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खरगोन की बेटियों ने किया प्रदेश का नाम रोशन, दो बहनों के बनाए प्रोजेक्ट को नासा और इसरो ने सराहा - Madhya Pradesh

खरगोन की दो बेटियों ने प्रदेश और देश का नाम रौशन किया है. दरअसल, शहर के अभ्युदय विद्या स्थली में पढ़ने वाली दो बहनों द्वारा एक अंतरिक्ष प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिसे नासा ने स्वीकार करते हुए उपर काम करने की सहमति जताई है.

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Published : Mar 30, 2019, 9:43 PM IST

खरगोन। शहर की दो बेटियों ने प्रदेश और देश का नाम रौशन किया है. दरअसल, शहर के अभ्युदय विद्या स्थली में पढ़ने वाली दो बहनों द्वारा एक अंतरिक्ष प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिसे नासा ने स्वीकार करते हुए उपर काम करने की सहमति जताई है. भविष्य में इस प्रोजेक्ट पर काम करने में दोनों का पूरा सहयोग करने की बात भी कही है.

छात्राएं


दीया ओर परी ने नासा में अपने प्रोजेक्ट जमा किए थे, जिसको नासा और इसरों ने स्वीकार किया है. दीया ने बताया कि उन्हें स्कूल के टीचर ने इंटर नेशनल विज्ञान प्रतियोगिता की जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्हीं के मार्गदर्शन में दोनों ने एक प्रोजेक्ट बनाया था. यह प्रोजेक्ट मरने के बाद स्पेस में किस तरह रह सकते है, इस पर बनाया गया था. इसके बाद दोनों बहनो ने इस प्रोजेक्ट को नासा में भेज था. उन्होंने बताया कि वहां पर हमारे प्रोजेक्ट को नासा ने स्वीकार करते हुए इसपर कार्य करने की सहमति जताई है. साथ ही उन्हें आमंत्रित किया है और भविष्य में हर तरह से सहयोग करने की बात कही है.


वहीं इसरों के वैज्ञानिक रवि वर्मा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभाओं में निखार लाने के लिए इसरों द्वारा जितने भी अभियान चलाए है, उन सभी की छोटे साइज में एक और दो अप्रैल को प्रदर्शनी लगाकर बच्चों और पालकों को जानकारी दी जाएगी.

खरगोन। शहर की दो बेटियों ने प्रदेश और देश का नाम रौशन किया है. दरअसल, शहर के अभ्युदय विद्या स्थली में पढ़ने वाली दो बहनों द्वारा एक अंतरिक्ष प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिसे नासा ने स्वीकार करते हुए उपर काम करने की सहमति जताई है. भविष्य में इस प्रोजेक्ट पर काम करने में दोनों का पूरा सहयोग करने की बात भी कही है.

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दीया ओर परी ने नासा में अपने प्रोजेक्ट जमा किए थे, जिसको नासा और इसरों ने स्वीकार किया है. दीया ने बताया कि उन्हें स्कूल के टीचर ने इंटर नेशनल विज्ञान प्रतियोगिता की जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्हीं के मार्गदर्शन में दोनों ने एक प्रोजेक्ट बनाया था. यह प्रोजेक्ट मरने के बाद स्पेस में किस तरह रह सकते है, इस पर बनाया गया था. इसके बाद दोनों बहनो ने इस प्रोजेक्ट को नासा में भेज था. उन्होंने बताया कि वहां पर हमारे प्रोजेक्ट को नासा ने स्वीकार करते हुए इसपर कार्य करने की सहमति जताई है. साथ ही उन्हें आमंत्रित किया है और भविष्य में हर तरह से सहयोग करने की बात कही है.


वहीं इसरों के वैज्ञानिक रवि वर्मा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभाओं में निखार लाने के लिए इसरों द्वारा जितने भी अभियान चलाए है, उन सभी की छोटे साइज में एक और दो अप्रैल को प्रदर्शनी लगाकर बच्चों और पालकों को जानकारी दी जाएगी.

Intro:एंकर खरगोन जिले की दो बेटियों ने निमाड़ का गौरव बढ़ाया है। अभ्युद्द्य विद्या स्थली की दो बहनों का इसरो और नासा ने उनके द्वारा बनाए प्रोजेक्ट को मान्यता देते हुए। नासा ने दोनों बहनों हो इसरों में आमंत्रित कर हर तरह से सहयोग करने का आश्वासन दिया है।


Body:खरगोन की निजी शिक्षण संस्था में पढ़ने वाली दो बहनों दीया ओर परी ने निमाड़ का गौरव बढ़ाते हुए ओर नासा में अपने प्रोजेक्ट सम्मिट किए थे। जिसको नासा और इसरों ने मान्यता देते हुए । इन दोनों बहनों को हर तरह की सुविधाए देने की बात कही। दीया ने बताया कि हमारे स्कूल के टीचर ने हमे बताया कि इंटर नेशनल विज्ञान प्रतियोगिता होने वाली है। उन्ही के मार्गदर्शन में हमने एक प्रोजेक्ट बनाया जिसमे हमारे मरने के बाद स्पेस में हम किस तरह रह सकते है। इसको लेकर हम दो बहनो ने इस प्रोजेक्ट तैयार कर हमारे टीचर के मित्र के सहयोग से नासा को भेजा। वहां पर हमारे प्रोजेक्ट को नासा ने स्वीकार करते हुए । हुए । इस प्रोजेक्ट पर कार्य करने की सहमति जताते हुए हमें आमंत्रित किया है। साथ ही भविष्य में हर तरह से सहयोग करने की बात कही है। बाइट- दिया अग्रवाल वही दीया के पिता राजू अग्रवाल ने बताया कि बेटियों में टेलेंट था। नासा द्वारा इस प्रोजेक्ट की मंजूरी देने पर मैं स्कूल के शिक्षकों को इसका श्रेय दूंगा। क्योकि उनके मार्गदर्शन में ही प्रोजेक्ट तैयार कर सम्मिट करवाया है और बेटियों की इस सफलता से इतना खुश हूं कि मैं बता नही सकता। बाइट-राजू अग्रवाल पिता इसरों के वैज्ञानिक रवि वर्मा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभाओं में निखार लाने के लिए इसरों द्वारा जितने भी अभियान चलाए है। उन सभी की छोटे साइज में एक ओर दो अप्रेल को प्रर्दशनी लगाकर बच्चों और पालको को जानकारी दी जाएगी। बाइट- रवि वर्मा इसरों वैज्ञानिक


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