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महाशिवरात्रि के मौके पर शिवालयों में लगी भक्तों की भीड़, हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी

महाशिवरात्रि के मौके पर शिवालयों में लगी भक्तों की भीड़, मां नर्मदा के दोनों तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

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Published : Mar 4, 2019, 4:59 PM IST

आस्था की डूबकी


शिव और शक्ति के मिलन की रात्रि महाशिवरात्रि पर्व पर खरगोंन बडवाह के प्राचीन शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. मां नर्मदा के दोनों तटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने पहुचकर मां नर्मदा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगायी है. महाशिवरात्रि पर्व पर पवित्र नदियों के जल में स्नान करने का विशेष महत्व होता है.

mahashivratri
आस्था की डूबकी

भक्तों द्वारा भगवान शिव का महारुद्राभिषेक दुग्धाभिषेक कर पूजा अर्चना का दौर जारी है जो देर रात तक चलता रहेगा. चार सालों के बाद महाशिवरात्रि पर्व सोमवार को आया है. शास्त्रों के अनुसार जो श्रद्धालु महाशिवरात्रि पर सच्चे मन से पूजा-अर्चना कर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं.भोलेनाथ उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं.बडवाह के प्राचीन नागेश्वर मंदिर, आनंदेश्वर मंदिर,भीमेश्वर महादेव मंदिर, जबरेश्वर महादेव मंदिर सहित कई मंदिरों में भक्तों के द्वारा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पूजा प्रारम्भ की गयी.

आस्था की डूबकी

वहीं पंडित गिरजाशंकर अत्रे ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती का विवाह हुआ था. जिससे महाशिवरात्रि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और तो और प्रयागराज में अर्धकुम्भ का आज आखरी स्नान होने से आज का महत्व अधिक माना गया हैं.


शिव और शक्ति के मिलन की रात्रि महाशिवरात्रि पर्व पर खरगोंन बडवाह के प्राचीन शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. मां नर्मदा के दोनों तटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने पहुचकर मां नर्मदा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगायी है. महाशिवरात्रि पर्व पर पवित्र नदियों के जल में स्नान करने का विशेष महत्व होता है.

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आस्था की डूबकी

भक्तों द्वारा भगवान शिव का महारुद्राभिषेक दुग्धाभिषेक कर पूजा अर्चना का दौर जारी है जो देर रात तक चलता रहेगा. चार सालों के बाद महाशिवरात्रि पर्व सोमवार को आया है. शास्त्रों के अनुसार जो श्रद्धालु महाशिवरात्रि पर सच्चे मन से पूजा-अर्चना कर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं.भोलेनाथ उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं.बडवाह के प्राचीन नागेश्वर मंदिर, आनंदेश्वर मंदिर,भीमेश्वर महादेव मंदिर, जबरेश्वर महादेव मंदिर सहित कई मंदिरों में भक्तों के द्वारा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पूजा प्रारम्भ की गयी.

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वहीं पंडित गिरजाशंकर अत्रे ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती का विवाह हुआ था. जिससे महाशिवरात्रि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और तो और प्रयागराज में अर्धकुम्भ का आज आखरी स्नान होने से आज का महत्व अधिक माना गया हैं.

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