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खरगोन: चुनाव ड्यूटी पर भेजने से पहले प्रशासन ने कर्मचारियों का कराया मेडिकल टेस्ट

लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है. यही कारण है कि मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर बचने चुनावी ड्यूटी से बचने वाले कर्मचारियों का मेडिकल टेस्ट करायाए गए. जिसमें करीब 72 कर्मचारियों का टेस्ट हुआ .

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Published : Apr 4, 2019, 5:59 PM IST

चुनावी ड्यूटी पर भेजने से पहले मेडिकल टेस्ट

खरगोन। लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजने से पहले जिला प्रशासन ने कर्मचारियों का मेडिकल टेस्ट करावाए हैं. यह भी देखा गया है कि कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए कई बार मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर बचने की कोशिश करते हैं.


जिसको देखते हुए खरगोन जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट सभागार में मेडिकल बोर्ड के द्वारा कर्मचारियों की मेडिकल चांज करवाने का फैसला किया है. उप जिला निर्वाचन अधिकारी एनएल कनेल का कहना है कि इस बार हमने चुनाव की ड्यूटी से बचने वाले कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों के माध्यम से बीमार होने की बात कही गई थी. जिस कारण कर्मचारियों का मेडिकल कराया गया है. जांच के बाद ही कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजा जाएगा.

लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर

वहीं मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टर एमएस बार्चे ने बताया कि यहां कुल 72 कार्मचारियों का टेस्ट किया गया है. जिनमें हार्ट, केंसर जैसी बीमारियां पाई गई हैं. जिनमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो अपने आप को अनफिट मानते थे. जिन्हें कोई बीमारी नहीं थी. उनकी काउंसलिंग कर समझया गया और चुनावी ड्यूटी कराने के तैयार किया गया है.

खरगोन। लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजने से पहले जिला प्रशासन ने कर्मचारियों का मेडिकल टेस्ट करावाए हैं. यह भी देखा गया है कि कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए कई बार मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर बचने की कोशिश करते हैं.


जिसको देखते हुए खरगोन जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट सभागार में मेडिकल बोर्ड के द्वारा कर्मचारियों की मेडिकल चांज करवाने का फैसला किया है. उप जिला निर्वाचन अधिकारी एनएल कनेल का कहना है कि इस बार हमने चुनाव की ड्यूटी से बचने वाले कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों के माध्यम से बीमार होने की बात कही गई थी. जिस कारण कर्मचारियों का मेडिकल कराया गया है. जांच के बाद ही कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजा जाएगा.

लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर

वहीं मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टर एमएस बार्चे ने बताया कि यहां कुल 72 कार्मचारियों का टेस्ट किया गया है. जिनमें हार्ट, केंसर जैसी बीमारियां पाई गई हैं. जिनमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो अपने आप को अनफिट मानते थे. जिन्हें कोई बीमारी नहीं थी. उनकी काउंसलिंग कर समझया गया और चुनावी ड्यूटी कराने के तैयार किया गया है.

Intro:खरगोन
चुनाव आते ही निर्वाचन कार्यो में ड्यूटी लगने के भय से शासकीय कर्मचारी बीमारी का बहाना कर मेडिकल सर्टिफिकेट लगा कर ड्यूटी से बचने का प्रयास करते है। परन्तु इस बार जिला प्रशासन ने अपनी कमर कसते हुए पहली बार जिला कलेक्ट्रोरेट के सभा ग्रह में एक साथ मेडिकल जांच करवाई गई।


Body:खरगोन में आज निर्वाचन ड्यूटी से बचने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव ड्यूटी से बच जाते है। परन्तु इस बार जिला प्रशासन ने पहली बार चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए जिन कर्मचारियों ने मेडिकल लगाया था । उनको बुलवाकर कलेक्टर सभा ग्रह में मेडिकल बोर्ड बैठा कर जांच करवाई गई। इसको लेकर उप जिला निर्वाचन अधिकारी एनएल कनेल ने कहा कि इस बार हमने चुनाव की ड्यूटी से बचने वाले कर्मचारियों द्वारा और उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दस्तावेजो के माध्यम से बीमार होने की बात कही गई थी। जिसमे 72 कर्मचारियों का मेडिकल किया गया है।
byte - एमएल कनेल उप जिला निर्वाचन अधिकारी
वही मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टर एमएस बार्चे ने बताया कि यहां कुल 72 लोगों को बुलाया गया है। जिनमे हार्ट, एक्सीडेंट केंसर से पीड़ित कर्मचारी है। जिनमे कुछ लोग ऐसे भी थे जो अपने आप को अनफिट मानते थे। परन्तु कोई बीमारी नही थी । उनकी काउंसलिंग कर समझया गया ओर वे चुनावी ड्यूटी करने को तैयार हो गए।
बाइट डॉ एमएस बार्चे मेडिकल बोर्ड


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