभाग ने अनुसूची 1 के जानवर को घायल अवस्था में अपने पास करीब 2 दिन तक रखा. जबकि वन विभाग के पास उसके इलाज और रखरखाव के लिए न तो कोई संसाधन है और ना ही कोई विशेषज्ञ. जबकी शेड्यूल 1 के वन्यप्राणी को विशेषज्ञों की निगरानी में रखा जाना होता है.

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