ETV Bharat / state

खरगोन जिला अस्पताल में बढ़ने लगे मौसमी बीमारियों के मरीज, एक बेड पर दो पेशेंट करवा रहे इलाज

खरगोन में कोरोना वायरस पहले से कोहराम मचाए हुए है. ऐसे में अब मौसमी बीमारियों से ग्रासित मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं. भारी संख्या में मरीजों के पहुंचने से जिला अस्पताल में बेड की कमी हो गई है. ऐसे में या तो एक ही बेड पर दो मरीज लेटे हैं, या फिर अस्पताल में पलंग नहीं मिलने से मरीज बरामदे में लेटकर इलाज करवा रहे हैं.

Seasonal diseases increase patient
मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 2:12 PM IST

खरगोन। मौसम बदलते ही जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों के आने का सिलसिला तेजी से बढ़ने लगा है. आचानक मरीजों के बढ़ने से एक ही बेड पर दो- दो मरीजों को सुलाना पड़ रहा है या फिर अस्पताल में पलंग नहीं मिलने से मरीज बरामदे में लेटकर इलाज करवा रहे हैं. ऐसे में मरीजों के साथ आने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पा रहे हैं.

मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़

जिले में कोरोना के साथ- साथ मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज बढ़ने से हालात बेकाबू हो गए हैं, पत्नी को लेकर आए नवलपुरा के जयपाल किराड़े ने बताया कि, 'मैं अपनी पत्नी का इलाज कराने आया हूं. यहां वार्ड फूल हो गए हैं. जिससे मरीजों को मजबूरी में अस्पताल परिसर के बरामदे में सोकर इलाज करना पड़ रहा है'. साथ ही जयपाल ने बताया कि, यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा. एक पलंग पर दो से तीन मरीज और बरामदे में एक बिस्तर पर चार से पांच मरीज बैठे हैं.

Seasonal diseases increase patient
मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़

वहीं डॉक्टर आशीष अवाया ने बताया की, अस्पताल में मौसम परिवर्तन के बाद सर्दी- खांसी, उल्टी- दस्त, बुखार और वायरल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं. वार्ड में बेड कम होने से मरीजों को बरामदे में सुलाकर इलाज करना पड़ रहा है.

खरगोन। मौसम बदलते ही जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों के आने का सिलसिला तेजी से बढ़ने लगा है. आचानक मरीजों के बढ़ने से एक ही बेड पर दो- दो मरीजों को सुलाना पड़ रहा है या फिर अस्पताल में पलंग नहीं मिलने से मरीज बरामदे में लेटकर इलाज करवा रहे हैं. ऐसे में मरीजों के साथ आने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पा रहे हैं.

मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़

जिले में कोरोना के साथ- साथ मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज बढ़ने से हालात बेकाबू हो गए हैं, पत्नी को लेकर आए नवलपुरा के जयपाल किराड़े ने बताया कि, 'मैं अपनी पत्नी का इलाज कराने आया हूं. यहां वार्ड फूल हो गए हैं. जिससे मरीजों को मजबूरी में अस्पताल परिसर के बरामदे में सोकर इलाज करना पड़ रहा है'. साथ ही जयपाल ने बताया कि, यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा. एक पलंग पर दो से तीन मरीज और बरामदे में एक बिस्तर पर चार से पांच मरीज बैठे हैं.

Seasonal diseases increase patient
मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़

वहीं डॉक्टर आशीष अवाया ने बताया की, अस्पताल में मौसम परिवर्तन के बाद सर्दी- खांसी, उल्टी- दस्त, बुखार और वायरल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं. वार्ड में बेड कम होने से मरीजों को बरामदे में सुलाकर इलाज करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.