ETV Bharat / state

अनलॉक के बाद महेश्वर पहुंचने लगे लोग, नर्मदा के तट पर ले रहे प्रकृति का आनंद

author img

By

Published : Sep 30, 2020, 9:49 AM IST

अनलॉक-4 के बाद पूरे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. वहीं खरगोन जिले और आसपास के जिलों के लोग कोरोना से उभर कर ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी महेश्वर की ओर रुख करने लगे हैं.

Tourism starts once again in Maheshwar
महेश्वर में एक बार फिर पर्यटन शुरू

खरगोन। जिले की ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी महेश्वर में मां नर्मदा के आंचल किनारे मां अहिल्या का होलकर वंश का किला अपने आप में मनमोहक दृश्य निर्मित करता है. जो लोगों को आकर्षित भी करता है. कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद से घाटों पर पसरा सन्नाटा अब अनलॉक-4 के बाद खरगोन के आसपास के अन्य जिलों के लोग अब कोरोना की तनावभरी जिंदगी छोड़ अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं.

महेश्वर में एक बार फिर पर्यटन शुरू

इंदौर से अपने परिवार के साथ आई दीक्षा ने बताया कि महेश्वर को मां अहिल्या का शहर माना जाता है. यहां पर आकर्षक किला और कई मंदिर बनवाए हैं. बड़ी बात यह है कि यहां पर किले के पास नर्मदा नदी बहती है. जिसका किले से मां अहिल्या दर्शन करती थीं. महेश्वर काफी प्रसिद्ध जगह है. यहां फिल्मों की शूटिंग भी हुई है, जिससे यह प्रसिद्ध हुआ है.

यहां किले की नक्काशेदार आर्किटेक्चर देखने योग्य है. दीक्षा ने बताया कि मां अहिल्या के किले का आर्किटेक्चर देख कर लगता है कि उस समय कारीगर कितने कुशल होते थे, जिन्होंने नक्काशी की है. किले की दीवारें पुरानी हो चुकी हैं. इसे नया कर ताज महल की तरह संरक्षित करने की जरूरत है. जिससे आने वाली पीढ़ी को इसे जानने का मौका मिल सके.

एक अन्य पर्यटक सूर्यप्रकाश ने बताया कि महेश्वर पौराणिक नगरी है. यहां शहस्त्र धारा है. सहस्त्रबाहु राजा मान्धाता की मान्यता है, जिससे महेश्वर को पौराणिक नगरी कहा जाता है. यहां मां नर्मदा के किनारे सुकून ओर शांति मिलती है. ऐसा लगता है कि जीवन का अंत है. अपने भावों को मां नर्मदा की लहरों में बहा दें.

अपने परिवार के साथ आईं खुशबू बताती हैं कि यह काफी पुराना और अच्छा पर्यटन स्थल है. यहां से 6 किलोमीटर दूर सहस्त्र धारा है, जो आकर्षण का केंद्र है.

महेश्वर के बोट चालक ने बताया कि लॉक डाउन के कारण पर्यटन प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन खुलने से पर्यटक तो आने लगे हैं. लेकिन किले के गेट बंद होने से रौनक नहीं है.

महेश्वर के नवीन ने अपनी कविता के माध्यम से मां नर्मदा और महेश्वर का यश गान करते हुए कहा कि महेश्वर मां अहिल्या की कहानी है. मन को निर्मल कर दे ऐसा नर्मदा का पानी है. एक बार महेश्वर आकर देखो, विश्व मे मां अहिल्या एक मात्र ऐसी रानी है, जिसके आगे मां शब्द लगा है.

इसी के साथ सौभाग्य है कि मां अहिल्या के साथ मां नर्मदा का तट है. अभी कोरोना के कारण लोग मानसिक रूप से डिप्रेशन में हैं. मां नर्मदा के तट पर आकर मां नर्मदा को अपने मन की बात कहने से समस्याओं का समाधान मिलता है. साथ ही मां नर्मदा की लहर मन को सुकून देता है.

खरगोन। जिले की ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी महेश्वर में मां नर्मदा के आंचल किनारे मां अहिल्या का होलकर वंश का किला अपने आप में मनमोहक दृश्य निर्मित करता है. जो लोगों को आकर्षित भी करता है. कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद से घाटों पर पसरा सन्नाटा अब अनलॉक-4 के बाद खरगोन के आसपास के अन्य जिलों के लोग अब कोरोना की तनावभरी जिंदगी छोड़ अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं.

महेश्वर में एक बार फिर पर्यटन शुरू

इंदौर से अपने परिवार के साथ आई दीक्षा ने बताया कि महेश्वर को मां अहिल्या का शहर माना जाता है. यहां पर आकर्षक किला और कई मंदिर बनवाए हैं. बड़ी बात यह है कि यहां पर किले के पास नर्मदा नदी बहती है. जिसका किले से मां अहिल्या दर्शन करती थीं. महेश्वर काफी प्रसिद्ध जगह है. यहां फिल्मों की शूटिंग भी हुई है, जिससे यह प्रसिद्ध हुआ है.

यहां किले की नक्काशेदार आर्किटेक्चर देखने योग्य है. दीक्षा ने बताया कि मां अहिल्या के किले का आर्किटेक्चर देख कर लगता है कि उस समय कारीगर कितने कुशल होते थे, जिन्होंने नक्काशी की है. किले की दीवारें पुरानी हो चुकी हैं. इसे नया कर ताज महल की तरह संरक्षित करने की जरूरत है. जिससे आने वाली पीढ़ी को इसे जानने का मौका मिल सके.

एक अन्य पर्यटक सूर्यप्रकाश ने बताया कि महेश्वर पौराणिक नगरी है. यहां शहस्त्र धारा है. सहस्त्रबाहु राजा मान्धाता की मान्यता है, जिससे महेश्वर को पौराणिक नगरी कहा जाता है. यहां मां नर्मदा के किनारे सुकून ओर शांति मिलती है. ऐसा लगता है कि जीवन का अंत है. अपने भावों को मां नर्मदा की लहरों में बहा दें.

अपने परिवार के साथ आईं खुशबू बताती हैं कि यह काफी पुराना और अच्छा पर्यटन स्थल है. यहां से 6 किलोमीटर दूर सहस्त्र धारा है, जो आकर्षण का केंद्र है.

महेश्वर के बोट चालक ने बताया कि लॉक डाउन के कारण पर्यटन प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन खुलने से पर्यटक तो आने लगे हैं. लेकिन किले के गेट बंद होने से रौनक नहीं है.

महेश्वर के नवीन ने अपनी कविता के माध्यम से मां नर्मदा और महेश्वर का यश गान करते हुए कहा कि महेश्वर मां अहिल्या की कहानी है. मन को निर्मल कर दे ऐसा नर्मदा का पानी है. एक बार महेश्वर आकर देखो, विश्व मे मां अहिल्या एक मात्र ऐसी रानी है, जिसके आगे मां शब्द लगा है.

इसी के साथ सौभाग्य है कि मां अहिल्या के साथ मां नर्मदा का तट है. अभी कोरोना के कारण लोग मानसिक रूप से डिप्रेशन में हैं. मां नर्मदा के तट पर आकर मां नर्मदा को अपने मन की बात कहने से समस्याओं का समाधान मिलता है. साथ ही मां नर्मदा की लहर मन को सुकून देता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.