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भ्रष्टाचार के विरोध में ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट, सरपंच- सचिव पर लगाया गंभीर आरोप - Corruption in government schemes

तीन गांवों के ग्रामीण सरपंच- सचिवों की शिकायत लेकर खरगोन कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि, उन्हें काम नहीं दिया जा रहा है इसके साथ ही उन्होंने सरपंच सचिवों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए.

villagers reached Collectorate about corruption in government schemes
ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट, सरपंच सचिव पर लगाया मनमानी का आरोप
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Published : Jul 8, 2020, 10:56 AM IST

खरगोन। गरीबों को गरीबी रेखा से उपर उठाने के लिए सरकार कई तरह की योजना बनाकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है और ये सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. जिसका जीता जागता सबूत खरगोन में देखने को मिला, जहां एक दिन में तीन गांवों के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचें और सरपंच सचिवों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए.

जिले में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में मनरेगा के तहत काम न मिलने की शिकायत पहले भी सामने आती रही है. अब कलेक्ट्रेट पहुंचे तीन गांव के ग्रामीणों ने सरपंच- सचिव पर गंभीर आरोप लगाया है. मांगरुल से आई रुक्मिणी बाई ने बताया कि, जब वो लॉकडाउन के दौरान सरपंच- सचिव से काम मांगने गईं, तो पहले किसानों के यहां काम करने को कहा गया, जब वो दोबारा गईं तो काम नहीं है कह के टाल दिया गया.

वही ग्रामीण सल्लू बाई ने बताया कि, सरपंच उन्हें कोई काम नहीं दे रहे हैं. उसने कहा कि, उसे कुटीर और सड़क का काम चाहिए. वही ग्राम बमखल के चंपालाल हिरवे ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि, स्वीकृत विकास कार्यों की 75 प्रतिशत राशि कहां जाती है, किसी को जानकारी नहीं है. सिर्फ 25 प्रतिशत राशी का काम होता है, सरपंच सचिव ज्यादातर काम मशीनों से करवा लेते हैं. और जब मजदूर उनके पास काम के लिए जाते हैं, तो उनके पास काम नहीं रहता.

खरगोन। गरीबों को गरीबी रेखा से उपर उठाने के लिए सरकार कई तरह की योजना बनाकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है और ये सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. जिसका जीता जागता सबूत खरगोन में देखने को मिला, जहां एक दिन में तीन गांवों के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचें और सरपंच सचिवों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए.

जिले में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में मनरेगा के तहत काम न मिलने की शिकायत पहले भी सामने आती रही है. अब कलेक्ट्रेट पहुंचे तीन गांव के ग्रामीणों ने सरपंच- सचिव पर गंभीर आरोप लगाया है. मांगरुल से आई रुक्मिणी बाई ने बताया कि, जब वो लॉकडाउन के दौरान सरपंच- सचिव से काम मांगने गईं, तो पहले किसानों के यहां काम करने को कहा गया, जब वो दोबारा गईं तो काम नहीं है कह के टाल दिया गया.

वही ग्रामीण सल्लू बाई ने बताया कि, सरपंच उन्हें कोई काम नहीं दे रहे हैं. उसने कहा कि, उसे कुटीर और सड़क का काम चाहिए. वही ग्राम बमखल के चंपालाल हिरवे ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि, स्वीकृत विकास कार्यों की 75 प्रतिशत राशि कहां जाती है, किसी को जानकारी नहीं है. सिर्फ 25 प्रतिशत राशी का काम होता है, सरपंच सचिव ज्यादातर काम मशीनों से करवा लेते हैं. और जब मजदूर उनके पास काम के लिए जाते हैं, तो उनके पास काम नहीं रहता.

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