नई दिल्ली : क्रिकेट मैच को सफलतापूर्वक पूरा कराने के लिए कुछ लोग तो सामने दिखते हैं कुछ लोग पर्दे के पीछे काम करते हैं. किसी को जमकर तारीफ मिलती है और उनको खूब सराहा जाता है लेकिन कुछ बस अपना काम करते रहते हैं उनको कोई ज्यादा नहीं पहचानता.
खिलाड़ी, अंपायर और कोच ही ऐसे लोग हैं जो क्रिकेट मैच को कामयाब बनाते हैं जिनकी भूमिका सबको दिखाई देती है, लेकिन मैच पूरा कराने और उसको सफल बनाने के लिए ग्राउंड स्टाफ जमकर मेहनत करता है, उनके बारे में कौन नहीं जानता, लेकिन इस कहानी में ग्राउंड स्टाफ की सैलरी कितनी है? उनके कर्तव्य क्या हैं? आइए जानते हैं.
ये उनका काम है
ग्राउंड स्टाफ पिच की तैयारी, आउटफील्ड के रखरखाव और उचित जल निकासी प्रणाली की व्यवस्था की निगरानी करता है, ताकि बारिश होने पर भी मैदान से पानी आसानी से चला जाए. इसके अलावा वह बाउंड्री के बाद सीमा पर लगी हुई रस्सियों के उथल पुथल होने के बाद ठीक करते हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ग्राउंड स्टाफ की सैलरी 30,000 रुपये प्रति माह तक होती है. यह वेतन देश के आधार पर भिन्न हो सकता है.
इस तरह होती है ग्राउंड स्टाफ की कमाई
अनुभव
ग्राउंड स्टाफ का वेतन अनुभव और स्टेडियम के स्थान के आधार पर भिन्न हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर राज करने वाले भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में सैलरी ऊंची होती है.
उपहार के रूप में
भारत समेत कुछ अन्य देशों में ग्राउंड स्टाफ की सैलरी को लेकर एक परंपरा है. टीमें या क्रिकेट बोर्ड मैच के बाद ग्राउंड स्टाफ को पिच रखरखाव के प्रोत्साहन के लिए उपहार के रूप में प्रदान करता है.
करार
कुछ ग्राउंड स्टाफ क्रिकेट बोर्ड और क्लबों के साथ अनुबंध करते हैं. इसके साथ ही इसमें स्वास्थ्य बीमा, भविष्य निधि और अन्य लाभ शामिल हैं. इससे ग्राउंड स्टाफ की सैलरी ज्यादा बढ़ती है
ग्राउंड स्टाफ के लिए चुनौतियां
क्रिकेट सूत्रों का कहना है कि स्टेडियम के रखरखाव में अहम भूमिका निभाने के बावजूद ग्राउंड स्टाफ को उम्मीद के मुताबिक सैलरी नहीं मिल रही है. केवल विश्व कप या प्रतिष्ठित सीरीज में ही क्रिकेट बोर्ड उनके लिए बोनस और नजराना की घोषणा करते हैं. इसीलिए ग्राउंड स्टाफ की सैलरी पर चर्चा हो रही है.