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खरगोन : मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में अधिकारी-कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन - Opposition to the new Mandi Model Act

नए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी अधिकारी कर्मचारी संघ एसोसिएशन ने संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में व्यापारियों को लाभ पहुंचाने की बात कही गई है, जिसका लगातार विरोध किया जा रहा है.

Memorandum submitted to joint collector
संयुक्त कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 16, 2020, 3:46 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 5:01 PM IST

खरगोन । भारत सरकार के लाए गए मंडी मॉडल एक्ट के खिलाफ मंडी अधिकारी कर्मचारी संघ एसोसिएशन ने कृषि उपज मंडी से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली. एसोसिएशन के सदस्यों ने कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मॉडल एक्ट 2020 लागू नहीं करने की मांग की गई है. संघ के अध्यक्ष पनेंद्र सिंह पवार ने कहा कि नए मंडी मॉडल एक्ट के तहत व्यापारियों को छूट दी जा रही है कि वे किसानों का माल बाहर से खरीद सकते हैं, जिससे राजस्व का नुकसान होगा.

संयुक्त कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं खरगोन कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष रामवीर किरार ने बताया कि मंडी मॉडल एक्ट एक निजीकरण की ओर कदम है. जिसमें व्यापारियों को छूट दी गई है कि वे मंडी या बाहर से खरीदी कर सकते हैं. व्यापारियों को मंडी में एक रूपए किलो के हिसाब से टैक्स देना होगा. वहीं मंडी के बाहर टैक्स नहीं लगेगा.

जब व्यापारी बाहर बिना टैक्स का माल खरीदेंगे तो मंडी राजस्व का नुकसान होगा, साथ ही इसमें प्रावधान किया गया है कि मंडी वसूली के आधार पर सैलरी और भत्ते मिलेंगे.

खरगोन । भारत सरकार के लाए गए मंडी मॉडल एक्ट के खिलाफ मंडी अधिकारी कर्मचारी संघ एसोसिएशन ने कृषि उपज मंडी से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली. एसोसिएशन के सदस्यों ने कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मॉडल एक्ट 2020 लागू नहीं करने की मांग की गई है. संघ के अध्यक्ष पनेंद्र सिंह पवार ने कहा कि नए मंडी मॉडल एक्ट के तहत व्यापारियों को छूट दी जा रही है कि वे किसानों का माल बाहर से खरीद सकते हैं, जिससे राजस्व का नुकसान होगा.

संयुक्त कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं खरगोन कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष रामवीर किरार ने बताया कि मंडी मॉडल एक्ट एक निजीकरण की ओर कदम है. जिसमें व्यापारियों को छूट दी गई है कि वे मंडी या बाहर से खरीदी कर सकते हैं. व्यापारियों को मंडी में एक रूपए किलो के हिसाब से टैक्स देना होगा. वहीं मंडी के बाहर टैक्स नहीं लगेगा.

जब व्यापारी बाहर बिना टैक्स का माल खरीदेंगे तो मंडी राजस्व का नुकसान होगा, साथ ही इसमें प्रावधान किया गया है कि मंडी वसूली के आधार पर सैलरी और भत्ते मिलेंगे.

Last Updated : Jul 16, 2020, 5:01 PM IST
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