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छात्रों को नहीं छाननी पड़ेगी जंगलों की खाक, 8 एकड़ में विकसित होगा वर्टिकल गार्डन

खरगोन जिले के पीजी कॉलेज के छात्र-छात्राओं को अब प्रैक्टिकल के लिए जंगलों की खाक नहीं छाननी पड़ेगी. इसके लिए 8 एकड़ में वर्टिकल गार्डन विकसित किया जाएगा.

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Published : Jun 11, 2020, 4:11 PM IST

PG College khargone
पीजी कॉलेज का नवाचार

खरगोन। जिले के विद्यार्थियों को पौध संस्कृति से जोड़ने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पीजी कॉलेज प्रबंधन एक नवाचार करने जा रहा है, जहां लुप्त होती वनस्पति और जैव प्रौद्योगिकी के छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल करने के लिए 8 एकड़ में वर्टिकल गार्डन लगाया जाएगा. जिले के अग्रणी शासकीय महाविद्यालय के बॉटनी के छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल के लिए अब जंगलों की खाक नहीं छानना पड़ेगी.

छात्र-छात्राओं को पौध संस्कृति से जोड़ने और वनस्पतियों के औषधीय गुणों की जानकारी देने के लिए 8 एकड़ में वर्टिकल गार्डन विकसित किया जाएगा. महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य शैल जोशी ने बताया कि विद्यार्थियों को पौध संस्कृति से जोड़ने और वनस्पति के औषधीय गुणों की जानकारी मिल सके, इसी उद्देश्य से जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष कलेक्टर गोपाल चन्द्र डाड, विधायक रवि जोशी, सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने 8 एकड़ रकबा देने के लिए शासन को पत्र लिखा है. जो जल्द ही स्वीकृत होगा.

प्राचार्य ने कहा कि इस गार्डन में 500 पौधे ऐसे होंगे, जिन्हें अब तक सिर्फ किताबों में पढ़ा गया है. इन पौधों को संरक्षित तो रखा ही जाएगा, साथ ही बॉटनी और बायोटेक्नोलॉजी के छात्र इस पर रिसर्च भी कर पाएंगे, जिससे छात्रों को जंगलों की खाक नहीं छाननी पड़ेगी. इस गार्डन के बनने से विद्यार्थियों को सुविधा के साथ-साथ पौध संरक्षण और बीज बनाने की प्रक्रिया भी की जानकारी मिलेगी.

खरगोन। जिले के विद्यार्थियों को पौध संस्कृति से जोड़ने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पीजी कॉलेज प्रबंधन एक नवाचार करने जा रहा है, जहां लुप्त होती वनस्पति और जैव प्रौद्योगिकी के छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल करने के लिए 8 एकड़ में वर्टिकल गार्डन लगाया जाएगा. जिले के अग्रणी शासकीय महाविद्यालय के बॉटनी के छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल के लिए अब जंगलों की खाक नहीं छानना पड़ेगी.

छात्र-छात्राओं को पौध संस्कृति से जोड़ने और वनस्पतियों के औषधीय गुणों की जानकारी देने के लिए 8 एकड़ में वर्टिकल गार्डन विकसित किया जाएगा. महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य शैल जोशी ने बताया कि विद्यार्थियों को पौध संस्कृति से जोड़ने और वनस्पति के औषधीय गुणों की जानकारी मिल सके, इसी उद्देश्य से जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष कलेक्टर गोपाल चन्द्र डाड, विधायक रवि जोशी, सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने 8 एकड़ रकबा देने के लिए शासन को पत्र लिखा है. जो जल्द ही स्वीकृत होगा.

प्राचार्य ने कहा कि इस गार्डन में 500 पौधे ऐसे होंगे, जिन्हें अब तक सिर्फ किताबों में पढ़ा गया है. इन पौधों को संरक्षित तो रखा ही जाएगा, साथ ही बॉटनी और बायोटेक्नोलॉजी के छात्र इस पर रिसर्च भी कर पाएंगे, जिससे छात्रों को जंगलों की खाक नहीं छाननी पड़ेगी. इस गार्डन के बनने से विद्यार्थियों को सुविधा के साथ-साथ पौध संरक्षण और बीज बनाने की प्रक्रिया भी की जानकारी मिलेगी.

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